दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ऐतिहासिक जीत के बाद, राजधानी में नए मुख्यमंत्री के चयन को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। भाजपा ने 70 में से 48 सीटों पर विजय प्राप्त की है, जिससे पार्टी समर्थकों में उत्साह की लहर दौड़ गई है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि दिल्ली की कमान किसे सौंपी जाएगी।
मुख्यमंत्री पद के लिए प्रमुख दावेदारों में प्रवेश वर्मा का नाम सबसे आगे है। पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय साहिब सिंह वर्मा के पुत्र प्रवेश वर्मा ने नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को हराकर सबको चौंका दिया है। उनकी इस जीत ने उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए एक मजबूत उम्मीदवार बना दिया है।
इसके अलावा, उत्तम नगर से विजयी पवन शर्मा का नाम भी चर्चा में है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, यदि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अपने किसी प्रचारक को मुख्यमंत्री बनाना चाहता है, तो पवन शर्मा उपयुक्त विकल्प हो सकते हैं। हालांकि, उनकी ब्राह्मण जाति को लेकर कुछ चुनौतियाँ हो सकती हैं, लेकिन भाजपा के लिए यह एक साहसिक निर्णय होगा।
भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता और सतीश उपाध्याय के नाम भी संभावित उम्मीदवारों की सूची में शामिल हैं। विजेंद्र गुप्ता ने रोहिणी से लगातार तीसरी बार जीत हासिल की है, जबकि सतीश उपाध्याय ने मालवीय नगर सीट से विजय प्राप्त की है।
दिल्ली की जनता अब उत्सुकता से इंतजार कर रही है कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व किसे मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपेगा। पार्टी के पिछले अनुभवों को देखते हुए, यह संभव है कि नेतृत्व किसी नए चेहरे को सामने लाए, जो जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतर सके।
दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य में यह बदलाव न केवल राजधानी के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा। अब देखना यह है कि भाजपा का अगला कदम क्या होगा और दिल्ली की बागडोर किसके हाथों में सौंपी जाएगी।