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ढीलापन दूर करने की आयुर्वेदिक दवाएं: पुरुषों में यौन अंग की मजबूती के असरदार उपाय

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पुरुषों में यौन अंग का ढीलापन (Penile Looseness) उम्र, तनाव, अनियमित खान‑पान और हार्मोनल असंतुलन के कारण हो सकता है। यह समस्या शारीरिक ही नहीं, मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालती है। आयुर्वेद के प्राकृतिक उपाय जड़ से इलाज करके लंबे समय तक प्रभावी रहते हैं और इनमें साइड इफेक्ट की संभावना न्यूनतम होती है।


ढीलापन के मुख्य कारण

  1. आयु एवं हार्मोनल असंतुलन
  2. मानसिक तनाव
  3. अनियमित आहार (अत्यधिक तला‑भुना, प्रसंस्कृत भोजन)
  4. व्यायाम की कमी
  5. धूम्रपान और शराब का सेवन

आयुर्वेदिक जड़ी‑बूटियाँ और दवाएं

1. अश्वगंधा (Ashwagandha)

  • लाभ: तनाव कम करती है, टेस्टोस्टेरोन स्तर बढ़ाती है, वीर्य की गुणवत्ता सुधारती है।
  • सेवन विधि: 1–2 ग्राम पाउडर रोज़ाना दूध के साथ।

2. शिलाजीत (Shilajit)

  • लाभ: प्राकृतिक मिनरल्स से भरपूर, मांसपेशियों को मज़बूती और यौन प्रदर्शन में सुधार।
  • सेवन विधि: 300–500 मिलीग्राम शुद्ध शिलाजीत सुबह‑शाम।

3. कौंच बीज (Kaunch Beej)

  • लाभ: वीर्य वृद्धि, नपुंसकता दूर करने में सहायक।
  • सेवन विधि: 5–10 ग्राम पाउडर दूध या पानी के साथ।

4. सफेद मूसली (Safed Musli)

  • लाभ: नसों को मज़बूत बनाती है, यौन शक्ति बढ़ाती है।
  • सेवन विधि: 3–6 ग्राम चूर्ण भोजन के बाद।

आयुर्वेदिक तेल मालिश

नारियल तेल + लहसुन

  • नारियल तेल में लहसुन की कलियाँ हल्की आंच पर गर्म करें, ठंडा होने पर लिंग पर मालिश करें।
  • लाभ: त्वचा और नसों में लचीलापन व मजबूती लाता है।

विशेष आयुर्वेदिक तेल

  • उदाहरण: Ashwagandha Tailam, Mahanarayan Tail, Bala Tail
  • रोज़ाना 10–15 मिनट हल्की मालिश करने से रक्त संचार सुधरता है और इरेक्शन मजबूत होता है।

घरेलू नुस्खे

  • सूखे मेवे: रोज़ाना 5–7 बादाम, 3–4 अखरोट, 2–3 खजूर।
  • स्वर्णिम दूध: दूध में ½ चम्मच हल्दी और 1 चम्मच शहद मिलाकर सोने से पहले पिएं।
  • प्राणायाम: अनुलोम‑विलोम और कपालभाति प्राणायाम रोज़ाना 10–15 मिनट।

सावधानियाँ

  • किसी भी दवा या तेल का उपयोग करने से पहले आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।
  • अत्यधिक तला‑भुना भोजन, शराब व धूम्रपान से बचें।
  • नियमित योग, व्यायाम और संतुलित आहार अपनाएं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1. आयुर्वेदिक उपायों का असर कब दिखना शुरू होता है?
A1. लगभग 4–6 सप्ताह के नियमित सेवन व मालिश से सुधार महसूस होने लगता है।

Q2. क्या इन उपायों के कोई साइड इफेक्ट हैं?
A2. शुद्ध जड़ी‑बूटियाँ सामान्यतः सुरक्षित होती हैं, लेकिन गुणवत्ता और मात्रा का ध्यान रखें।

ढीलापन कोई लाइलाज समस्या नहीं—समय पर सही आयुर्वेदिक उपाय, संतुलित जीवनशैली और चिकित्सक की सलाह से पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है।

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Dr. Shyam Gulati

डॉ. श्याम गुलाटी, एक प्रतिष्ठित स्वास्थ्य और कल्याण विशेषज्ञ, के पास आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा में दो दशकों का अनुभव है। उन्होंने अपने ज्ञान और अनुभव के माध्यम से सैकड़ों लोगों को स्वस्थ जीवन जीने में सहायता की है। "खबर हरतरफ" पर वे स्वास्थ्य और कल्याण से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर नियमित रूप से लेख लिखते हैं, जिनसे पाठकों को स्वस्थ जीवन शैली अपनाने में मार्गदर्शन मिलता है।

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