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एंकर लॉक-इन समाप्ति: 5,300+ करोड़ रुपये के शेयर बाजार में धमाका – जानें अब!

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Key Highlights

  • 5,300+ करोड़ रुपये के शेयर: हाल ही में सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर एंकर लॉक-इन अवधि समाप्त होने पर बाजार में उतरने को तैयार।
  • मुख्य कंपनियाँ: विषल मेगा मार्ट, वन मोबिक्विक सिस्टम्स, और साई लाइफ साइंसेज सहित पांच प्रमुख कंपनियों में अंतिम लॉक-इन समाप्ति।
  • प्रारंभिक लॉक-इन: क्वालिटी पॉवर इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट्स, हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज और एजेक्स इंजीनियरिंग में शुरुआती लॉक-इन अवधि समाप्त।
  • बाजार का माहौल: कुल मिलाकर आठ कंपनियों में 5,342.5 करोड़ रुपये के शेयर सेल-ऑफ की संभावना, जिससे बाजार में उतार-चढ़ाव की संभावना बढ़ रही है।

एंकर लॉक-इन समाप्ति से शेयर बाजार में नई हलचल

शेयर बाजार में एंकर निवेशकों का लॉक-इन समाप्त होना एक महत्वपूर्ण मोड़ है। हाल ही में सूचीबद्ध कई कंपनियों के शेयर अब बाजार में उतरने वाले हैं, जिससे संभावित सेल-ऑफ की उम्मीद है। इस हफ्ते विषल मेगा मार्ट, वन मोबिक्विक सिस्टम्स, और साई लाइफ साइंसेज समेत पांच प्रमुख कंपनियों में अंतिम लॉक-इन अवधि समाप्त हो रही है। साथ ही, क्वालिटी पॉवर इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट्स, हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज और एजेक्स इंजीनियरिंग में भी शुरुआती लॉक-इन समाप्ति देखने को मिल रही है।

एंकर निवेशकों का महत्व और लॉक-इन अवधि का प्रभाव

एंकर निवेशकों को आईपीओ से पहले 50% शेयरों के लिए 30 दिनों और शेष 50% के लिए 90 दिनों की लॉक-इन अवधि से बांधा जाता है। यह व्यवस्था शेयर बाजार में स्थिरता बनाए रखने और दीर्घकालिक निवेशकों के विश्वास को बढ़ावा देने के लिए अपनाई जाती है। इस हफ्ते इन लॉक-इन अवधि के समाप्त होने से कुल 5,342.5 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर सेल-ऑफ की संभावना बन रही है, जो बाजार में नई हलचल का कारण बन सकती है।

प्रमुख कंपनियों में संभावित सेल-ऑफ

  • विषल मेगा मार्ट: विषल मेगा मार्ट में एंकर निवेशकों द्वारा संभावित सेल-ऑफ लगभग 1,523 करोड़ रुपये का अनुमान है। कंपनी ने दिसंबर 2024 में आईपीओ से पहले 307 मिलियन शेयर प्रति 78 रुपये की दर पर 89 एंकर निवेशकों को आवंटित किए थे। आईपीओ में अत्यधिक मांग के चलते ओवरसब्सक्रिप्शन 27.28 गुना रहा, जिसमें क्वालिफाइड इंस्टिट्यूशनल बायर्स (QIBs) का योगदान उल्लेखनीय रहा।

  • हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज: हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज में भी प्रारंभिक लॉक-इन समाप्त होने पर लगभग 1,392 करोड़ रुपये के शेयर सेल-ऑफ की संभावना है। कंपनी ने फरवरी 2025 के आईपीओ से पहले 36 मिलियन शेयर प्रति 708 रुपये की दर से 96 एंकर निवेशकों को आवंटित किया था। हालांकि, आईपीओ में ओवरसब्सक्रिप्शन 2.66 गुना रहा, लेकिन QIBs की मांग में 9.09 गुना की ओवरसब्सक्रिप्शन देखने को मिली।

  • अन्य संभावित सेल-ऑफ: वन मोबिक्विक सिस्टम्स, साई लाइफ साइंसेज के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय जेम्मोलॉजिकल इंस्टिट्यूट और Inventurus Knowledge Solutions में भी एंकर निवेशकों द्वारा क्रमशः लगभग 701 करोड़ और 693 करोड़ रुपये के शेयर सेल-ऑफ की संभावना है।

बाजार पर संभावित प्रभाव

एक साल की रिकॉर्ड उपलब्धियों के बाद, भारत के प्राइमरी मार्केट में गतिविधि में गिरावट के साथ सेकेंडरी मार्केट में मंदी का प्रभाव साफ दिखाई दे रहा है। मुख्य बोर्ड में नई लिस्टिंग की संख्या कम हुई है और ड्राफ्ट पेपर दाखिल करने वाली कंपनियों की संख्या में भी कमी आई है। वर्तमान में, भारत का आईपीओ पाइपलाइन 1.1 ट्रिलियन रुपये से ऊपर होने के बावजूद कमजोर सेकेंडरी मार्केट सेंटीमेंट के कारण कई कंपनियाँ अपने आईपीओ को स्थगित करने या अनुमोदनों को समाप्त होने दे रही हैं। हालांकि, टाटा कैपिटल, अथर एनर्जी, ICICI प्रूडेंशियल एसेट मैनेजमेंट, LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया और HDB फाइनेंशियल सर्विसेज के आईपीओ को विशेष ध्यान में रखा जा रहा है।

इस हफ्ते एंकर निवेशकों के लॉक-इन अवधि समाप्त होने से शेयर बाजार में संभावित सेल-ऑफ का माहौल तैयार हो रहा है। निवेशकों के लिए यह समय है कि वे सतर्क रहें और बाजार के उतार-चढ़ाव पर नज़र रखें। दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण लेकिन संभावनाओं से भरा दौर हो सकता है। बाजार की इस नई दिशा को समझते हुए, सूचित निर्णय लेना अति आवश्यक हो गया है।

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Shubham

शुभम झोपे एक प्रतिष्ठित लेखक हैं जो "ख़बर हरतरफ़" के लिए नियमित रूप से लेख लिखते हैं। उनकी लेखनी में समकालीन मुद्दों पर गहन विश्लेषण और सूक्ष्म दृष्टिकोण देखने को मिलता है। शुभम की लेखन शैली सहज और आकर्षक है, जो पाठकों को उनके विचारों से जोड़ देती है। शेयर बाजार, उद्यमिता और व्यापार में और सांस्कृतिक विषयों पर उनकी लेखनी विशेष रूप से सराही जाती है।

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