संसद बजट सत्र: वक्फ संशोधन विधेयक पर हंगामा, विपक्ष ने जताई आपत्ति

वक्फ संशोधन विधेयक पर जेपीसी की रिपोर्ट से असहमति नोट्स हटाने पर विपक्ष का हंगामा, रिपोर्ट को वापस भेजने की मांग।

Parliament budget session: Ruckus over Waqf Amendment Bill, opposition raises objection
Parliament budget session: Ruckus over Waqf Amendment Bill, opposition raises objection
WhatsApp Group Join Now

संसद के बजट सत्र के नौवें दिन, 13 फरवरी 2025 को, राज्यसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट पेश की गई, जिसके बाद सदन में तीव्र हंगामा हुआ। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि रिपोर्ट से असहमति के नोट्स हटा दिए गए हैं, जिसे उन्होंने ‘अलोकतांत्रिक’ करार देते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से रिपोर्ट को अस्वीकार करने और वापस भेजने की मांग की।

खड़गे ने कहा, “यह निंदनीय है कि असहमति के नोट्स को रिपोर्ट से हटा दिया गया है। यह पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है।” विपक्षी सांसदों ने भी इस मुद्दे पर सदन से वॉकआउट किया।

वहीं, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “सभी विपक्षी सांसदों ने रिपोर्ट बनाने में भाग लिया। सभी आरोप निराधार हैं।”

जेपीसी ने 24 जनवरी 2025 को वक्फ (संशोधन) विधेयक पर अपनी अंतिम बैठक में 44 संशोधनों पर चर्चा के बाद विधेयक को मंजूरी दी थी। समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बताया कि 14 संशोधनों को स्वीकार किया गया, जबकि विपक्ष द्वारा सुझाए गए संशोधनों को बहुमत के आधार पर अस्वीकार कर दिया गया।

विपक्ष का आरोप है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के संवैधानिक अधिकारों पर हमला है और वक्फ बोर्डों के कार्यों में हस्तक्षेप करता है। वहीं, भाजपा सदस्यों का कहना है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में आधुनिकता, पारदर्शिता और जवाबदेही लाने का प्रयास करता है।

इस बीच, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में नया आयकर विधेयक पेश किया, जो छह दशक पुराने आयकर अधिनियम की जगह लेगा और 1 अप्रैल 2026 से प्रभावी होगा। विशेषज्ञों के अनुसार, यह विधेयक मुख्यतः सरलीकरण का प्रयास है, जिसमें स्पष्ट भाषा, अतिरिक्त प्रावधानों और व्याख्याओं को हटाना, और आय की विस्तारित परिभाषा शामिल हैं।

संसद के बजट सत्र के दौरान इन महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा और बहस जारी है, जो देश के कानूनी और आर्थिक ढांचे में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं।

यह भी पढ़े: शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला जारी: सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट के पीछे क्या हैं कारण? जानिए पूरी डिटेल

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here