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क्या खान सर की गिरफ्तारी हुई? बीपीएससी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन के बाद पुलिस ने दिया स्पष्टीकरण

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बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की प्रारंभिक परीक्षा में ‘नॉर्मलाइज़ेशन’ प्रक्रिया को लेकर छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच पटना पुलिस ने स्पष्ट किया कि चर्चित शिक्षाविद और यूट्यूबर फैज़ल खान, जिन्हें आमतौर पर खान सर के नाम से जाना जाता है, को न तो गिरफ्तार किया गया है और न ही हिरासत में लिया गया है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर ‘Khan Global Studies’ नामक अकाउंट से खान सर की रिहाई की मांग की गई थी। इस पर सचिवालय के सब-डिविजनल पुलिस अधिकारी (SDPO) डॉ. अनु कुमारी ने इसे “बेबुनियाद, भ्रामक और भड़काऊ” बताया।

क्या है मामला?

बीपीएससी ने 70वीं प्रारंभिक परीक्षा 13 दिसंबर 2024 को आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस परीक्षा को ‘वन शिफ्ट, वन पेपर’ प्रणाली में आयोजित करने की मांग को लेकर छात्रों ने पटना के बीपीएससी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों का कहना है कि नॉर्मलाइज़ेशन प्रक्रिया से उन्हें नुकसान हो सकता है।

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए हल्का बल प्रयोग किया। इससे मामला और बढ़ गया, और सार्वजनिक नाराजगी सामने आई।

खान सर और गुरु रहमान का समर्थन

प्रसिद्ध शिक्षाविद खान सर और गुरु रहमान (मोतिउर रहमान खान) ने छात्रों के इस प्रदर्शन में शामिल होकर उनके अधिकारों के लिए आवाज उठाई। हालांकि, जब खान सर को एक पुलिस स्टेशन जाते हुए देखा गया, तो अफवाहें फैल गईं कि उन्हें हिरासत में लिया गया है।

इस पर स्पष्टीकरण देते हुए पुलिस ने कहा कि खान सर अपनी इच्छा से गर्दनीबाग थाने आए थे और उन्होंने खुद के अनुरोध पर पुलिस वाहन से अटल पथ पर छोड़े जाने की मांग की थी।

छात्रों की मांगें और बीपीएससी का जवाब

छात्रों की मुख्य मांगें हैं:

  1. परीक्षा ‘वन शिफ्ट और वन पेपर’ में आयोजित हो।
  2. परीक्षा तिथि को आगे बढ़ाया जाए।
  3. सर्वर की गड़बड़ी के कारण अस्वीकार किए गए फॉर्म को स्वीकार किया जाए।

हालांकि, बीपीएससी ने स्पष्ट किया है कि परीक्षा एक ही शिफ्ट में 13 दिसंबर को दोपहर 12 से 2 बजे के बीच आयोजित की जाएगी। आयोग ने यह भी कहा कि नॉर्मलाइज़ेशन प्रक्रिया का कोई उल्लेख विज्ञापन में नहीं किया गया है और यह परीक्षा के लिए अप्रासंगिक है।

खान सर ने क्या कहा?

प्रदर्शनकारियों के बीच खान सर ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चाणक्य की भूमि पर छात्रों को अपने अधिकारों के लिए विरोध प्रदर्शन करना पड़ रहा है। हमारा किसी से व्यक्तिगत विरोध नहीं है। लेकिन यह सुनिश्चित होना चाहिए कि प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी हो।”

उन्होंने यह भी अपील की कि प्रशासन छात्रों की समस्याओं को संवेदनशीलता से समझे।

पुलिस और प्रशासन पर उठे सवाल

छात्रों पर हल्के बल प्रयोग से नाराजगी बढ़ी है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि प्रशासन को उनकी समस्याओं का समाधान संवाद के जरिए करना चाहिए था।

Normalisation प्रक्रिया क्या है?

नॉर्मलाइज़ेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें परीक्षा की अलग-अलग शिफ्टों में पूछे गए प्रश्नों की कठिनाई को संतुलित किया जाता है।

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Gunvant

गुणवंत एक अनुभवी पत्रकार और लेखक हैं, जो सटीक और रोचक खबरें प्रस्तुत करने में माहिर हैं। समसामयिक मुद्दों पर उनकी गहरी समझ और सरल लेखन शैली पाठकों को आकर्षित करती है। साथ ही वे क्रिकेट में अपनी रूचि रखते है। गुणवंत का लक्ष्य समाज को जागरूक और प्रेरित करना है। वे हमेशा निष्पक्षता और सच्चाई को प्राथमिकता देते हैं।

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