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बंगाल वक्फ हिंसा: 150 गिरफ्तार, हिंदुओं का पलायन? जानिए ममता बनर्जी और बीजेपी आमने-सामने क्यों हैं!

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Key Highlights:

  • बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर हिंसक विरोध
  • अब तक 3 की मौत, 150 से अधिक गिरफ्तारियां
  • बीजेपी का आरोप – 400 से अधिक हिंदू परिवार घर छोड़ने को मजबूर
  • ममता बनर्जी ने हिंसा पर जताई चिंता, शांति की अपील
  • कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा – स्थिति गंभीर, केंद्रीय बल तैनात करने का आदेश

बंगाल में वक्फ हिंसा के बाद हालात बेकाबू, 150 गिरफ्तार, बीजेपी का दावा- हिंदू परिवारों का पलायन शुरू

पश्चिम बंगाल एक बार फिर सांप्रदायिक तनाव की आग में झुलस रहा है। मुर्शिदाबाद जिले के कई इलाकों में वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन ने जब हिंसक रूप लिया, तो हालात बेहद चिंताजनक हो गए। अब तक इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हो चुकी है और 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

हिंसा की शुरुआत कहां से हुई?

8 अप्रैल को मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में हालात बिगड़ने शुरू हुए, जब पुलिस पर पथराव और वाहनों में आगजनी की घटनाएं हुईं। सुत्ती, धूलियन, समसेरगंज और जंगीपुर जैसे इलाकों में सबसे ज्यादा तनाव देखने को मिला।

इस कानून के जरिए देशभर में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में बड़े बदलाव किए गए हैं, जिससे कुछ समुदायों में असंतोष पैदा हुआ है। विरोध के स्वर खासतौर पर मुस्लिम समुदाय से उठे हैं।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने इसे “गंभीर और अस्थिर” स्थिति बताया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि केंद्रीय बलों की तैनाती कर शांति बहाल की जाए। कोर्ट ने यह भी कहा, “संवैधानिक अदालतें मूकदर्शक नहीं बन सकतीं जब आमजन की सुरक्षा खतरे में हो।”

ममता बनर्जी का बयान

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि, “यह कानून केंद्र सरकार ने बनाया है, राज्य सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि टीएमसी इस अधिनियम का समर्थन नहीं करती।

बीजेपी का पलटवार: हिंदुओं पर अत्याचार?

बीजेपी नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि 400 से अधिक हिंदू परिवार डर की वजह से अपने घर छोड़कर भागने को मजबूर हो गए हैं। उन्होंने ममता सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा, “बंगाल में धार्मिक अत्याचार वास्तविकता है। तुष्टीकरण की राजनीति ने कट्टरपंथियों को खुली छूट दे दी है।”

गवर्नर की प्रतिक्रिया

राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने हिंसा पर चिंता जताई और कोर्ट के निर्देशों का स्वागत किया। उन्होंने कहा, “सही समय पर कोर्ट का दखल प्रशंसनीय है।”

पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार ने कहा कि पुलिस को साफ निर्देश हैं कि किसी भी प्रकार की अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने शुरुआत में शांतिपूर्ण विरोध किया, लेकिन फिर सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया और स्थिति सांप्रदायिक रूप ले गई।

वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर उपजा यह विवाद ममता बनर्जी के लिए एक बड़ा राजनीतिक संकट बनकर उभरा है, खासकर तब जब अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके साथ ही, राज्य सरकार पहले से ही 26,000 शिक्षकों की नियुक्तियों की रद्दीकरण के चलते विरोध का सामना कर रही है।

इस घटना ने एक बार फिर बंगाल की जमीनी सच्चाई को उजागर कर दिया है – जहां कानून से जुड़ा विरोध किस तरह धार्मिक और राजनीतिक रंग ले सकता है। इस समय जरूरत है, शांति, पारदर्शिता और निष्पक्ष जांच की, ताकि न सिर्फ दोषियों को सजा मिले, बल्कि आम नागरिकों का भरोसा भी बहाल हो।

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Shubham

शुभम झोपे एक प्रतिष्ठित लेखक हैं जो "ख़बर हरतरफ़" के लिए नियमित रूप से लेख लिखते हैं। उनकी लेखनी में समकालीन मुद्दों पर गहन विश्लेषण और सूक्ष्म दृष्टिकोण देखने को मिलता है। शुभम की लेखन शैली सहज और आकर्षक है, जो पाठकों को उनके विचारों से जोड़ देती है। शेयर बाजार, उद्यमिता और व्यापार में और सांस्कृतिक विषयों पर उनकी लेखनी विशेष रूप से सराही जाती है।

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