Key Highlights (मुख्य बिंदु):
- भारत ने पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक X (पहले ट्विटर) अकाउंट को किया ब्लॉक
- जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद बढ़ा तनाव
- भारत में अकाउंट “withheld” यानि अस्थायी रूप से निलंबित किया गया
- यह कार्रवाई भारत-पाक रिश्तों में डिजिटल मोर्चे पर बड़ी प्रतिक्रिया मानी जा रही है
भारत ने किया पाकिस्तान सरकार के X अकाउंट को सस्पेंड – जानिए क्या है इसके पीछे की वजह
जब भी भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति होती है, तो उसका असर सिर्फ सीमाओं तक सीमित नहीं रहता, बल्कि डिजिटल दुनिया में भी दिखाई देता है। ऐसा ही एक उदाहरण हाल ही में देखने को मिला जब भारत ने पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट को भारत में ब्लॉक कर दिया। यह कदम अचानक नहीं बल्कि एक बहुत ही संवेदनशील घटना के बाद उठाया गया है।
जम्मू-कश्मीर में पहलगाम आतंकी हमला: एक ट्रिगर पॉइंट
पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में एक आतंकी हमला हुआ, जिसमें भारत के कई जवान घायल हुए। यह हमला उस समय हुआ जब अमरनाथ यात्रा की तैयारियां जोरों पर थीं। ऐसे हमले न केवल शारीरिक नुकसान पहुंचाते हैं बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी देश को झकझोरते हैं।
पहले जहां जवाब गोली से दिया जाता था, अब डिजिटल डिप्लोमेसी का युग आ गया है। भारत सरकार ने X प्लेटफॉर्म पर मौजूद पाकिस्तान सरकार के हैंडल को “withheld” कर दिया है। इसका मतलब है कि अब यह अकाउंट भारत में किसी भी यूजर को दिखाई नहीं देगा।
क्या है “Withheld” करने का कानूनी आधार?
भारतीय आईटी अधिनियम के तहत भारत सरकार किसी भी सोशल मीडिया अकाउंट को उस स्थिति में ब्लॉक कर सकती है जब वह राष्ट्रीय सुरक्षा, लोक व्यवस्था, या विद्वेष फैलाने के खतरे का कारण बने। यह कानून विशेष रूप से ऐसे विदेशी अकाउंट्स पर लागू होता है जो भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त हों।
नहीं, इससे पहले भी भारत ने पाकिस्तान से जुड़े कई अकाउंट्स को सस्पेंड किया है, जिनमें ISPR (Inter-Services Public Relations) जैसे सरकारी या अर्द्ध-सरकारी हैंडल्स शामिल रहे हैं। लेकिन सरकारी हैंडल पर कार्रवाई एक बड़ा और कड़ा संकेत माना जाता है।
इसका क्या असर पड़ेगा?
- डिप्लोमैटिक लेवल पर भारत ने यह संदेश दे दिया है कि आतंकवाद को किसी भी रूप में सहन नहीं किया जाएगा।
- सोशल मीडिया यूजर्स को इससे यह मैसेज मिला है कि सरकार डिजिटल स्पेस को भी गंभीरता से ले रही है।
- पाकिस्तान सरकार को अपनी डिजिटल छवि को लेकर अब ज्यादा सतर्क रहना होगा।
एक रिपोर्टर के तौर पर मैंने देखा है कि सोशल मीडिया अब सिर्फ विचारों के आदान-प्रदान का माध्यम नहीं रहा। यह नीति-निर्धारण का हथियार बन चुका है। जब एक सरकार दूसरी सरकार की डिजिटल उपस्थिति को सीमित करती है, तो यह सिर्फ एक तकनीकी कदम नहीं होता—यह एक रणनीतिक और कूटनीतिक स्टेटमेंट होता है।