दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता बिगड़ती जा रही है, और इसी के चलते वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण 2 को सक्रिय कर दिया है। 8 बजे सुबह SAFAR द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 317 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। इस लेख में हम आपको GRAP के चरण 2 के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे और समझाएंगे कि यह दिल्लीवासियों के लिए क्या मायने रखता है।
GRAP (Graded Response Action Plan) क्या है?
GRAP एक आपातकालीन प्रतिक्रिया योजना है, जिसे तब लागू किया जाता है जब दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता स्तर बहुत खराब हो जाता है। यह चार चरणों में विभाजित है, जो वायु गुणवत्ता के आधार पर सक्रिय होते हैं। GRAP का चरण 2 तब लागू होता है जब AQI 301 से 400 के बीच होता है, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। यह दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण को कम करने के लिए सख्त कदम उठाने का संकेत देता है।
GRAP चरण 2 के तहत प्रतिबंध
- कोयला और लकड़ी का उपयोग प्रतिबंधित: दिल्ली-एनसीआर में कोयला और लकड़ी के जलने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इससे प्रदूषण फैलाने वाले स्रोतों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
- डीजल जेनरेटर सेट्स पर प्रतिबंध: डीजल से चलने वाले जेनरेटर सेट्स का उपयोग भी प्रतिबंधित किया गया है, जो कि आमतौर पर कई व्यावसायिक और आवासीय क्षेत्रों में बैकअप पावर के लिए इस्तेमाल होते हैं।
- सड़क की सफाई और पानी का छिड़काव: प्रदूषण को कम करने के लिए सड़कों की मैकेनिकल सफाई और नियमित पानी का छिड़काव किया जाएगा।
- वाहन शुल्क में वृद्धि: निजी वाहनों के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए पार्किंग शुल्क बढ़ाया जाएगा, ताकि लोग सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग करें।
- कंस्ट्रक्शन स्थलों पर कड़े नियम: निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के सख्त उपाय लागू किए जाएंगे।
वायु गुणवत्ता में गिरावट के कारण
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर हर साल सर्दियों के मौसम में बढ़ जाता है। इसके प्रमुख कारणों में पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने, मौसम संबंधी प्रतिकूल परिस्थितियों और शहरी क्षेत्रों में वाहनों की बढ़ती संख्या शामिल है। अक्टूबर और नवंबर के महीनों में हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने से प्रदूषण की मात्रा में काफी वृद्धि होती है।
आने वाले दिनों का पूर्वानुमान
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, अगले कुछ दिनों में दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बने रहने की संभावना है। बदलते मौसम और स्थानीय गतिविधियों के कारण हालात और भी बिगड़ सकते हैं।
क्या कर सकते हैं नागरिक?
- सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें: व्यक्तिगत वाहनों का उपयोग कम करें और मेट्रो, बस आदि का अधिक से अधिक उपयोग करें।
- एयर फिल्टर का नियमित रूप से रखरखाव करें: अपने वाहनों के एयर फिल्टर को नियमित अंतराल पर बदलें।
- निर्माण कार्यों को सीमित करें: अक्टूबर से जनवरी के बीच धूल उत्पन्न करने वाले निर्माण कार्यों से बचें।
- खुले में कचरा न जलाएं: ठोस कचरा और जैविक अपशिष्ट को जलाने से बचें, ताकि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।
GRAP के अन्य चरण
अगर दिल्ली का AQI 401 से 450 के बीच चला जाता है, तो GRAP का चरण 3 लागू होगा, जिसमें और भी सख्त उपाय किए जाएंगे जैसे कंस्ट्रक्शन साइट्स पर रोक, सार्वजनिक परिवहन को और सुदृढ़ करना, और स्कूलों में कक्षाओं को स्थगित करना। यदि AQI 450 से ऊपर चला जाता है, तो चरण 4 लागू होगा, जिसमें ट्रकों की एंट्री पर पूर्ण प्रतिबंध, सरकारी दफ्तरों में 50% कर्मचारियों को घर से काम करने का आदेश आदि शामिल हैं।
दिल्ली सरकार की पहल
दिल्ली सरकार ने हाल ही में “रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ” अभियान शुरू किया है, जिसमें लोगों से लाल बत्ती पर अपने वाहनों को बंद करने की अपील की गई है ताकि प्रदूषण कम किया जा सके। इसके साथ ही, धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक एंटी-डस्ट अभियान भी चलाया जा रहा है और पराली को सड़ाने के लिए बायो-डीकंपोजर का छिड़काव किया जा रहा है।
GRAP का चरण 2 दिल्ली-एनसीआर के निवासियों के लिए एक चेतावनी है कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन यह केवल सरकारी नीतियों पर निर्भर नहीं है। नागरिकों को भी प्रदूषण को कम करने में अपनी भूमिका निभानी चाहिए। सार्वजनिक परिवहन का उपयोग, व्यक्तिगत वाहनों का कम उपयोग और प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों से बचना आवश्यक है। केवल सामूहिक प्रयासों से ही हम वायु प्रदूषण की समस्या को कम कर सकते हैं और अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित कर सकते हैं।
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