बजट 2024: टैक्सटाइल उद्योग को राहत की उम्मीद, सरकार विचार कर रही टैक्स कटौती पर

Budget 2024- Textile industry hopes for relief, government is considering tax cuts
Budget 2024- Textile industry hopes for relief, government is considering tax cuts
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भारत का टैक्सटाइल और परिधान (T&A) उद्योग, जो देश के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है, आने वाले बजट 2024 में सरकार से कई महत्वपूर्ण कदमों की उम्मीद कर रहा है। सरकार वर्तमान में आयातित ऑर्गेनिक कपास और लंबे स्टेपल कपास पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को हटाने या कम करने पर विचार कर रही है, जो वर्तमान में 5% बेसिक कस्टम ड्यूटी और 5% अतिरिक्त ड्यूटी के अधीन हैं।

भारत का टैक्सटाइल और परिधान उद्योग देश के कुल निर्यात का 10-11% और वैश्विक व्यापार का 5% हिस्सा रखता है। यह उद्योग देश में 45 मिलियन से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है, जिनमें से 60% महिलाएं हैं। इसलिए, किसी भी सरकारी निर्णय का इस उद्योग पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा।

MSME और कपास उद्योग

80% टैक्सटाइल उद्योग सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) द्वारा संचालित है। सरकार का उच्च आवंटन MSME क्षेत्र के लिए सकारात्मक प्रभाव डालेगा। भारत में कपास की वार्षिक खपत लगभग 31.6 मिलियन बेल्स है, जो कुल कच्चे माल की खपत का 60% है। यदि आयातित कपास पर 11% ड्यूटी माफ की जाती है, तो कपास की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार के अनुसार स्थिर हो सकती है, जिससे उद्योग को राहत मिलेगी।

टैक्सटाइल उद्योग वर्तमान में रूस-यूक्रेन युद्ध, रेड सी संकट, और इजरायल-हमास संघर्ष जैसी वैश्विक राजनीतिक अनिश्चितताओं, अमेरिका और यूरोप में आर्थिक संकटों के कारण कम मांग, घरेलू खपत में गिरावट और अस्थिर कच्चे माल की कीमतों से प्रभावित है। इसलिए, किसी भी सकारात्मक निर्णय से उद्योग को बड़ी राहत मिलेगी।

अन्य सरकारी उपाय

सरकार 5% से 10% तक घरेलू बाजार में बाढ़ लाने वाले मानव निर्मित फाइबर स्पिन यार्न पर बेसिक कस्टम ड्यूटी बढ़ाने और तकनीकी परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय टैक्सटाइल फंड स्थापित करने पर भी विचार कर रही है।

इस प्रकार, सरकार द्वारा प्रस्तावित उपाय टैक्सटाइल उद्योग के लिए व्यापक राहत प्रदान कर सकते हैं और इसे वैश्विक बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी बना सकते हैं।

सरकार के आगामी बजट में टैक्सटाइल उद्योग के लिए इन महत्वपूर्ण कदमों से न केवल उद्योग को स्थिरता मिलेगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि यह उद्योग भारत की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बना रहे।

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Shubham
शुभम झोपे एक प्रतिष्ठित लेखक हैं जो "ख़बर हरतरफ़" के लिए नियमित रूप से लेख लिखते हैं। उनकी लेखनी में समकालीन मुद्दों पर गहन विश्लेषण और सूक्ष्म दृष्टिकोण देखने को मिलता है। शुभम की लेखन शैली सहज और आकर्षक है, जो पाठकों को उनके विचारों से जोड़ देती है। शेयर बाजार, उद्यमिता और व्यापार में और सांस्कृतिक विषयों पर उनकी लेखनी विशेष रूप से सराही जाती है।

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