Swiggy IPO: भारत में तेजी से बढ़ती डिलीवरी कंपनियों के लिए निवेशकों की रुचि की परीक्षा

CLSA के अनुसार, ये कंपनियां अगले दशक में $78 बिलियन के संयुक्त ऑर्डर्स पार करने की क्षमता रखती हैं, जिससे Hindustan Unilever Ltd. और Marico Ltd. जैसी कंपनियों पर असर पड़ सकता है।

Swiggy IPO- A test of investor interest for fast-growing delivery companies in India
Swiggy IPO- A test of investor interest for fast-growing delivery companies in India
WhatsApp Group Join Now

भारत की सबसे बड़ी ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी, Swiggy IPO बुधवार को मुंबई के स्टॉक मार्केट में लिस्टिंग के साथ शुरू हो रहा है, जिससे यह देश के तेजी से बढ़ते त्वरित-कॉमर्स सेक्टर में निवेशकों के विश्वास की परीक्षा का केंद्र बन गया है। स्विगी का यह IPO 1.3 बिलियन डॉलर का है, जो इस साल का भारत का दूसरा सबसे बड़ा IPO है। इससे पहले Hyundai Motor India Ltd. ने 3.3 बिलियन डॉलर का रिकॉर्ड आईपीओ किया था।

स्विगी के इस मार्केट डेब्यू के साथ ही इसका मुकाबला भारत में पहले से सूचीबद्ध जोमैटो और प्राइवेट कंपनी ज़ेप्टो जैसी कंपनियों से होगा। CLSA की रिपोर्ट के अनुसार, ये त्वरित-कॉमर्स कंपनियाँ अगले दशक में $78 बिलियन के संयुक्त ऑर्डर्स का आँकड़ा पार कर सकती हैं, जो Hindustan Unilever Ltd. और Marico Ltd. जैसे बड़े कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ब्रांड्स के व्यवसाय पर असर डाल सकती हैं।

निवेशकों में बढ़ता विश्वास

Stratefix Consulting के सह-संस्थापक मुकुल गोयल का कहना है, “स्विगी का IPO न केवल भारत की डिजिटल इकोनॉमी में बढ़ते आत्मविश्वास का प्रतीक है, बल्कि त्वरित-कॉमर्स क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को भी दर्शाता है।”

स्विगी के आईपीओ में शुरुआती दिनों में निवेशकों का उत्साह थोड़ा धीमा रहा था, लेकिन अंतिम दिन पर संस्थागत निवेशकों के बड़े समर्थन के कारण यह अच्छी तरह से बंद हुआ। IPO की कीमत ₹390 प्रति शेयर रखी गई है, जो इसके प्रचारित दायरे के शीर्ष पर है।

बाज़ार की उम्मीदें और चुनौतियाँ

Swiggy IPO की सूचीबद्धता ऐसे समय में हो रही है जब वैश्विक निवेशक भारतीय शेयरों में निवेश के प्रति चिंतित हैं। देश के ऐतिहासिक ग्रे मार्केट में स्विगी की लिस्टिंग के लिए मामूली शुरुआत का अनुमान है, जो Hyundai Motor India की हालिया फीकी शुरुआत के समान हो सकती है।

हर्क्यूलस एडवाइजर्स के संस्थापक आदित्य शाह के अनुसार, “मुझे जोरदार लिस्टिंग की उम्मीद नहीं है क्योंकि व्यापक बाजार कमजोर स्थिति में है। स्विगी कई परिचालन मेट्रिक्स में जोमैटो से पीछे है, जो इसके लिए एक चुनौती साबित हो सकता है।”

तकनीकी निवेश और बाजार प्रतिस्पर्धा

स्विगी ने अपनी ऑपरेशनल दक्षता बढ़ाने के लिए तकनीकी निवेश और डार्क स्टोर्स में काफी पैसा लगाया है, जिससे डिलीवरी का समय 17 मिनट से घटाकर 12 मिनट किया गया है। गोयल का कहना है, “स्विगी का यह निवेश इसे भीड़-भाड़ वाले बाजार में एक प्रतियोगी बढ़त प्रदान करता है।”

हालांकि, स्विगी के सामने कई चुनौतियाँ भी हैं। हाल ही में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने कंपनी पर अनफेयर प्रैक्टिसेज के आरोपों की जांच शुरू की है। कंपनी का कहना है कि यह जाँच अभी प्रारंभिक स्तर पर है और इस पर कोई अंतिम आदेश नहीं आया है।

इन कठिनाइयों के बावजूद, भारत की तेज़ी से बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था में ऑनलाइन मांग के उछाल के चलते स्विगी की ग्रोथ मजबूत बनी हुई है। मार्च 31 तक, इसके पास 37% मार्केट शेयर था, जो जोमैटो के 39% के बाद दूसरे स्थान पर है।

निवेशक समर्थन और भविष्य की संभावनाएँ

Swiggy IPO ने फिडेलिटी इंटरनेशनल जैसे वैश्विक फंडों का समर्थन हासिल किया है, लेकिन इसके लाभकारी बनने की राह में अभी कई चुनौतीपूर्ण कदम हैं। ज़ोमैटो के शेयरों में 2023 की शुरुआत से अब तक चार गुना वृद्धि हुई है और कंपनी के अधिकांश विश्लेषक इसे एक बेहतर निवेश मानते हैं।

स्विगी का यह आईपीओ न केवल इसे नए निवेशकों से जोड़ेगा, बल्कि भारत के त्वरित-कॉमर्स क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को और तेज करेगा।

यह भी पढ़े: क्या Nifty और Bank Nifty ट्रेंड बदलेंगे? जानें 24,500 और 51,500 के स्तर पर संभावनाएं

Team K.H.
Team K.H. एक न्यूज़ वेबसाइट का लेखक प्रोफ़ाइल है। इस टीम में कई प्रोफेशनल और अनुभवी पत्रकार और लेखक शामिल हैं, जो अपने विशेषज्ञता के क्षेत्र में लेखन करते हैं। यहाँ हम खबरों, समाचारों, विचारों और विश्लेषण को साझा करते हैं, जिससे पाठकों को सटीक और निष्पक्ष जानकारी प्राप्त होती है। Team K.H. का मिशन है समाज में जागरूकता और जानकारी को बढ़ावा देना और लोगों को विश्वसनीय और मान्य स्रोत से जानकारी प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करना।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here