Key Highlights (मुख्य बिंदु):
- JSW Steel के शेयर 7% से ज्यादा टूटे।
- सुप्रीम कोर्ट ने ₹19,700 करोड़ की डील को रद्द किया।
- Bhushan Power and Steel की लिक्विडेशन का आदेश।
- JSW को अभी आधिकारिक आदेश की कॉपी नहीं मिली।
- डील की विफलता के पीछे देरी और फाइनेंसिंग पैटर्न मुख्य कारण।
JSW Steel के शेयरों में भारी गिरावट: Bhushan Power डील पर सुप्रीम कोर्ट का झटका
नई दिल्ली, 2 मई 2025: शेयर बाजार में शुक्रवार को एक बड़ी हलचल देखने को मिली जब JSW Steel के शेयर 7% से ज्यादा टूट गए। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह सुप्रीम कोर्ट का वह फैसला है जिसमें JSW Steel की Bhushan Power and Steel (BPSL) के लिए दी गई ₹19,700 करोड़ की रेजोल्यूशन प्लान को खारिज कर दिया गया।
यह फैसला उन निवेशकों के लिए भी बड़ा झटका है जिन्होंने JSW Steel पर भरोसा जताया था। एक समय पर यह डील भारत की सबसे बड़ी IBC (Insolvency and Bankruptcy Code) प्रोसीडिंग्स में से एक मानी गई थी।
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
CNBC-TV18 की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने JSW Steel के रेजोल्यूशन प्लान को खारिज करते हुए BPSL की लिक्विडेशन का आदेश दिया है। अदालत ने दो मुख्य कारण गिनाए:
- निर्धारित समयसीमा में प्लान को लागू न करना।
- डील के लिए इक्विटी की जगह OCDs (Optionally Convertible Debentures) का उपयोग।
यह दोनों ही बातें IBC के अंतर्गत निर्धारित नियमों का उल्लंघन थीं, जिसके चलते अदालत ने डील को रद्द कर दिया।
JSW Steel ने स्टॉक एक्सचेंज को अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हमें जानकारी मिली है कि सुप्रीम कोर्ट ने आज (2 मई 2025) हमारी योजना को अस्वीकार कर दिया है, जो पहले NCLAT द्वारा स्वीकृत की गई थी। हालांकि, हम अभी तक औपचारिक आदेश की प्रति प्राप्त नहीं कर पाए हैं।”
कंपनी ने आगे कहा कि वह आदेश की प्रति मिलने और अपने लीगल एडवाइज़र्स से विचार-विमर्श करने के बाद ही अगली रणनीति तय करेगी।
JSW Steel और BPSL की कहानी
2019 में JSW Steel ने BPSL के लिए 49% हिस्सेदारी IBC प्रक्रिया के तहत हासिल की थी और 2021 में अधिग्रहण पूरा हुआ। इसके बाद 1 अक्टूबर 2021 से कंपनी की हिस्सेदारी बढ़कर 83.3% हो गई। इस अधिग्रहण से JSW को 2.75 मिलियन टन प्रतिवर्ष (MTPA) की स्टील मेकिंग कैपेसिटी और विस्तार के नए अवसर मिले थे।
निवेशकों के लिए क्या मायने रखता है यह फैसला?
- शेयर प्राइस में बड़ी गिरावट से छोटे निवेशक सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
- कानूनी अनिश्चितता के चलते भविष्य की रणनीति भी अस्थिर हो गई है।
- JSW Steel को अब नए सिरे से सोचकर BPSL पर निर्णय लेना होगा।
बाजार की स्थिति और आगे की राह
स्टॉक एक्सचेंज ने भी JSW Steel से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है। जब तक कंपनी आधिकारिक आदेश को पढ़ नहीं लेती, तब तक निवेशकों के लिए यह मामला असमंजस भरा रहेगा।
हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर कंपनी कानूनी विकल्पों की तरफ बढ़ती है और अपील करने का रास्ता अपनाती है, तो स्थिति में कुछ सुधार हो सकता है।
JSW Steel के लिए यह फैसला न केवल कानूनी बल्कि कारोबारी दृष्टिकोण से भी एक बड़ा झटका है। जिन निवेशकों ने कंपनी में लंबे समय से भरोसा दिखाया था, उनके लिए यह चिंता का विषय है। अब सबकी नजरें JSW Steel की अगली रणनीति और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की औपचारिक कॉपी पर टिकी हैं।
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