Election Commission On SIR: राहुल गांधी फिलहाल SIR और वोट चोरी के मामले को लेकर Election Commission पर जमकर निशाना साध रहे हैं। वहीं अब Election Commission ने राहुल गांधी का बिना नाम लिए चेतावनी दे दी है। और कहा कि, “एक व्यक्ति, एक वोट” का सिद्धांत भारत में 1951-52 के पहले आम चुनाव से ही लागू है और आज भी पूरी तरह प्रभावी है।
Election Commission ने राहुल गांधी को दी चेतावनी ?
सूत्रों के अनुसार, इस मामले को लेकर Election Commission ने आगे कहा कि, अगर किसी भी व्यक्ति के पास सबूत है कि किसी व्यक्ति ने किसी चुनाव में दो बार से ज्यादा मतदान किया है तो उसे लिखित हलफनामे के साथ Election Commission को देना चाहिए। बताते चले कि, आयोग ने राहुल गांधी को चेतावनी देते हुए कहा कि, बिना सबूत के सभी मतदाताओं को चोर कहना बेहद खराब बात है। यह देश के लाखों चुनावकर्मियों की मेहनत पर पानी डाल रहे हैं।
Election Commission के अनुसार, “हमारे मतदाताओं के लिए ‘वोट चोर’ जैसे गंदे शब्दों का इस्तेमाल करके झूठी कहानी गढ़ने की कोशिश लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है.” बताते चले कि, आयोग ने बात को आगे रखते हुए कहा कि, इस तरह की भाषा और आरोप देश के चुनाव और लोगों के उम्मीदों को बेहद कमजोर बनाता है।
राहुल गांधी से डर गया आयोग ?
फिलहाल में राहुल गांधी ने मतदाता सूची और वोटिंग प्रक्रिया को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं जिसके बाद आयोग से कई गंभीर प्रक्रिया सामने आई है। लेकिन किसकी बात में कितनी सुचाई है ये अभी तक किसी को मालूम नहीं है। लेकिन राहुल गांधी के रिकॉर्ड को देखते हुए, यह कहना गलत नहीं होगा कि, देश में वोट चोरी हुई है। लेकिन इसे सच मानना भी अभी जल्दी होगा।

हालांकि, बात में कितनी सच्चाई है, वो आज नहीं तो कल जरूर पता चल जाएगा।
वही दूसरी तरफ, चुनाव आयोग ने एक बार फिर से दोहराया कि भारत की चुनावी व्यवस्था विश्व की सबसे बड़ी और पारदर्शी लोकतांत्रिक व्यवस्था है, जिसमें हर लोगों का वोट बहुत महत्वपूर्ण होता है। वहीं अयोग ने सभी दल के नेताओं से अपील की है कि, ये लोगों के बीच भ्रम न फैलाए, और लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सवाल उठाना बंद करें।
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