शिवमोगा में एक 74 वर्षीय व्यक्ति की 5 जुलाई को मौत हो गई, जिसे ज़ीका वायरस संक्रमण का संदिग्ध मामला बताया जा रहा है। हालाँकि, कर्नाटक के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के अधिकारियों का मानना है कि मौत अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण भी हो सकती है।
शिवमोगा निवासी को 21 जून को ज़ीका वायरस से संक्रमित पाया गया था और तब से वह शहर के एक निजी अस्पताल में उपचाराधीन था।
ज़ीका वायरस के लक्षण और प्रभाव:
ज़ीका वायरस आमतौर पर एडीस मच्छर के काटने से फैलता है। इसके लक्षणों में बुखार, दाने, जोड़ों का दर्द और आंखों में लाली शामिल हैं। हालांकि, यह वायरस गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष रूप से खतरनाक हो सकता है, क्योंकि यह भ्रूण को नुकसान पहुंचा सकता है।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नटराज ने बताया, “मरीज की मौत 5 जुलाई को हुई। इस समय हम यह नहीं कह सकते कि मौत ज़ीका वायरस के कारण हुई है। मरीज को सांस की समस्या और अन्य वृद्धावस्था से संबंधित स्वास्थ्य समस्याएं भी थीं। आमतौर पर, ज़ीका वायरस से मौत नहीं होती। यह वायरस गर्भवती महिलाओं में गंभीर हो सकता है क्योंकि यह भ्रूण के लिए खतरनाक हो सकता है।”
महाराष्ट्र में भी ज़ीका वायरस के मामले:
महाराष्ट्र में भी ज़ीका वायरस के मामलों में वृद्धि हो रही है, जिससे राज्य सरकार ने सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। अन्य राज्यों को भी ज़ीका वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि ज़ीका वायरस संक्रमण का एक और संदिग्ध मामला जिले में सामने आया है। उन्होंने कहा, “नमूने बेंगलुरु में एनआईवी इकाई में भेजे गए हैं। संक्रमण की पुष्टि होना अभी बाकी है।”
स्वास्थ्य विभाग ने जनता से अपील की है कि वे मच्छरों से बचाव के उपाय करें और किसी भी संदिग्ध लक्षण के मामले में तुरंत चिकित्सा सलाह लें।
शिवमोगा में ज़ीका वायरस के संदिग्ध संक्रमण से हुई मौत ने स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है। मामले की पुष्टि के लिए आगे की जांच जारी है। यह समय है कि लोग सतर्क रहें और मच्छरों से बचाव के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं ताकि इस वायरस के प्रसार को रोका जा सके।