Key Highlights:
- फाइनेंशियल एक्सपर्ट सौरभ मुखर्जी का दावा – सैलरी वाली नौकरियों का दौर खत्म हो रहा है
- AI और ऑटोमेशन के कारण मिडिल क्लास को अब उद्यमिता की तरफ बढ़ने की ज़रूरत
- JAM ट्रिनिटी ने छोटे व्यवसायों को मजबूत बनाने का रास्ता खोल दिया
- नौकरी की सुरक्षा नहीं, अब स्किल और इनोवेशन होगी असली ताकत
नई दिल्ली | रिपोर्टर विशेष:
“अब वक़्त आ गया है कि भारतीय मिडिल क्लास अपनी सोच बदले। सैलरी वाली नौकरी की गारंटी अब बीते ज़माने की बात है,” यह कहना है मशहूर इन्वेस्टर और Marcellus Investment Managers के संस्थापक सौरभ मुखर्जी का।
सैलरीमैन एरा: अब इतिहास बनने की ओर
20 अप्रैल 2025 को एक पॉडकास्ट में सौरभ मुखर्जी ने स्पष्ट कहा कि आने वाले समय में खासतौर पर मिडिल मैनेजमेंट की नौकरियां AI और ऑटोमेशन की वजह से गायब हो जाएंगी। उन्होंने कहा:
- AI पहले ही Google जैसी कंपनियों में एक-तिहाई कोड लिख रही है।
- भारत में IT, बैंकिंग और मीडिया जैसे सेक्टर्स में ये बदलाव शुरू हो चुका है।
- अब ‘जॉब सिक्योरिटी’ की बजाय ‘स्किल सिक्योरिटी’ ज़रूरी है।
मिडिल क्लास को मानसिक और सांस्कृतिक बदलाव की ज़रूरत
सौरभ मुखर्जी ने भारतीय परिवारों से अपील की:
- बच्चों को ‘जॉब सिकर’ नहीं, ‘क्रिएटर’ बनने के लिए प्रेरित करें।
- सैलरी और पद के पीछे भागना बंद करें।
- रिस्क लेने की संस्कृति को अपनाएं।
JAM ट्रिनिटी: डिजिटल भारत की नींव
मुखर्जी मानते हैं कि JAM ट्रिनिटी (जनधन, आधार, मोबाइल) ने मिडिल क्लास को एक नई दिशा दी है:
- मोबाइल इंटरनेट ने स्किल्स और मार्केट एक्सेस को लोकतांत्रिक बना दिया है।
- जनधन और UPI ने पैसों के लेन-देन को आसान कर दिया।
- आधार ने डिजिटल ट्रस्ट का माहौल बनाया।
अब किसी भी मिडिल क्लास व्यक्ति के पास खुद का डिजिटल बिज़नेस शुरू करने के सारे टूल्स मौजूद हैं।
इस बदलाव से कौन प्रभावित होगा?
- टियर 2 और 3 कॉलेजों से निकले फ्रेश ग्रेजुएट्स, जिन्हें पहले से ही कॉर्पोरेट नौकरियों में जगह मुश्किल से मिल रही है।
- मिड-कैरियर प्रोफेशनल्स जो पारंपरिक जॉब रोल्स में टिके हुए हैं।
- मिडिल क्लास परिवार, जिनकी पूरी आर्थिक स्थिति एक सैलरी पर निर्भर करती है।
अब करना क्या है? – एक्शन प्लान
- करियर प्लान फिर से सोचें – स्टार्टअप, फ्रीलांसिंग या कंसल्टिंग की संभावनाएं टटोलें।
- डिजिटल स्किल्स जैसे कोडिंग, AI, SEO, कम्युनिकेशन में इन्वेस्ट करें।
- छोटे-छोटे साइड हसल शुरू करें – यूट्यूब चैनल, ऑनलाइन कोर्स, ब्लॉगिंग, कंसल्टिंग, डिजिटल मार्केटिंग आदि।
- सफल माइक्रो-उद्यमियों की कहानियों से सीखें।
भारत एक नए युग की ओर बढ़ रहा है: वर्क 2.0
सौरभ मुखर्जी की चेतावनी एक डर नहीं, बल्कि एक मौका है। अब तय करना भारत के मिडिल क्लास के हाथ में है, क्या वो इस बदलाव को अपनाकर एक नई राह पर चलेगा, या पुरानी नौकरी की उम्मीद में पीछे रह जाएगा?
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