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आतंकी हमले पर अमित शाह का सख्त बयान: ‘दोषियों को नहीं छोड़ा जाएगा’

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Highlights:

  • अमित शाह ने पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों को दी श्रद्धांजलि
  • गृह मंत्री ने कहा, “भारत आतंक के आगे नहीं झुकेगा”
  • जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, NH-44 को एकतरफा ट्रैफिक के लिए किया गया चालू
  • घाटी से पर्यटकों का पलायन, प्रशासन कर रहा सहयोग
  • सरकार की कोशिश, दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ने की

अमित शाह का सख्त संदेश: ‘आतंकी हमले के दोषी नहीं बचेंगे’

भारत आतंक के आगे नहीं झुकेगा, घाटी में शांति और कानून-व्यवस्था बहाल करना हमारी प्राथमिकता – अमित शाह

23 अप्रैल 2025 को हुए पहलगाम आतंकी हमले ने एक बार फिर देश को झकझोर दिया। इस हमले में निर्दोष पर्यटकों की मौत ने न सिर्फ जम्मू-कश्मीर, बल्कि पूरे देश को आक्रोश और दुख से भर दिया। इस दर्दनाक घटना के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज पहलगाम पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और ट्वीट करते हुए कहा, “भारत आतंक के आगे नहीं झुकेगा। इस जघन्य आतंकी हमले के दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।”

घाटी में आतंकवाद कोई नई बात नहीं है, लेकिन हर हमले के बाद देश की प्रतिक्रिया, नीतियों की दिशा और जनता की भावनाएं इसे एक नया मोड़ देती हैं। अमित शाह का यह बयान सिर्फ एक राजनीतिक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा नीति का दोहराव है – ‘ज़ीरो टॉलरेंस टू टेररिज़्म’।

उनका पहलगाम जाकर श्रद्धांजलि देना सिर्फ एक औपचारिकता नहीं थी, बल्कि एक संदेश था

“सरकार मृतकों के साथ है, और दोषियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।”

घटना के बाद हालात बेकाबू न हों, इसके लिए जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने तुरंत प्रशासन को सतर्क किया। उन्होंने कहा, “हमारे मेहमानों का घाटी से इस तरह जाना बेहद दुखद है, लेकिन हम उनकी भावनाओं को समझते हैं।”

उमर ने जानकारी दी कि श्रीनगर-जम्मू हाईवे (NH-44) को एकतरफा ट्रैफिक के लिए खोल दिया गया है ताकि पर्यटक धीरे-धीरे घाटी से बाहर निकल सकें। प्रशासन सभी फंसे हुए वाहनों को निकालने और ट्रैफिक को नियंत्रित करने में लगा है।

घाटी में सुरक्षा कड़ी, खुफिया एजेंसियां सक्रिय

हमले के बाद घाटी में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। खुफिया एजेंसियां घटनास्थल के आसपास के इलाकों में छापेमारी कर रही हैं। केंद्रीय और राज्य स्तर की सुरक्षा एजेंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि हमले के पीछे किस आतंकी संगठन का हाथ है।

सूत्रों के अनुसार, जल्द ही इस पर विस्तृत जानकारी सार्वजनिक की जाएगी। यह भी अनुमान है कि कुछ स्थानीय सहयोगियों की मदद से यह हमला अंजाम दिया गया।

इस तरह के हमले घाटी में पहले भी होते रहे हैं, लेकिन इस बार सरकार का रवैया बेहद स्पष्ट और सक्रिय है। स्थानीय प्रशासन से लेकर केंद्र सरकार तक सबने मिलकर न सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था सख्त की है, बल्कि पर्यटकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाए हैं।

भारत सरकार का रुख स्पष्ट है – दोषियों को ढूंढ निकालना और उन्हें उनके अंजाम तक पहुंचाना।

सख्ती और संवेदनशीलता दोनों ज़रूरी

आज की परिस्थिति में सिर्फ सख्ती से काम नहीं चलेगा, संवेदनशीलता भी उतनी ही ज़रूरी है। अमित शाह का बयान और उमर अब्दुल्ला की कार्रवाई यही दिखाते हैं कि केंद्र और राज्य एकजुट होकर आतंक के खिलाफ खड़े हैं।

पर्यटकों की वापसी, लोगों का विश्वास और घाटी की शांति ये तीनों ही आज की सबसे बड़ी प्राथमिकताएं हैं।

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Shubham

शुभम झोपे एक प्रतिष्ठित लेखक हैं जो "ख़बर हरतरफ़" के लिए नियमित रूप से लेख लिखते हैं। उनकी लेखनी में समकालीन मुद्दों पर गहन विश्लेषण और सूक्ष्म दृष्टिकोण देखने को मिलता है। शुभम की लेखन शैली सहज और आकर्षक है, जो पाठकों को उनके विचारों से जोड़ देती है। शेयर बाजार, उद्यमिता और व्यापार में और सांस्कृतिक विषयों पर उनकी लेखनी विशेष रूप से सराही जाती है।

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