भारतीय घरों में बच्चों का प्रभाव अब केवल खिलौनों तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि वे कई उत्पाद श्रेणियों में खरीद निर्णयों को प्रभावित कर रहे हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, इनकी “पेस्टर पावर” अब केवल उनके लिए सीधे संबोधित उत्पादों तक सीमित नहीं है।
जेनरेशन अल्फा: पूरी तरह से ऑनलाइन दुनिया में जन्मी पहली पीढ़ी
जेनरेशन अल्फा, यानी वे बच्चे जो 2010 के बाद पैदा हुए हैं, पहली ऐसी पीढ़ी हैं जो पूरी तरह से ऑनलाइन दुनिया में पली-बढ़ी है। ग्रुपएम, साउथ एशिया के चीफ ग्रोथ ऑफिसर एम ए पार्थसारथी कहते हैं, “इसका मतलब है कि जब वे 5-6 साल के थे, तब उनके हाथों में आईपैड या मोबाइल फोन दे दिए गए थे। उनकी शिक्षा और जुड़ाव का अधिकांश हिस्सा ऑनलाइन हुआ है।”
ऑनलाइन जानकारी और प्रभाव का उच्च स्तर
इन बच्चों की जानकारी और विभिन्न चीजों के प्रति खुलापन अत्यधिक है। पार्थसारथी कहते हैं, “वे उन श्रेणियों में भी प्रभाव डालते हैं जिनके वे प्राथमिक उपभोक्ता नहीं हैं, जैसे कि इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल्स, या यहां तक कि अवकाश यात्रा।”
ब्रांड खोज का प्रमुख स्रोत
एक सर्वेक्षण के अनुसार, ये बच्चे अपने माता-पिता के लिए ब्रांड खोज के शीर्ष स्रोतों में से एक हैं, जो ई-कॉमर्स वेबसाइटों और ऑनलाइन विज्ञापनों से भी आगे हैं। पार्थसारथी के अनुसार, “जब वे किसी ऐसी चीज़ की मांग करते हैं जिसे माता-पिता ने सोचा भी नहीं था, तो 55% माता-पिता ने वह वस्तु खरीद ली।”
तकनीकी प्रभावक के रूप में उभरते जेन अल्फा
कांटर, साउथ एशिया के निदेशक पुणीत अवस्थी कहते हैं, “तकनीक के साथ उनकी सहजता और समस्या समाधान की क्षमताओं ने उनके दृष्टिकोण के चारों ओर एक विश्वसनीयता का वातावरण बना दिया है।” एक मल्टी-मार्केट सर्वेक्षण में माता-पिता ने स्वीकार किया कि आठ साल की उम्र तक उनके बच्चे तकनीक में उनसे अधिक निपुण हो जाते हैं।
परिवारों के फैसलों में बढ़ती भूमिका
जेन अल्फा की बढ़ती भूमिका का मुख्य कारण यह भी है कि वे भारत की सबसे बड़ी जनसंख्या समूह हैं, जो कुल जनसंख्या का 25% हिस्सा हैं। पार्थसारथी कहते हैं, “वे पॉकेट मनी के साथ बड़े हो रहे हैं और 18 साल की उम्र तक कई लोग फ्रीलांस काम करके पैसे कमाएंगे।”
आवाज और दृश्य पीढ़ी
मार्केटर्स को ध्यान देना चाहिए कि जेन अल्फा आवाज और दृश्य पीढ़ी है। पार्थसारथी कहते हैं, “वे सिरी और एलेक्सा को वॉयस कमांड देते हैं। वे हमारे जैसे गूगल सर्च का उपयोग नहीं करेंगे।”
पारंपरिक केबल टीवी से दूर
यह पीढ़ी पारंपरिक केबल टेलीविजन के युग में नहीं पली-बढ़ी है और स्मार्ट टीवी के युग में जी रही है। इसलिए, यह मान लेना उचित है कि वे एक रेखीय केबल कनेक्शन की सदस्यता नहीं लेंगे।
ऑनलाइन कंटेंट और गेमिंग में रूचि
जेन अल्फा बच्चों का मुख्य आकर्षण ऑनलाइन कंटेंट और गेमिंग है। उनके आदर्श रोल मॉडल शिक्षक या माता-पिता नहीं, बल्कि डिजिटल दुनिया में हैं। अवस्थी कहते हैं, “वे मुद्दों जैसे कि समावेशिता और स्थिरता के प्रति बहुत संवेदनशील हैं और किसी भी प्रकार की विचलन उनके ध्यान में आ जाती है।”
निष्कर्ष
जेन अल्फा के प्रभाव को समझना और स्वीकारना अब ब्रांड्स और बाजार के लिए महत्वपूर्ण हो गया है। पार्थसारथी और अवस्थी के अनुसार, इस पीढ़ी की विशेषताओं और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए मार्केटिंग रणनीतियों को ढालना आवश्यक है।
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