बजट सत्र 2024: प्रधानमंत्री मोदी के उद्गार, जानें महत्वपूर्ण बातें

Budget Session 2024- Prime Minister Modi's speech, know the important things
Budget Session 2024- Prime Minister Modi's speech, know the important things
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नई दिल्ली, 31 जनवरी 2024 – संसद के बजट सत्र के प्रारंभ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने वक्तव्य में देश के विकास के लिए एक सकारात्मक और समावेशी दृष्टिकोण को साझा किया। उन्होंने अपने संबोधन में महिला सशक्तिकरण, विकास यात्रा और लोकतांत्रिक मूल्यों की महत्ता पर बल दिया।

महिला सशक्तिकरण पर जोर

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत में महिला सशक्तिकरण को प्रमुखता दी। उन्होंने हाल ही में पारित महिला आरक्षण विधेयक और महिला-नेतृत्व वाली गणतंत्र दिवस परेड का उल्लेख किया। मोदी जी ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले अंतरिम बजट में महिलाओं की शक्ति का प्रदर्शन होगा।

विकास यात्रा

प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि देश लगातार प्रगति कर रहा है और समावेशी विकास की यात्रा पर है। उन्होंने कहा कि यह बजट सत्र अगले पांच वर्षों के लिए देश की दिशा तय करेगा और 2047 तक एक विकसित भारत के लक्ष्य की नींव रखेगा, जब भारत अपनी स्वतंत्रता के 100 वर्ष मनाएगा।

लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान

मोदी जी ने सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें अपने व्यक्तिगत और पार्टीगत स्वार्थों से ऊपर उठकर देशहित में काम करना चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से विपक्षी सांसदों से अपील की कि वे संसदीय कार्यवाही को बाधित करने के बजाय रचनात्मक आलोचना और जनहित के मुद्दों को उठाएं।

संसद के लिए दिशा-निर्देश

प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर पूर्ण बजट प्रस्तुत नहीं किया जाएगा, बल्कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा एक दिशा-निर्देशक बजट प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने सभी सांसदों से आग्रह किया कि वे इस सत्र का सकारात्मक उपयोग करें और अपने विचारों से संसद को समृद्ध करें।

प्रधानमंत्री के इन उद्गारों से यह स्पष्ट होता है कि सरकार का ध्यान समावेशी विकास, महिला सशक्तिकरण और लोकतांत्रिक मूल्यों के संरक्षण पर है। यह सत्र देश के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण दिशा निर्धारित करेगा।

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SOURCEPRess Information Bureu
Shubham
शुभम झोपे एक प्रतिष्ठित लेखक हैं जो "ख़बर हरतरफ़" के लिए नियमित रूप से लेख लिखते हैं। उनकी लेखनी में समकालीन मुद्दों पर गहन विश्लेषण और सूक्ष्म दृष्टिकोण देखने को मिलता है। शुभम की लेखन शैली सहज और आकर्षक है, जो पाठकों को उनके विचारों से जोड़ देती है। शेयर बाजार, उद्यमिता और व्यापार में और सांस्कृतिक विषयों पर उनकी लेखनी विशेष रूप से सराही जाती है।

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