बदलता घी ब्रांड और तिरुपति लड्डू में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल का इस्तेमाल

Changing ghee brands and the controversy over 'animal fat' in Tirupati laddu
Changing ghee brands and the controversy over 'animal fat' in Tirupati laddu
WhatsApp Group Join Now

हाल ही में तिरुपति लड्डू प्रसाद में जानवरों की चर्बी (बीफ टैलो और लार्ड) और मछली के तेल के मिलने का दावा एक बड़ी बहस का कारण बना है। इस विवाद का केंद्र उस घी की गुणवत्ता है जो इस पवित्र प्रसाद को तैयार करने में इस्तेमाल होता है। इस मुद्दे ने खासा तूल तब पकड़ा जब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने पूर्ववर्ती वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके शासनकाल के दौरान तिरुपति लड्डू में इस्तेमाल होने वाले घी में जानवरों की चर्बी और मछली का तेल पाया गया है।

नंदिनी घी की आपूर्ति पर रोक और विवाद की शुरुआत

इस विवाद की जड़ में एक मुख्य कारण है, नंदिनी घी की आपूर्ति का पिछले साल अचानक बंद हो जाना। लगभग 15 वर्षों तक तिरुपति देवस्थानम (TTD) में नंदिनी घी का उपयोग किया जाता था, लेकिन वाईएसआरसीपी सरकार ने इसकी जगह दूसरी कंपनियों से सस्ता घी खरीदने का निर्णय लिया। इस बदलाव ने कई सवाल उठाए, खासकर कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) के अध्यक्ष के. भीमा नाइक द्वारा यह दावा करने के बाद कि नंदिनी घी के बिना लड्डू की गुणवत्ता में कमी आएगी।

नंदिनी घी की आपूर्ति रोकने का कारण बताया गया कि नंदिनी की कीमत अधिक थी, और KMF ने नीलामी प्रक्रिया में भाग नहीं लिया। इस कारण, कम कीमत पर दूसरी कंपनियों को ठेका दे दिया गया, जिससे लड्डू में इस्तेमाल होने वाले घी की गुणवत्ता पर सवाल खड़े होने लगे।

लैब रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य

इस विवाद में बड़ा मोड़ तब आया जब एक प्राइवेट लैब की रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि तिरुपति लड्डू में इस्तेमाल होने वाले घी में विदेशी फैट्स, जैसे कि जानवरों की चर्बी, मछली का तेल और लार्ड (सुअर की चर्बी), मिले हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक, तिरुपति लड्डू में पाम ऑयल और बीफ टैलो का भी इस्तेमाल हुआ था। इस रिपोर्ट के बाद, राजनीतिक दलों के बीच तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं।

चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया कि YSRCP शासन में तिरुपति लड्डू की पवित्रता के साथ समझौता किया गया। इसके बाद, YSRCP ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे “राजनीतिक साजिश” करार दिया और कहा कि नायडू अपनी राजनीतिक फायदे के लिए ऐसे आरोप लगा रहे हैं। YSRCP के नेताओं ने इन आरोपों को “दुर्भावनापूर्ण” कहा और नायडू पर तिरुमाला के धार्मिक महत्व को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया।

नंदिनी घी की वापसी

आरोपों के बाद की स्थिति में तिरुपति देवस्थानम ने तिरुपति लड्डू में इस्तेमाल होने वाले घी की गुणवत्ता सुधारने के लिए कदम उठाए। नंदिनी घी की आपूर्ति फिर से शुरू की गई, जब नायडू की पार्टी TDP ने विधानसभा चुनाव जीतने के बाद इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। नंदिनी घी की वापसी को लड्डू की गुणवत्ता में सुधार के रूप में देखा जा रहा है, जिससे विवाद को शांत करने की कोशिश की गई।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

तिरुपति लड्डू सिर्फ एक मिठाई नहीं है, बल्कि यह एक पवित्र प्रसाद है, जिसे हजारों भक्त हर दिन भगवान वेंकटेश्वर को अर्पित करते हैं। इसमें इस्तेमाल होने वाली सामग्री की पवित्रता और गुणवत्ता को लेकर लोगों में काफी संवेदनशीलता है। ऐसे में, जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल का आरोप न केवल धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाता है, बल्कि मंदिर की पवित्रता पर भी सवाल खड़े करता है। विश्व हिंदू परिषद और अन्य धार्मिक संगठनों ने इस मामले की गहन जांच की मांग की है।

इस विवाद के बाद, तिरुपति देवस्थानम ने घी की आपूर्ति के लिए नई शर्तें और गुणवत्ता मापदंड तय करने के लिए एक समिति का गठन किया है। इसके साथ ही, नंदिनी घी की वापसी के बाद लड्डू की गुणवत्ता पर ध्यान दिया जा रहा है ताकि भक्तों का विश्वास बना रहे।

तिरुपति लड्डू में जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल का विवाद न केवल धार्मिक महत्व का मामला है, बल्कि इसके राजनीतिक और सांस्कृतिक आयाम भी हैं। नंदिनी घी की वापसी और घी की गुणवत्ता पर नए मापदंड स्थापित करने से इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन यह विवाद अभी भी आंध्र प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है।

यह भी पढ़े: मणिपुर में शांति वार्ता जारी: मेइतेई और कुकी समुदाय के बीच समाधान की उम्मीद

Team K.H.
Team K.H. एक न्यूज़ वेबसाइट का लेखक प्रोफ़ाइल है। इस टीम में कई प्रोफेशनल और अनुभवी पत्रकार और लेखक शामिल हैं, जो अपने विशेषज्ञता के क्षेत्र में लेखन करते हैं। यहाँ हम खबरों, समाचारों, विचारों और विश्लेषण को साझा करते हैं, जिससे पाठकों को सटीक और निष्पक्ष जानकारी प्राप्त होती है। Team K.H. का मिशन है समाज में जागरूकता और जानकारी को बढ़ावा देना और लोगों को विश्वसनीय और मान्य स्रोत से जानकारी प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करना।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here