रेटिंग: ⭐⭐⭐ (3/5)
Pushpa: The Rise (2021) की ऐतिहासिक सफलता के बाद, निर्देशक सुकुमार Pushpa 2: The Rule लेकर आए हैं। इस बार कहानी को बड़े पैमाने पर पेश करने और इसे एक “पैन-इंडियन” फिल्म बनाने की कोशिश की गई है। फिल्म में अल्लू अर्जुन, फहाद फासिल और रश्मिका मंदाना मुख्य भूमिकाओं में हैं। लेकिन क्या ये प्रयास सफल रहा? या फिर यह फिल्म भारी उम्मीदों के बोझ तले दब गई?
पिछले भाग की तुलना में क्या है नया?
फिल्म को बड़े स्तर पर प्रस्तुत किया गया है।
- बड़े बजट के दृश्य: दुबई, श्रीलंका और जापानी पोर्ट जैसे अंतरराष्ट्रीय लोकेशंस।
- भव्य एक्शन सीन: फिल्म में बड़े पैमाने पर एक्शन और ड्रामा दिखाने की कोशिश की गई है।
लेकिन इन सबके बावजूद फिल्म का कथानक उतना प्रभावशाली नहीं है जितना Pushpa: The Rise में था।
फिल्म की कहानी और लेखन (Pushpa 2 Movie Review)
फिल्म की शुरुआत वहीं से होती है, जहां से Pushpa: The Rise खत्म हुई थी। पुष्पा (अल्लू अर्जुन) अब एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का गैंगस्टर बन चुका है। उसकी टक्कर अब एसपी भंवर सिंह शेखावत (फहाद फासिल) से है। फिल्म का फोकस इन दोनों किरदारों के टकराव पर है।
लेकिन यहां एक बड़ी समस्या सामने आती है। फिल्म की कहानी में वह गहराई और मौलिकता नहीं दिखती, जिसने Pushpa: The Rise को इतना खास बनाया था। यहां बड़े एक्शन सीन और संवाद तो हैं, लेकिन वे भावनात्मक गहराई और कहानी की तारतम्यता में कमी को छुपा नहीं पाते।
अल्लू अर्जुन और फहाद फासिल का अभिनय
फिल्म का सबसे मजबूत पहलू अल्लू अर्जुन और फहाद फासिल का अभिनय है। अल्लू अर्जुन ने पुष्पा के किरदार में अपनी पूरी जान लगा दी है। उनका हाव-भाव, संवाद अदायगी और शारीरिक भाषा देखने लायक है। वहीं, फहाद फासिल ने एक बार फिर अपने किरदार को प्रभावशाली तरीके से निभाया है।
दोनों अभिनेताओं के बीच के टकराव के दृश्य फिल्म की जान हैं। इन दृश्यों में एक अलग तरह का रोमांच है, जो दर्शकों को बांधे रखता है।
रश्मिका मंदाना की भूमिका
रश्मिका मंदाना, जो श्रीवल्ली की भूमिका में हैं, इस बार ज्यादा स्क्रीन टाइम नहीं पाती हैं। हालांकि, उनके किरदार को इस बार ज्यादा बोल्ड तरीके से पेश किया गया है। एक तरफ यह साहसी कदम लगता है, तो दूसरी तरफ उनका चरित्र एकतरफा और अतिशयोक्तिपूर्ण लगने लगता है।
फिल्म के तकनीकी पहलू
फिल्म का सिनेमैटोग्राफी और बैकग्राउंड म्यूजिक शानदार है।
- कैमरा वर्क: मिरोस्लाव कुबा ब्रोजेक ने अपने कैमरे से हर फ्रेम को जीवंत बना दिया है।
- संगीत: देवी श्री प्रसाद का संगीत फिल्म को एक अलग ऊंचाई पर ले जाता है। चंद्रबोस के गीतों ने गानों को और प्रभावशाली बना दिया है।
फिल्म के कमजोर पहलू
- कहानी का कमजोर आधार: फिल्म का लेखन सबसे बड़ा कमजोर पहलू है। कहानी में नयापन नहीं है और कई बार यह बेमतलब खिंचती हुई लगती है।
- अत्यधिक लंबाई: 200 मिनट की लंबाई के कारण दर्शकों का ध्यान बनाए रखना मुश्किल हो जाता है।
- अतिरिक्त ड्रामा: फिल्म में कई जगहों पर अनावश्यक नाटकीयता देखने को मिलती है, जो कहानी को कमजोर करती है।
क्या खास है Pushpa 2 में?
फिल्म के कुछ ऐसे पल हैं जो इसे खास बनाते हैं:
- पुष्पा का काली अवतार: एक दृश्य में पुष्पा देवी काली के अवतार में दिखाई देता है। यह दृश्य फिल्म का सबसे यादगार पल है।
- इमोशनल सीन: पुष्पा का अपने परिवार के प्रति प्यार और कमजोरियां कहानी को भावनात्मक गहराई देती हैं।
निर्देशक सुकुमार की सोच
सुकुमार ने फिल्म को बड़े पैमाने पर बनाने का प्रयास किया है, लेकिन कई जगहों पर यह प्रयास कृत्रिम लगता है। फिल्म में “पैन-इंडियन” अपील जोड़ने के चक्कर में कहानी का वास्तविक सार खो जाता है।
फिल्म का निष्कर्ष और समीक्षा
Pushpa 2: The Rule एक बड़ी महत्वाकांक्षी फिल्म है, लेकिन यह अपनी उम्मीदों पर पूरी तरह खरा नहीं उतर पाती। यह फिल्म उन दर्शकों के लिए है, जो बड़े एक्शन सीन और स्टार पावर देखना पसंद करते हैं। लेकिन अगर आप एक गहरी और तार्किक कहानी की उम्मीद कर रहे हैं, तो यह फिल्म आपको निराश कर सकती है।
Watch Pushpa 2 The Rule trailer here:
यह भी पढ़े: Kanguva Movie Review: हाई-वोल्टेज एक्शन ड्रामा जो उम्मीदों पर कुछ हद तक खरा उतरता है