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मुंबई के ‘हैबिटैट स्टूडियो’ में BMC की विध्वंस कार्यवाही: कुणाल कामरा के व्यंग्य के बाद की कार्रवाई

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मुख्य बिंदु:

  • स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने मुंबई के ‘हैबिटैट स्टूडियो’ में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर व्यंग्य किया।
  • इस वीडियो के वायरल होने के बाद, शिवसेना कार्यकर्ताओं ने स्टूडियो में तोड़फोड़ की।
  • बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने स्टूडियो में अवैध निर्माण का हवाला देते हुए विध्वंस कार्यवाही शुरू की।

मुंबई के ‘हैबिटैट स्टूडियो’ में BMC की विध्वंस कार्यवाही

मुंबई का ‘हैबिटैट स्टूडियो’ हाल ही में सुर्खियों में आ गया है, जब स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने अपने शो में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर व्यंग्य किया। इस कार्यक्रम के दौरान, कामरा ने एक लोकप्रिय हिंदी गाने की पैरोडी प्रस्तुत की, जिसमें उन्होंने शिंदे को ‘गद्दार’ (देशद्रोही) कहा, जो 2022 में उनकी राजनीतिक पाला बदलने की ओर इशारा करता है।

इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद, शिवसेना के लगभग 20 समर्थकों ने रविवार रात स्टूडियो में तोड़फोड़ की। पुलिस ने इस घटना में शामिल 10 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें शिवसेना की युवा शाखा के नेता राहुल कानाल भी शामिल हैं।

इसके तुरंत बाद, बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने स्टूडियो में अवैध निर्माण का हवाला देते हुए विध्वंस कार्यवाही शुरू की। BMC अधिकारियों ने स्टूडियो में अस्थायी अवैध शेड पाए, जिन्हें हटा दिया गया। इसके अलावा, बेसमेंट का उपयोग स्टूडियो के रूप में किया जा रहा था, जबकि यह केवल भंडारण के लिए अनुमत था।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कामरा की टिप्पणियों की निंदा की और कॉमेडियन से माफी की मांग की। उन्होंने कहा कि लोगों को व्यंग्य और कॉमेडी की स्वतंत्रता है, लेकिन जानबूझकर अपमान करना स्वीकार्य नहीं है।

यह घटना भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और राजनीतिक व्यंग्य की सीमाओं पर एक महत्वपूर्ण बहस को जन्म देती है। कॉमेडी और व्यंग्य के माध्यम से सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करना महत्वपूर्ण है, लेकिन यह भी आवश्यक है कि यह चर्चा सम्मानजनक और संवेदनशीलता के साथ की जाए।

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Shubham

शुभम झोपे एक प्रतिष्ठित लेखक हैं जो "ख़बर हरतरफ़" के लिए नियमित रूप से लेख लिखते हैं। उनकी लेखनी में समकालीन मुद्दों पर गहन विश्लेषण और सूक्ष्म दृष्टिकोण देखने को मिलता है। शुभम की लेखन शैली सहज और आकर्षक है, जो पाठकों को उनके विचारों से जोड़ देती है। शेयर बाजार, उद्यमिता और व्यापार में और सांस्कृतिक विषयों पर उनकी लेखनी विशेष रूप से सराही जाती है।

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