Key Highlights (मुख्य बिंदु):
- एयर मार्शल धाकर ने 30 अप्रैल को 40 वर्षों की सेवा के बाद रिटायरमेंट लिया।
- उन्हें एयर हेडक्वार्टर पर गार्ड ऑफ ऑनर मिला और उन्होंने नेशनल वॉर मेमोरियल पर श्रद्धांजलि दी।
- उनकी जगह एयर मार्शल नरमदेश्वर तिवारी ने वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ का पद संभाला।
- सोशल मीडिया पर चल रहे दावों को सरकार ने फर्जी बताया और PIB ने फैक्ट-चेक जारी किया।
- यह विवाद पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाक तनाव के बीच सामने आया।
नई दिल्ली: हाल ही में सोशल मीडिया पर कुछ प्रो-पाकिस्तान हैंडल्स द्वारा एक चौंकाने वाला दावा किया गया कि वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर मार्शल सुजीत पुष्पाकर धाकर को पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध लड़ने से इनकार करने पर पद से हटा दिया गया। हालांकि, भारत सरकार ने गुरुवार को इन अफवाहों को सिरे से खारिज कर दिया और इसे पूरी तरह गलत बताया।
सरकारी फैक्ट-चेक का खुलासा
प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की फैक्ट-चेक यूनिट ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में बताया कि एयर मार्शल धाकर ने 30 अप्रैल को वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ के रूप में अपनी सेवा पूरी कर सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने वायु सेना में 40 वर्षों तक सेवा दी और समय पर रिटायर हुए।
इस बयान के साथ यह स्पष्ट हो गया कि सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा झूठा नैरेटिव पूरी तरह बेबुनियाद है।
सम्मान के साथ विदाई
रिटायरमेंट के दिन एयर मार्शल धाकर को एयर हेडक्वार्टर, वायु भवन में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद उन्होंने दिल्ली स्थित नेशनल वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। यह समारोह एक सम्मानजनक रिवाज है जो उच्च पदों से सेवानिवृत्त होने वाले सैन्य अधिकारियों को दिया जाता है।
नई जिम्मेदारी: एयर मार्शल नरमदेश्वर तिवारी
एयर मार्शल धाकर की जगह अब एयर मार्शल नरमदेश्वर तिवारी वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। वे इससे पहले साउथ वेस्टर्न एयर कमांड के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में कार्यरत थे।
भारत-पाक तनाव की पृष्ठभूमि में फैलाई गई अफवाहें
यह विवाद ऐसे समय में उभरा है जब भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक तनाव चरम पर है। अप्रैल 22 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए। इसके बाद भारत ने कई सख्त कदम उठाए, जिनमें इंडस वॉटर ट्रिटी को रोकना, पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों को निष्कासित करना और वाघा बॉर्डर को बंद करना शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले के दोषियों को “धरती के अंतिम छोर तक”追 करने की बात कही थी। इसी संवेदनशील माहौल में यह झूठा नैरेटिव फैलाया गया कि वाइस एयर चीफ ने युद्ध में भाग लेने से इनकार किया था।
सोशल मीडिया पर फैक्ट-चेक क्यों ज़रूरी है?
आज के डिजिटल युग में जहां हर कोई ख़बरें सोशल मीडिया से लेता है, वहीं गलत सूचनाएं भी तेजी से फैलती हैं। ऐसे में सरकार की फैक्ट-चेकिंग यूनिट की भूमिका बेहद अहम हो जाती है। इस मामले में भी फैक्ट-चेकिंग ने लोगों के मन में फैली गलतफहमियों को दूर किया।
एयर मार्शल धाकर का रिटायरमेंट एक नियमित प्रक्रिया थी, जिसमें उन्हें पूरे सम्मान के साथ विदाई दी गई। सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही “पाकिस्तान युद्ध के इनकार” की बात महज एक अफवाह है, जिसका कोई आधार नहीं है। भारत सरकार और PIB की फैक्ट-चेकिंग इस तरह की भ्रामक जानकारियों को चुनौती देती है और सही तथ्यों को सामने लाती है।
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