सेंसेक्स 100 अंक ऊपर, निफ्टी 25,450 के पास; IIFL फाइनेंस में 13% की तेजी
भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार को तेज शुरुआत के बाद प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी अपनी ऊंचाई से कुछ पीछे हट गए। शुरुआती व्यापार में सेंसेक्स 100 अंक चढ़कर 83,268.81 पर पहुंचा, जबकि निफ्टी 43.45 अंक की बढ़त के साथ 25,459.25 पर कारोबार कर रहा था। हालांकि, 20 मिनट बाद बाजार में मामूली गिरावट देखने को मिली, जिससे सूचकांक दिन के उच्चतम स्तर से नीचे आ गए।
बाजार की स्थिति
अधिकांश सेक्टोरल इंडेक्स हरे निशान में कारोबार कर रहे थे, जिसमें रियल एस्टेट सेक्टर सबसे आगे रहा। BSE रियल्टी इंडेक्स 1.85% की बढ़त के साथ 8,502.42 पर पहुंच गया। हालांकि, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं के शेयरों में गिरावट रही, जिसने बाकी बाजार की तेजी पर थोड़ी रोक लगाई।
IIFL फाइनेंस में तेज उछाल
IIFL फाइनेंस के शेयरों ने 13% से ज्यादा की बढ़त हासिल की। इस तेज वृद्धि का कारण भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा कंपनी के गोल्ड फाइनेंस कारोबार पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाना था। प्रतिबंध के चलते कंपनी को अपनी गोल्ड लोन सेवाओं के लिए क्रेडिट उपलब्धता में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। प्रतिबंध हटने के बाद निवेशकों का विश्वास बढ़ा और इसका सीधा असर शेयर की कीमत पर दिखा।
अन्य प्रमुख स्टॉक्स में तेजी
ITD Cementation के शेयरों में 15% की जोरदार उछाल देखी गई, क्योंकि अडानी ग्रुप द्वारा कंपनी की प्रमोटर हिस्सेदारी खरीदने की खबरें सामने आईं। अडानी ग्रुप, ITD Cementation की 46.64% हिस्सेदारी खरीदने के लिए सबसे प्रमुख दावेदार के रूप में उभरा है, जो कंपनी की सिविल इंजीनियरिंग क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम होगा।
इसके अलावा, JSW Steel, HDFC Life, Tata Steel, Hindalco और Coal India जैसे मेटल स्टॉक्स भी सकारात्मक संकेतों के साथ कारोबार कर रहे थे। दूसरी ओर, Cipla, NTPC, Titan Company, Tata Motors और Asian Paints जैसे स्टॉक्स में गिरावट देखने को मिली।
व्यापक बाजार की स्थिति
BSE मिडकैप इंडेक्स 0.10% की मामूली बढ़त के साथ 48,648.57 पर था, जबकि BSE स्मॉलकैप इंडेक्स 56,471.60 पर 0.28% की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा था। छोटे और मझोले शेयरों में भी निवेशकों की दिलचस्पी बनी रही, जिससे बाजार में व्यापक वृद्धि दर्ज की गई।
वैश्विक बाजार का असर
वैश्विक बाजारों में मिलाजुला रुख देखा गया। एशियाई बाजारों में भी उतार-चढ़ाव बना रहा, जबकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक के परिणामों का इंतजार किया जा रहा था। अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद के चलते निवेशकों का ध्यान इस बैठक पर टिका हुआ है, जो आने वाले दिनों में बाजार की दिशा निर्धारित कर सकता है।
निवेशकों के लिए सलाह
विशेषज्ञों का मानना है कि विदेशी निवेशकों की मजबूत भागीदारी और घरेलू आर्थिक विकास में स्थिरता से बाजार में सकारात्मकता बनी रहेगी। हालांकि, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति पर निर्भरता और वैश्विक बाजार की स्थितियों पर नजर रखना जरूरी है। निवेशकों को फिलहाल सतर्क रहने और मौजूदा प्रवृत्ति के साथ कदम मिलाने की सलाह दी जाती है।
इस हफ्ते शेयर बाजार की स्थिति काफी हद तक वैश्विक आर्थिक संकेतों और घरेलू नीतिगत निर्णयों पर निर्भर करेगी। गोल्ड फाइनेंस प्रतिबंध के हटने के बाद IIFL फाइनेंस में आई उछाल इस बात का संकेत है कि सही वक्त पर लिए गए नीतिगत फैसले बाजार में कितनी तेजी ला सकते हैं।
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