हाल ही में, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारतीय ऑटोमोबाइल निर्माताओं के संगठन (SIAM) के सदस्यों के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। यह बैठक ट्रांसपोर्ट भवन में आयोजित की गई, जिसमें उद्योग की एथेनॉल और फ्लेक्स फ्यूल्स के प्रति तैयारियों पर चर्चा हुई। चर्चा का मुख्य फोकस उद्योग द्वारा आने वाले महीनों में एथेनॉल से चलने वाले वाहनों को लॉन्च करने की तैयारी पर था।
एथेनॉल और फ्लेक्स फ्यूल्स की ओर कदम
बैठक में गडकरी ने बताया कि कैसे पारंपरिक जीवाश्म ईंधनों से हटकर जैव ईंधनों की ओर जाने से भारत आत्मनिर्भर (आत्मनिर्भर भारत) बनने में मदद करेगा। यह बदलाव न केवल प्रदूषण को कम करेगा, बल्कि देश के वार्षिक जीवाश्म ईंधन आयात को भी घटाएगा और उपभोक्ताओं को सस्ते ईंधन विकल्प प्रदान करेगा। इसके अलावा, यह किसानों के लिए एक वैकल्पिक आय स्रोत प्रदान करेगा, क्योंकि एथेनॉल का उत्पादन चीनी उद्योग और अन्य कृषि उत्पादों से किया जाता है।
गडकरी ने जोर देकर कहा कि एथेनॉल और फ्लेक्स फ्यूल्स के इस्तेमाल से देश में ईंधन की लागत में बड़ी कटौती की जा सकती है। जीवाश्म ईंधन पर भारत की निर्भरता 40% वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है, और इस दिशा में बदलाव करने से प्रदूषण नियंत्रण में मदद मिलेगी। एथेनॉल का इस्तेमाल न केवल पर्यावरण को सुरक्षित करेगा, बल्कि विदेशी मुद्रा की भी बचत करेगा, जिससे देश का व्यापार संतुलन सुधरेगा। गडकरी ने कहा कि जैव ईंधनों को बढ़ावा देने के साथ ही, किसानों को भी इसका आर्थिक लाभ मिलेगा।
ऑटोमोबाइल उद्योग की तैयारियां
SIAM के अध्यक्ष, विनोद अग्रवाल ने इस बैठक में उद्योग की ओर से प्रस्तुत किए गए विभिन्न तकनीकी उपायों और योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग पहले से ही E10 (10% एथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल) का समर्थन कर रहा है, और अब E20 (20% एथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल) के लिए तैयार हो रहा है। उद्योग अप्रैल 2023 से E20 संगत वाहनों का निर्माण शुरू करेगा, और अप्रैल 2025 से पूरी तरह E20 से चलने वाले वाहनों का उत्पादन करने की दिशा में काम कर रहा है।
पर्यावरणीय और आर्थिक दृष्टिकोण
बैठक में यह भी कहा गया कि एथेनॉल को अपनाने से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी आएगी और आयात पर निर्भरता कम होगी। भारत में चीनी और अन्य कृषि उत्पादों के उत्पादन में वृद्धि से किसानों को अतिरिक्त आय के अवसर मिलेंगे, जो जैव ईंधन उत्पादन में मदद करेंगे। इसके अलावा, एथेनॉल और फ्लेक्स फ्यूल्स का इस्तेमाल पारंपरिक ईंधनों की तुलना में सस्ता होगा, जिससे आम आदमी को सीधा लाभ मिलेगा।
भारत की सड़क परिवहन और ऑटोमोबाइल नीति में एथेनॉल और फ्लेक्स फ्यूल्स को प्रमुखता से शामिल किया जा रहा है। इससे न केवल पर्यावरणीय लाभ होंगे, बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से भी यह महत्वपूर्ण साबित होगा। जैव ईंधन का उपयोग न केवल देश की ईंधन लागत को कम करेगा, बल्कि किसानों और उद्योग दोनों को सशक्त बनाएगा, जिससे देश की आत्मनिर्भरता और बढ़ेगी।
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