गर्भधारण के लिए सेक्स कैसे करें: जानें सही तरीका और समय जानिए डॉक्टर की राय

गर्भधारण के लिए सेक्स का सही तरीका और समय क्या है? जानें डॉक्टर की राय और महत्वपूर्ण टिप्स जो आपकी प्रेग्नेंसी के चांस बढ़ा सकते हैं।

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गर्भधारण की प्रक्रिया एक जटिल और अद्वितीय विषय है, जिसमें शरीर के कई तत्व शामिल होते हैं। हर जोड़े के लिए यह अनुभव अलग हो सकता है। लेकिन अगर आप गर्भधारण करने की योजना बना रहे हैं, तो कुछ खास बातें हैं जो आपके लिए मददगार हो सकती हैं। इस लेख में, हम गर्भ ठहरने के लिए सेक्स कैसे करना चाहिए, किन तरीकों से गर्भधारण की संभावना बढ़ सकती है, और सेक्स के दौरान ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें विस्तार से समझाएंगे।

सेक्स और गर्भधारण: सही समय और महत्व

सेक्स करना गर्भधारण का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है। लेकिन केवल सेक्स करने से गर्भधारण नहीं होता, इसके लिए सही समय, सही स्थिति और कुछ और महत्वपूर्ण बातें जाननी जरूरी होती हैं। जब आप गर्भधारण करने की कोशिश कर रहे होते हैं, तो महिला के मासिक चक्र (मासिक धर्म) को समझना बहुत महत्वपूर्ण होता है।

ओव्यूलेशन का समय

गर्भधारण के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है ओव्यूलेशन का समय। ओव्यूलेशन वह समय होता है जब महिला का अंडाणु (एग) अंडाशय से निकलकर गर्भाशय (यूटरस) की ओर बढ़ता है। यह समय गर्भधारण के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है क्योंकि इस दौरान अंडाणु और शुक्राणु के मिलने की संभावना सबसे अधिक होती है।

ओव्यूलेशन आमतौर पर मासिक धर्म चक्र के 11वें से 21वें दिन के बीच होता है। हालांकि, हर महिला का चक्र अलग-अलग हो सकता है, इसलिए ओव्यूलेशन का सटीक समय जानने के लिए ओव्यूलेशन किट का उपयोग किया जा सकता है या बेसल बॉडी टेम्परेचर (बीबीटी) को मॉनिटर किया जा सकता है।

ओव्यूलेशन से जुड़ी बातें:

  • ओव्यूलेशन के दौरान 12 से 24 घंटे तक अंडाणु जीवित रहता है।
  • इस दौरान सेक्स करने से गर्भधारण की संभावना सबसे ज्यादा होती है।
  • ओव्यूलेशन के पहले और बाद में भी शुक्राणु 3 से 5 दिनों तक जीवित रह सकते हैं, इसलिए ओव्यूलेशन के आसपास के दिनों में भी सेक्स किया जा सकता है।

सेक्स की सही पोजीशन: गर्भधारण के लिए महत्वपूर्ण

हालांकि गर्भधारण के लिए किसी विशेष सेक्स पोजीशन की सटीक गारंटी नहीं दी जा सकती, लेकिन कुछ पोजीशन्स को अधिक फायदेमंद माना जाता है। इन पोजीशन्स का उद्देश्य शुक्राणु को गर्भाशय तक आसानी से पहुंचाना होता है।

मिशनरी पोजीशन (Missionary Position)

मिशनरी पोजीशन, जिसमें पुरुष ऊपर होता है और महिला नीचे, गर्भधारण के लिए सबसे लोकप्रिय मानी जाती है। इस पोजीशन में शुक्राणु सीधे गर्भाशय के पास पहुंचते हैं, जिससे गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है।

डॉगी स्टाइल (Doggy Style)

इस पोजीशन में, महिला घुटनों और हाथों के बल झुकती है और पुरुष पीछे से प्रवेश करता है। इस पोजीशन में भी शुक्राणु गर्भाशय के पास सीधे पहुंचते हैं, जिससे गर्भधारण की संभावना अधिक होती है।

साइड-लाइंग पोजीशन (Side-Lying Position)

इस पोजीशन में दोनों साथी एक तरफ लेटे होते हैं, और पुरुष पीछे से प्रवेश करता है। यह पोजीशन गर्भधारण के लिए आरामदायक और फायदेमंद मानी जाती है, खासकर जब महिला का मासिक चक्र अनियमित हो।

सेक्स के बाद:

सेक्स के बाद, महिला को कम से कम 15 से 20 मिनट तक पीठ के बल लेटना चाहिए। इससे शुक्राणु को गर्भाशय तक पहुंचने में मदद मिलती है।

सेक्स की आवृत्ति: कितनी बार सेक्स करना चाहिए?

जब कोई जोड़ा गर्भधारण की योजना बना रहा होता है, तो सेक्स की आवृत्ति पर भी ध्यान देना चाहिए।

नियमित सेक्स

अगर आप गर्भधारण करना चाहते हैं, तो आपको ओव्यूलेशन के समय नियमित रूप से सेक्स करना चाहिए। इसका मतलब है ओव्यूलेशन के 2-3 दिन पहले और ओव्यूलेशन के दिन सेक्स करना।

शोध से पता चला है कि हर दूसरे दिन सेक्स करना गर्भधारण के लिए सबसे अधिक उपयुक्त होता है। यह इसलिए क्योंकि शुक्राणु का जीवनकाल 3 से 5 दिनों तक हो सकता है, इसलिए हर दूसरे दिन सेक्स करने से अधिक समय तक गर्भधारण की संभावना बनी रहती है।

अधिक सेक्स: फायदे और नुकसान

बहुत अधिक सेक्स करने से शुक्राणु की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है। अगर कोई जोड़ा हर दिन सेक्स करता है, तो पुरुष के शुक्राणु की मात्रा कम हो सकती है। इसलिए, रोज़ सेक्स करने के बजाय, हर दूसरे दिन या दो दिनों के अंतराल पर सेक्स करना बेहतर माना जाता है।

जीवनशैली और गर्भधारण पर असर

गर्भधारण के लिए केवल सेक्स करना ही पर्याप्त नहीं होता। आपकी जीवनशैली, खानपान, और स्वास्थ्य भी गर्भधारण की संभावना पर प्रभाव डालते हैं।

स्वस्थ खानपान और आहार

एक स्वस्थ और संतुलित आहार गर्भधारण की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। फोलिक एसिड, आयरन, और कैल्शियम युक्त आहार का सेवन महिलाओं के लिए गर्भधारण के समय फायदेमंद होता है। पुरुषों के लिए जिंक और विटामिन सी से भरपूर आहार शुक्राणु की गुणवत्ता में सुधार करता है।

वजन और व्यायाम

संतुलित वजन गर्भधारण के लिए महत्वपूर्ण होता है। अत्यधिक मोटापा या बहुत कम वजन होना गर्भधारण की प्रक्रिया को मुश्किल बना सकता है। नियमित व्यायाम करने से शरीर स्वस्थ रहता है, लेकिन अत्यधिक व्यायाम से भी गर्भधारण की संभावना कम हो सकती है।

धूम्रपान और शराब से बचें

धूम्रपान और शराब का सेवन गर्भधारण की संभावना को घटा सकता है। धूम्रपान से पुरुषों के शुक्राणु की गुणवत्ता और महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

तनाव और मानसिक स्थिति

गर्भधारण की प्रक्रिया में मानसिक स्वास्थ्य का भी एक महत्वपूर्ण योगदान होता है। अत्यधिक तनाव, चिंता, और मानसिक तनाव गर्भधारण को मुश्किल बना सकते हैं। मानसिक तनाव को कम करने के लिए योग, ध्यान, और प्राणायाम जैसी तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है।

कब डॉक्टर से संपर्क करें?

हर जोड़े की प्रजनन क्षमता अलग होती है। यदि आप एक साल तक नियमित रूप से प्रयास करने के बाद भी गर्भधारण नहीं कर पा रहे हैं, तो आपको डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। कुछ महिलाओं में प्रजनन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस), एंडोमेट्रियोसिस, या थाइरॉइड की समस्या। पुरुषों में भी शुक्राणु से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे शुक्राणु की कम संख्या या खराब गुणवत्ता।

फर्टिलिटी टेस्ट्स

डॉक्टर से परामर्श लेने पर वे आपको और आपके साथी को कुछ फर्टिलिटी टेस्ट्स कराने की सलाह दे सकते हैं। इनमें ओव्यूलेशन ट्रैकिंग, अल्ट्रासाउंड, या शुक्राणु की जांच शामिल हो सकती है।

गर्भधारण के लिए सेक्स करना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, लेकिन इसके लिए सही समय, स्थिति, और जीवनशैली पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। ओव्यूलेशन का समय पहचानना, सही सेक्स पोजीशन का चयन, और नियमित रूप से प्रयास करना गर्भधारण की संभावना को बढ़ा सकता है। इसके साथ ही, एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाना और तनाव मुक्त रहना भी महत्वपूर्ण है।

यदि आप लगातार प्रयास कर रहे हैं लेकिन गर्भधारण में सफलता नहीं मिल रही, तो डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है। हर व्यक्ति की प्रजनन क्षमता अलग होती है, इसलिए धैर्य रखें और सकारात्मक सोच बनाए रखें।

अस्वीकरण: आपको अपने नजदीकी डॉक्टर से राय लेनी चाहिए ताकि आप अपनी सूझबूझ के साथ इस प्रक्रिया को सही तरीके से अंजाम दे पाए। 

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Dr. Shyam Gulati
डॉ. श्याम गुलाटी, एक प्रतिष्ठित स्वास्थ्य और कल्याण विशेषज्ञ, के पास आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा में दो दशकों का अनुभव है। उन्होंने अपने ज्ञान और अनुभव के माध्यम से सैकड़ों लोगों को स्वस्थ जीवन जीने में सहायता की है। "खबर हरतरफ" पर वे स्वास्थ्य और कल्याण से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर नियमित रूप से लेख लिखते हैं, जिनसे पाठकों को स्वस्थ जीवन शैली अपनाने में मार्गदर्शन मिलता है।

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