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बायसरण घाटी में अमित शाह की आपात यात्रा: पहलगाम आतंकी हमले के बाद जमीनी हालात की रिपोर्टिंग

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मुख्य बिंदु (Key Highlights):

  • गृह मंत्री अमित शाह ने बायसरण घाटी पहुंचकर स्थिति का जायज़ा लिया।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी दौरा छोटा कर दिल्ली लौटकर आपात बैठक की।
  • 26 लोगों की मौत, कई घायल – विदेशी नागरिक भी शामिल।
  • लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा संगठन TRF ने ली जिम्मेदारी।
  • हमला सुनियोजित और पाकिस्तान से ऑपरेटेड नेटवर्क से जुड़ा पाया गया।

बायसरण घाटी पहुँचे अमित शाह, पहलगाम हमले के बाद लिए ज़मीनी हालात का जायज़ा

नई दिल्ली / पहलगाम, 23 अप्रैल 2025 – गृह मंत्री अमित शाह बुधवार सुबह बायसरण घाटी पहुंचे, जहां मंगलवार को कश्मीर के इतिहास के सबसे खौफनाक आतंकी हमलों में से एक को अंजाम दिया गया। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई, जिनमें महिलाएं, बुज़ुर्ग और विदेशी पर्यटक भी शामिल थे।

जहां कभी घोड़े की सवारी और हरी-भरी घास की तस्वीरें होती थीं, आज वहां चीख-पुकार और सुरक्षाबलों की मौजूदगी है। चश्मदीदों के अनुसार, सेना की वर्दी में दो-तीन आतंकी अचानक आए और उन्होंने वहां मौजूद पर्यटकों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। हमले में घायल हुए लोगों ने बताया कि आतंकियों ने धर्म पूछकर गोलियां चलाईं। यह हमला स्पष्ट रूप से नफरत और रणनीतिक मकसद से किया गया था।

पीएम मोदी की सऊदी यात्रा बीच में छोड़ी, आपात बैठक बुलाई

इस हमले की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सऊदी अरब की यात्रा को समय से पहले समाप्त कर दिल्ली वापसी की। पीएम मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ आपात बैठक की। इसके अलावा आज सुबह 11 बजे कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की एक अहम बैठक भी बुलाई गई।

इंटेलिजेंस एजेंसियों ने इस हमले में TRF यानी The Resistance Front का नाम सामने रखा है, जो लश्कर-ए-तैयबा का एक फ्रंट ऑर्गनाइज़ेशन है। शुरुआती रिपोर्ट्स और फॉरेंसिक विश्लेषण से पता चला है कि आतंकी पाकिस्तान में स्थित सुरक्षित ठिकानों से संपर्क में थे। उनके पास मिलिट्री-ग्रेड हथियार और एडवांस कम्युनिकेशन डिवाइसेज़ थे।

डिजिटल ट्रैसिंग से उनके कनेक्शन कराची और मुज़फ़्फराबाद स्थित हैंडलर्स से मिले। इससे पाकिस्तान की आतंकवाद में प्रत्यक्ष और परोक्ष भूमिका की पुष्टि होती है।

मरने वालों की पहचान – एक पीड़ा भरी सूची

सरकार ने मृतकों की सूची जारी कर दी है, जिनमें कई युवा, बुज़ुर्ग और विदेशी पर्यटक शामिल हैं। नाम जैसे सुषील नाथ्याल, विनय नारवाल, अतुल श्रीकांत मोनी, मनीष रंजन (Excise Inspector) और वायुसेना कर्मचारी टेगेलयिंग इस हृदयविदारक हमले के शिकार बने।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समेत कई वैश्विक नेताओं ने भारत के प्रति एकजुटता दिखाई और आतंकवाद के खिलाफ भारत के कदमों को समर्थन देने की बात कही।

स्थानीय लोगों में दहशत, सुरक्षा बलों की कड़ी निगरानी

बायसरण घाटी अब एक हाई सिक्योरिटी ज़ोन में तब्दील हो गई है। सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। इस बार केवल हमले का जवाब ही नहीं, बल्कि आतंक की जड़ पर वार करने की रणनीति बनाई जा रही है।

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Shubham

शुभम झोपे एक प्रतिष्ठित लेखक हैं जो "ख़बर हरतरफ़" के लिए नियमित रूप से लेख लिखते हैं। उनकी लेखनी में समकालीन मुद्दों पर गहन विश्लेषण और सूक्ष्म दृष्टिकोण देखने को मिलता है। शुभम की लेखन शैली सहज और आकर्षक है, जो पाठकों को उनके विचारों से जोड़ देती है। शेयर बाजार, उद्यमिता और व्यापार में और सांस्कृतिक विषयों पर उनकी लेखनी विशेष रूप से सराही जाती है।

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