बॉलीवुड में इन दिनों इतिहास पर आधारित फिल्मों की भरमार है, लेकिन Karan Johar की Dharma Productions द्वारा प्रस्तुत Kesari Chapter 2 इस भीड़ से अलग खड़ी होती है। ये फिल्म सिर्फ एक युद्ध की कहानी नहीं है, बल्कि एक ऐसे इंसान की कानूनी लड़ाई की दास्तां है, जिसने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी थी।
फिल्म की कहानी: एक कोर्टरूम ड्रामा जो इतिहास को ज़िंदा करता है
Kesari Chapter 2 का कथानक 1919 में हुए Jallianwala Bagh Massacre के बाद की एक सच्ची घटना पर आधारित है। ये फिल्म Raghu और Pushpa Palat की किताब “The Case That Shook the Empire” पर आधारित है, जिसमें भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और वकील C. Sankaran Nair की कहानी को दर्शाया गया है।
नायर ने अपनी किताब Gandhi and Anarchy में पंजाब में हुए ब्रिटिश अत्याचारों का जिक्र किया, खासकर Sir Michael O’Dwyer को जिम्मेदार ठहराया। इसके बाद O’Dwyer ने मानहानि का केस दायर किया, जिसे 1922 में King’s Bench Court में सुना गया।
क्यों है ये कहानी महत्वपूर्ण?
इस घटना ने न सिर्फ भारत, बल्कि पूरे विश्व को ब्रिटिश शासन की असलियत दिखा दी थी।
- General Reginald Dyer ने जलियांवाला बाग में शांतिपूर्वक इकट्ठा हुए हजारों भारतीयों पर गोलियां चलवा दी थीं।
- रिपोर्ट्स के अनुसार करीब 1,500 से अधिक लोग मारे गए और 1,200 घायल हुए।
- British MP Bob Blackman ने हाल ही में संसद में इस घटना के लिए ब्रिटेन से माफी की मांग की।
कलाकारों का प्रदर्शन: दमदार और प्रभावशाली
- Akshay Kumar ने C. Sankaran Nair का किरदार बेहद मजबूती और भावुकता से निभाया है।
- R Madhavan एक ब्रिटिश वकील के किरदार में न्यायालय के अंदर और बाहर दोनों जगह बेहतरीन लगते हैं।
- Ananya Panday, एक युवा वकील के रूप में कहानी में ताजगी और नयापन लाती हैं।
निर्देशन और तकनीकी पक्ष
फिल्म की सिनेमैटोग्राफी, कोर्ट सीन और बैकग्राउंड स्कोर आपको 1920 के दौर में ले जाते हैं। निर्देशक ने कहानी को जिस बारीकी से बुना है, वह प्रशंसनीय है। ऐतिहासिक घटनाओं को नाटकीयता के साथ नहीं, बल्कि सच्चाई के साथ दिखाया गया है।
फिल्म क्यों देखें?
- यह सिर्फ एक फिल्म नहीं, इतिहास का आईना है।
- ये फिल्म दिखाती है कि एक व्यक्ति की सच्चाई के लिए लड़ाई कैसे साम्राज्य की नींव हिला सकती है।
- अगर आपको कोर्ट रूम ड्रामा, इतिहास और पैशन से भरी कहानियाँ पसंद हैं, तो ये फिल्म मिस न करें।
जलियांवाला बाग हत्याकांड: एक काला अध्याय
13 अप्रैल 1919 को बैसाखी के दिन, जलियांवाला बाग में हजारों लोग इकट्ठा हुए थे। जनरल डायर ने बिना किसी चेतावनी के अपने सैनिकों को गोलियां चलाने का आदेश दिया। 10 मिनट तक बिना रुके गोलियां चलती रहीं। एकमात्र निकास द्वार को भी बंद कर दिया गया।
यह घटना भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक टर्निंग पॉइंट साबित हुई।
C. Sankaran Nair कौन थे?
- पहले भारतीय सदस्य, वायसराय की कार्यकारी परिषद में
- इंडियन नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष
- कानूनविद और सच्चाई के लिए खड़े होने वाले योद्धा
फिल्म की advance booking में अब तक 24,000 से अधिक टिकटें बिक चुकी हैं। ये साफ इशारा करता है कि दर्शकों में इस फिल्म को लेकर उत्साह है। फिल्म की रिलीज़, जलियांवाला बाग हत्याकांड की बरसी के तीन दिन बाद हुई है, जो दर्शकों को और भावनात्मक रूप से जोड़ती है।
Kesari Chapter 2 ना केवल एक शानदार कोर्ट ड्रामा है, बल्कि भारत के उन सच्चे नायकों को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने बिना हथियार, कलम और हिम्मत से साम्राज्य के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
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