फराह खान, जो आज एक मशहूर कोरियोग्राफर, फिल्म निर्देशक और कंटेंट क्रिएटर हैं, ने हाल ही में अपनी मुश्किल भरी बचपन की कहानी साझा की। उन्होंने बताया कि कैसे उनके पिता कमरान खान की फिल्म ऐसा भी होता है बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हुई और उनके परिवार को गरीबी का सामना करना पड़ा।
पिता की फिल्म फ्लॉप और गरीबी का आगाज़
फराह ने बताया कि उनके पिता, जो एक स्टंटमैन और निर्देशक थे, ने जब अपनी फिल्म बनाई, तो उनके परिवार को काफी उम्मीदें थीं। लेकिन फिल्म फ्लॉप होने के बाद उनकी जिंदगी अचानक से बदल गई।
“फिल्म शुक्रवार को रिलीज़ हुई और रविवार तक हम गरीबी रेखा के नीचे आ गए। उस समय मेरी उम्र केवल छह साल थी,” फराह ने एक पुराने इंटरव्यू में कहा।
फराह के परिवार को अपनी संपत्ति बेचनी पड़ी, जिसमें कारें, फर्नीचर और यहां तक कि उनकी मां के गहने भी शामिल थे। वे अपने ड्राइंग रूम को कुछ घंटों के लिए किराए पर देते थे, जहां लोग किटी पार्टी और कार्ड खेलते थे।
संघर्ष के दिनों की कहानी
अपने पिता की मौत के बाद फराह और उनके भाई साजिद खान ने अपनी मां के साथ एक छोटे से घर में रहने का संघर्ष किया। फराह ने केवल 15 साल की उम्र में काम करना शुरू कर दिया और खुद को संभालने का जिम्मा उठाया।
“मैंने अपने संघर्ष को एक प्रेरणा बनाया। अगर मैं इस दर्द से गुज़री नहीं होती, तो शायद मुझमें वो जज़्बा नहीं होता जो आज है,” उन्होंने कहा।
फिल्मी दुनिया में सफर
अपने पिता के नाम को श्रद्धांजलि देते हुए फराह ने शाहरुख खान के साथ फिल्म मैं हूं ना बनाई। उन्होंने इसे अपने पिता के सपने को पूरा करने का जरिया बताया। फराह ने लगभग 200 गानों की कोरियोग्राफी की और फिर निर्देशन की दुनिया में कदम रखा।
आज की फराह खान
आज फराह एक सफल फिल्म निर्देशक, कोरियोग्राफर और यूट्यूब कंटेंट क्रिएटर हैं। उनका सफर बताता है कि कठिन समय का सामना करने की हिम्मत और मेहनत आपको किसी भी मुकाम तक पहुंचा सकती है।
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