अगर आपने कभी ‘Panchayat’ देखी है और उसे दिल से पसंद किया है, तो Gram Chikitsalay को देखकर आपके मन में अनजाने ही तुलना की लहर उठेगी। और शायद यही सबसे बड़ी बाधा है इस नई वेब सीरीज़ की – यह खुद को Panchayat जैसा दिखाने की कोशिश तो करती है, लेकिन उस गहराई को छू नहीं पाती जो Jitendra Kumar की ‘Sachiv Ji’ वाली simplicity में थी।
Prime Video पर रिलीज़ हुई यह सीरीज़ एक मेडिकल ऑफिसर की कहानी है, जिसे सरकारी पोस्टिंग मिलती है झारखंड के एक सुदूर गाँव में। लेकिन गाँव की हकीकत उससे कुछ और ही उम्मीद करती है – यहाँ पहले से एक झोलाछाप डॉक्टर लोगों की आस्था का केंद्र है।
Gram Chikitsalay Review
🌟 Our Rating: ⭐⭐✰✰✰ (2/5)
- कहानी: ⭐⭐⭐☆☆ (3/5)
- अभिनय: ⭐⭐☆☆☆ (2/5)
- निर्देशन: ⭐⭐⭐☆☆ (3/5)
- संगीत: ⭐⭐☆☆☆ (2/5)
मुख्य कलाकार:
- Amol Parashar as Dr. Prabhat Sinha
- Vinay Pathak as स्थानीय डॉक्टर
- Garima Vikrant Singh as Nurse Indu
- Akash Makhija, Anandeshwar Dwivedi, Akansha Ranjan Kapoor
निर्देशक: राहुल पांडेय
निर्माता: दीपक कुमार मिश्रा
प्लेटफॉर्म: अमेज़न प्राइम वीडियो
एपिसोड्स: 5 एपिसोड, हर एक लगभग 30 मिनट का
भाषा: हिंदी

कहानी की गहराई:
डॉ. प्रभात सिन्हा एक आदर्शवादी युवा हैं, जो शहर की सुख-सुविधाएं छोड़कर गाँव में सेवा देना चाहते हैं। लेकिन गाँव की सच्चाई अलग है – वहाँ का विश्वास एक अनपढ़ डॉक्टर पर है और स्वास्थ्य केंद्र पर कोई भरोसा नहीं करता।
सीरीज़ की सबसे बड़ी कमजोरी यही है कि यह अपने विषय (ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था) से भटक जाती है। डॉक्टर के संघर्ष को जितनी गहराई से दिखाना चाहिए था, वह अधूरा सा लगता है।
क्या अच्छा है?
- विनय पाठक का अभिनय भरोसा जगाता है।
- ग्रामीण जीवन का माहौल और कुछ संवाद दिल छूते हैं।
- Nurse Indu का किरदार थोड़ी भावनात्मक गहराई लाता है।
क्या पसंद नहीं आया?
- अमोल पाराशर की परफॉर्मेंस में जोश की कमी।
- Panchayat की छाया में सीरीज़ अपनी पहचान नहीं बना पाती।
- हास्य की कोशिशें बनावटी लगती हैं।
- चिकित्सा से जुड़े मुद्दे सतही तरीके से दिखाए गए हैं।
जब मैंने इस सीरीज़ को देखना शुरू किया, उम्मीद थी कि एक और ‘गाँव की कहानी’ दिल को छू लेगी। लेकिन जैसे-जैसे एपिसोड आगे बढ़े, महसूस हुआ कि कहानी में न तो वो ह्यूमन कनेक्ट है और न ही हास्य का असर। डॉक्टर प्रभात का संघर्ष वास्तविक नहीं लगता – न वो गाँव से जुड़ पाते हैं और न ही दर्शकों से।
Gram Chikitsalay का उद्देश्य नेक है, लेकिन इसका निष्पादन कमजोर रह गया। यह वेब सीरीज़ एक जरूरी मुद्दे को उठाती है लेकिन उसकी गहराई में नहीं जाती। अमोल पाराशर एक बेहतरीन कलाकार हैं, लेकिन इस सीरीज़ में वो जितेंद्र कुमार की छाया से बाहर नहीं निकल पाते।
अगर आप गाँव और स्वास्थ्य सेवा की कहानियों में रुचि रखते हैं तो इसे एक बार देखा जा सकता है, लेकिन बहुत ज्यादा उम्मीदें लेकर न बैठें।
Gram Chikitsalay Trailer
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