मुख्य बिंदु:
- पाहलगाम आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद भारत ने UNSC में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा उठाया।
- भारत को 15 में से 13 UNSC सदस्य देशों का समर्थन प्राप्त हुआ है, केवल चीन और पाकिस्तान ने समर्थन नहीं किया।
- भारत ने इस मुद्दे को द्विपक्षीय विवाद के बजाय अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के रूप में प्रस्तुत किया है।
- पाकिस्तान ने भारत पर आक्रामकता और उकसावे का आरोप लगाया है, जबकि भारत ने पाकिस्तान को आतंकवाद का वैश्विक केंद्र बताया है।
- भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक कदम उठाते हुए डाक सेवाएं, व्यापार और जल संधि को निलंबित किया है।
भारत का UNSC में पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक हमला: एक विस्तृत विश्लेषण
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला दिया। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई, जिनमें अधिकांश हिंदू पर्यटक थे। हमले की जिम्मेदारी पहले ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली, जो कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी माना जाता है। हालांकि, बाद में TRF ने अपनी जिम्मेदारी से इनकार कर दिया।
इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को समर्थन देने का आरोप लगाया और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में इस मुद्दे को उठाने का निर्णय लिया। भारत ने इस मुद्दे को द्विपक्षीय विवाद के बजाय अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के रूप में प्रस्तुत किया, जिससे उसे वैश्विक समर्थन प्राप्त हो सके।
भारत को UNSC के 15 में से 13 सदस्य देशों का समर्थन प्राप्त हुआ है। केवल चीन और पाकिस्तान ने इस मुद्दे पर भारत का समर्थन नहीं किया। भारत ने इस समर्थन के माध्यम से पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग करने की कोशिश की है।
भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवाद का वैश्विक केंद्र होने का आरोप लगाया है और कहा है कि पाकिस्तान में 20 से अधिक UN द्वारा सूचीबद्ध आतंकी संगठन सक्रिय हैं। भारत ने यह भी कहा है कि पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसियां इन आतंकी संगठनों को समर्थन देती हैं।
पाकिस्तान ने भारत के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि भारत की आक्रामकता और उकसावे से क्षेत्रीय शांति को खतरा है। पाकिस्तान ने UNSC में भारत के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है और कहा है कि भारत की कार्रवाइयों से क्षेत्रीय और वैश्विक शांति को खतरा है।
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कूटनीतिक कदम उठाए हैं, जिनमें डाक सेवाओं का निलंबन, व्यापार पर प्रतिबंध और सिंधु जल संधि को निलंबित करना शामिल है। इन कदमों से भारत ने पाकिस्तान पर दबाव बनाने की कोशिश की है।
भारत का यह कूटनीतिक कदम न केवल पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग करने की कोशिश है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाने में सक्षम है। यह कदम भारत की बढ़ती कूटनीतिक शक्ति और वैश्विक मंच पर उसकी बढ़ती भूमिका का प्रतीक है।
पाहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है और UNSC में इस मुद्दे को उठाकर वैश्विक समर्थन प्राप्त किया है। भारत का यह कदम न केवल पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग करने की कोशिश है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाने में सक्षम है। यह कदम भारत की बढ़ती कूटनीतिक शक्ति और वैश्विक मंच पर उसकी बढ़ती भूमिका का प्रतीक है।
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