क्या आपको पता है? राज्य-विशेष चयन से PM Internship Scheme में सहभागिता बढ़ाने का तरीका!

सरकारी पहल में सुधार के साथ, स्थानीय उम्मीदवारों को प्राथमिकता देकर इंटर्नशिप के अवसरों का विस्तार।

State-specific selection is the way to increase participation in PM Internship Scheme!
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Key Highlights

  • बदलाव का प्रस्ताव: सरकार ने PM Internship Scheme में सुधार के लिए महत्वपूर्ण बदलावों की योजना बनाई है।
  • उम्मीदवारों का चयन: वर्तमान में, 82,077 में से केवल 28,141 उम्मीदवारों ने इंटर्नशिप ऑफ़र स्वीकार किए।
  • राज्य-विशेष चयन: प्रस्तावित बदलाव में, भाग लेने वाले यूनिट के उसी राज्य से उम्मीदवारों का चयन करने की योजना शामिल है।
  • कम स्टाइपेंड: निम्न स्टाइपेंड और अंतरराज्य यात्रा की वजह से उम्मीदवारों में रुचि की कमी देखी जा रही है।
  • विशेषज्ञों की राय: विशेषज्ञों का मानना है कि चयन प्रक्रिया में कंपनियों को भी शामिल किया जाना चाहिए, जिससे उपयुक्त उम्मीदवारों का चयन हो सके।

सरकार ने पीएम इंटर्नशिप स्कीम (PMIS) में सुधार के लिए कुछ महत्वपूर्ण बदलावों की योजना बनाई है, जिसका उद्देश्य इंटर्नशिप के अवसरों को अधिक व्यावहारिक और उम्मीदवारों के लिए आकर्षक बनाना है। मेरी अनुभवजन्य राय के अनुसार, इस पहल में स्थानीय उम्मीदवारों को प्राथमिकता देना एक सकारात्मक कदम हो सकता है, जिससे उन उम्मीदवारों की भागीदारी बढ़ेगी जो अपने राज्य में ही उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाना चाहते हैं।

वर्तमान स्थिति का अवलोकन

हाल ही में हुए राउंड के आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि इंटर्नशिप के अवसरों का पूरा लाभ नहीं उठाया जा रहा है।

  • असंख्या में कमी: 82,077 इंटर्नशिप ऑफ़र्स देने के बावजूद, केवल 28,141 उम्मीदवारों ने इन्हें स्वीकार किया।
  • निम्न स्टाइपेंड: उम्मीदवारों को प्रति माह मात्र ₹5,000 का स्टाइपेंड और एक बार में ₹6,000 का अलाउंस दिया जा रहा है, जो अंतरराज्य यात्रा की लागत को कवर करने में अपर्याप्त है।
  • यात्रा की असुविधा: अधिकांश उम्मीदवार 12 महीने की इंटर्नशिप के लिए दूसरे राज्य में जाने से हिचकते हैं, जिससे उनके चयन में बाधा उत्पन्न होती है।

प्रस्तावित बदलाव और उनका महत्व

सरकार के इस कदम का मुख्य उद्देश्य उम्मीदवारों की रुचि बढ़ाना और कंपनियों को अधिक उपयुक्त उम्मीदवार प्रदान करना है।

  • राज्य-विशेष चयन प्रणाली: अब सरकार यह प्रयास करेगी कि प्रत्येक भाग लेने वाले यूनिट से उसी राज्य के उम्मीदवारों का चयन किया जाए। इससे उन उम्मीदवारों को अवसर मिलेगा जो अपने स्थानीय क्षेत्र में ही कार्य करना पसंद करते हैं।
  • उम्मीदवारों की सहजता: स्थानीय चयन से उम्मीदवारों को यात्रा और रहने की असुविधाओं से निजात मिलेगी, जिससे उनकी कार्यक्षमता और संतुष्टि में वृद्धि होगी।
  • उद्योग की आवश्यकताएँ: विशेषज्ञों के अनुसार, स्थानीय उम्मीदवारों का चयन करने से कंपनियों को भी ऐसे उम्मीदवार मिलेंगे जो स्थानीय उद्योग की जरूरतों के अनुसार बेहतर ढंग से ढले हुए हों।

विशेषज्ञों की राय और अनुभवजन्य सुझाव

मेरे और अन्य विशेषज्ञों के अनुभव के आधार पर, इस योजना में कुछ महत्वपूर्ण सुझाव शामिल किए जा सकते हैं:

  • कंपनियों की भागीदारी: एक बड़े नियोक्ता के प्रवक्ता ने कहा कि वर्तमान में शॉर्टलिस्टिंग मंत्रालय द्वारा की जाती है, जिससे कई बार उम्मीदवार कंपनी की आवश्यकताओं पर खरा नहीं उतर पाते। सुझाव दिया गया है कि शॉर्टलिस्टिंग का कार्य कंपनियों को भी सौंपा जाए।
  • स्थानीय उद्योगों की समझ: क्षेत्रीय दृष्टिकोण अपनाने से न केवल उम्मीदवारों को आसानी होगी, बल्कि स्थानीय उद्योग की मांग के अनुसार उम्मीदवारों का चयन भी सुनिश्चित हो सकेगा।
  • प्रशिक्षण की गुणवत्ता: कंपनियाँ और सरकारी निकाय मिलकर स्थानीय उम्मीदवारों के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दे सकते हैं, जिससे उन्हें क्षेत्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके।

संभावित प्रभाव और सुधार की दिशाएँ

सरकारी इस पहल के कई सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं:

  • उम्मीदवारों में वृद्धि: राज्य-विशेष चयन से स्थानीय उम्मीदवारों के आवेदन में वृद्धि होगी और उनकी भागीदारी बेहतर होगी।
  • कंपनियों के लिए उपयुक्त चयन: इससे कंपनियों को ऐसे उम्मीदवार मिलेंगे जो उनके कार्य क्षेत्र के अनुरूप हों, जिससे प्रशिक्षण और कार्यान्वयन में आसानी होगी।
  • वित्तीय बोझ में कमी: स्थानीय चयन से अंतरराज्य यात्रा के खर्च और अन्य व्यय में कमी आएगी, जिससे उम्मीदवारों पर आर्थिक दबाव कम होगा।
  • स्कीम की विश्वसनीयता: इस सुधार से पीएम इंटर्नशिप स्कीम की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता में भी सुधार संभव है, जो अंततः पूरे युवाओं के वर्ग को लाभान्वित करेगा।

सरकार द्वारा PM Internship Scheme! में प्रस्तावित बदलाव निश्चित रूप से एक सकारात्मक पहल है। राज्य-विशेष चयन से स्थानीय उम्मीदवारों को मिलने वाले अवसरों में वृद्धि होगी और कंपनियाँ भी अधिक उपयुक्त उम्मीदवारों का लाभ उठा सकेंगी। मेरी विशेषज्ञता और अनुभव के आधार पर, इस पहल से उम्मीदवारों के उत्साह में वृद्धि, प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार और अंततः युवा वर्ग के लिए बेहतर करियर के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। आगे बढ़ते हुए, यह आवश्यक है कि चयन प्रक्रिया में कंपनियों की भागीदारी बढ़ाई जाए और पूरी स्कीम को स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप ढाला जाए।

सरकारी प्रयास में निरंतर सुधार के साथ, हम उम्मीद कर सकते हैं कि इस कदम से इंटर्नशिप के क्षेत्र में संतुलित और व्यापक विकास संभव होगा, जिससे युवा प्रतिभाओं का समुचित विकास सुनिश्चित हो सकेगा।

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