26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण मार्ग प्रशस्त, US सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की

26/11 "Mumbai terror attack" के आरोपी राणा की प्रत्यर्पण प्रक्रिया से भारत में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को मजबूती मिली है। यह निर्णय भारत और अमेरिका के कानूनी सहयोग का उत्कृष्ट उदाहरण है।

26/11 Mumbai terror attack accused Tahawwur Rana's extradition paves way, US Supreme Court rejects plea
26/11 Mumbai terror attack accused Tahawwur Rana's extradition paves way, US Supreme Court rejects plea
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26/11 “Mumbai Terror Attack” के आरोपी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण का अंतिम रोड़ा भी शनिवार को दूर हो गया। अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने भारत को प्रत्यर्पण से रोकने का अनुरोध किया था। राणा, जो वर्तमान में लॉस एंजेलिस में हिरासत में हैं, पर भारत में इस भीषण आतंकवादी हमले में संलिप्तता का आरोप है।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा की “पेटिशन फॉर ए रिट ऑफ सर्टियोरारी” खारिज कर दी। कोर्ट ने संक्षेप में कहा, “पेटिशन डिनाइड”। यह फैसला राणा के लिए बड़ा झटका है, जिन्होंने इससे पहले कई कानूनी प्रक्रियाओं के जरिए अपने प्रत्यर्पण को रोकने की कोशिश की थी।

राणा और 26/11 हमले का कनेक्शन

63 वर्षीय तहव्वुर राणा, पाकिस्तानी-कनाडाई नागरिक और डेविड हेडली का बचपन का दोस्त है। हेडली ने मुंबई के महत्वपूर्ण स्थानों की रेकी की थी, जिसमें ताज महल होटल और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस शामिल हैं।

हेडली, जिसने लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम किया, को अक्टूबर 2009 में गिरफ्तार किया गया और 35 साल की सजा सुनाई गई। राणा ने हेडली को भारत में जासूसी करने और आतंकी हमले की साजिश रचने के लिए समर्थन दिया।

हालांकि, 2011 में अमेरिकी अदालत ने राणा को मुंबई आतंकवादी हमले में सीधी भूमिका से बरी कर दिया, लेकिन उन्हें लश्कर-ए-तैयबा को सामग्री समर्थन देने और डेनमार्क के एक अखबार पर हमले की साजिश में दोषी ठहराया गया।


भारत की प्रत्यर्पण प्रक्रिया

2011 में, भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने राणा के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया। 2014 में दिल्ली की एक सेशन कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया।
पिछले साल भारत ने राणा के प्रत्यर्पण की तैयारी शुरू की। भारतीय अधिकारियों ने लॉजिस्टिक्स और जेल प्रबंधन के लिए अमेरिकी अधिकारियों के साथ बैठक की।

अदालती लड़ाई में हार

  • अगस्त 2023: अमेरिकी कोर्ट ऑफ अपील्स ने राणा की हैबियस कॉर्पस याचिका खारिज कर दी।
  • सितंबर 2023: पुनर्विचार याचिका भी खारिज।
  • नवंबर 2023: राणा ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
  • जनवरी 2025: सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर भारत को प्रत्यर्पण का रास्ता साफ कर दिया।

कौन हैं तहव्वुर राणा?

तहव्वुर राणा पाकिस्तान आर्मी के पूर्व डॉक्टर हैं, जो 1990 में कनाडा आकर नागरिक बने। बाद में उन्होंने अमेरिका में शिकागो स्थित फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज नामक इमिग्रेशन कंसल्टेंसी खोली। यहीं से उन्होंने हेडली को भारत भेजने की योजना बनाई।


भारत की अगली योजना

राणा के प्रत्यर्पण के बाद भारत में उन्हें विशेष सुरक्षा के तहत रखा जाएगा। उनकी जांच और अभियोग NIA के नेतृत्व में होगी।

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