Key Highlights:
- 138 साल बाद इंदौर में टूटा बारिश का रिकॉर्ड
- 2.72 इंच बारिश महज ढाई घंटे में
- हवा की रफ्तार 110 किमी/घंटा तक पहुंची
- शहर में कई जगहों पर पेड़ उखड़े, ओले गिरे
- दो दिन तक मौसम का अलर्ट जारी
इंदौर में मई की बारिश ने रचा इतिहास: 138 साल बाद टूटा रिकॉर्ड
इंदौर – रविवार शाम का वक्त था, लोग सामान्य दिनचर्या में व्यस्त थे, लेकिन जैसे ही घड़ी ने 3:30 बजाया, मौसम ने करवट ली। हवा की गति इतनी तेज़ थी कि पेड़ जड़ से उखड़ने लगे। आसमान में काले बादलों की गड़गड़ाहट और तेज हवाओं ने जैसे शहर को एक पल में मानसून के आगमन का एहसास करा दिया। इस असामान्य बारिश ने इतिहास दोहराया — 1886 के बाद इंदौर ने पहली बार ऐसी मूसलाधार बारिश देखी है।
रविवार को शाम 3:30 बजे के करीब इंदौर में अचानक मौसम का मिजाज बदला। तेज़ गरज और बिजली की चमक के साथ ओले गिरने लगे। हवा की रफ्तार शुरू में 50 किमी/घंटा थी, लेकिन 5 बजे के बाद यह 110 किमी/घंटा तक पहुंच गई। सिर्फ ढाई घंटे में शहर में 2.72 इंच (करीब 69.8 मिमी) बारिश रिकॉर्ड की गई। यह पिछले 100 वर्षों में मई महीने की सबसे अधिक वर्षा है।
इतिहास ने खुद को दोहराया – 138 साल बाद
29 मई 1886 को इंदौर में 24 घंटे में 99.1 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। उस घटना को आज 138 साल हो चुके हैं। लेकिन इस बार का अंतर यह था कि 2.75 इंच बारिश महज ढाई घंटे में हो गई। इसका कारण था — पंजाब और उत्तर-पश्चिमी राजस्थान से बना चक्रवाती सिस्टम, जो सीधे इंदौर से टकराया।
चक्रवातीय सिस्टम ने क्यों बदला इंदौर का मौसम?
भारत मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर प्रदेश से तमिलनाडु तक फैले चक्रवातीय सिस्टम का असर पूरे मध्य प्रदेश पर पड़ा। लेकिन सबसे अधिक प्रभाव इंदौर में देखा गया। पूर्वी-दक्षिण पूर्वी हवाएं 110 किमी/घंटा की रफ्तार से चलीं, जो इंदौर के लिए असामान्य है।
रविवार को मैं खुद MG रोड पर था। अचानक अंधेरा सा छा गया, दुकानों के शटर गिरने लगे, राह चलते लोग जहां जगह मिली वहां छिप गए। कुछ ही मिनटों में सड़कें पानी से भर गईं और बड़े-बड़े पेड़ गिरते देखे गए। लोग गाड़ियों में फंसे रह गए। फोन नेटवर्क भी प्रभावित हुआ।
बारिश और आंधी से हुए नुकसान
- शहर के कई इलाकों में बिजली गुल हो गई
- कई जगह पेड़ गिरने से रास्ते बंद
- दुपहिया वाहनों के पलटने की घटनाएं
- ट्रैफिक जाम और पानी भरने की स्थिति
- खेतों में खड़ी फसल को आंशिक नुकसान
मौसम विभाग ने अगले दो दिन तक बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी जारी की है। 40 जिलों में बारिश और ओलावृष्टि का अलर्ट है। लोगों को सलाह दी गई है कि बिना ज़रूरत के बाहर न निकलें और सुरक्षित स्थानों पर ही रहें।
क्या ये जलवायु परिवर्तन का संकेत है?
बारिश का ये पैटर्न सामान्य नहीं है। मई महीने में इतनी तेज़ और भारी बारिश, वह भी महज कुछ घंटों में, आने वाले समय में जलवायु परिवर्तन की संभावनाओं की ओर इशारा करता है। इंदौरवासियों को न केवल सतर्क रहने की जरूरत है, बल्कि मौसम की इन असामान्य घटनाओं से सीख लेने की भी।
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