नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में बजट 2025 पेश करते हुए एक बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह एक नया आयकर बिल पेश किया जाएगा। यह बिल व्यक्तिगत करदाताओं के लिए कर अनुपालन को सरल बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इस नए कोड के तहत करों की गणना और रिटर्न दाखिल करना और भी आसान हो जाएगा। साथ ही, वित्तीय वर्ष (FY) और लेखा वर्ष (AY) की अवधारणा को समाप्त किया जाएगा।
नया आयकर बिल क्या लाएगा?
निर्मला सीतारमण ने बताया कि यह नया बिल आयकर कानूनों को सरल बनाने और 1961 के आयकर अधिनियम के पन्नों की संख्या को 60 प्रतिशत तक कम करने के लिए तैयार किया गया है। 1961 के इस अधिनियम में 23 अध्याय और 298 धाराएं हैं, जो समय के साथ कई संशोधनों के कारण जटिल हो गई हैं।
वित्तीय वर्ष और लेखा वर्ष की अवधारणा समाप्त
नए बिल के तहत वित्तीय वर्ष (FY) और लेखा वर्ष (AY) की अवधारणा को समाप्त किया जाएगा। यह कदम करदाताओं के लिए बड़ी राहत लेकर आएगा, क्योंकि इन दोनों अवधारणाओं के कारण अक्सर भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती थी।
करदाताओं के लिए और क्या बदलाव होंगे?
नए बिल के तहत LIC पॉलिसियों से होने वाली आय पर 5% की दर से कर लगाया जाएगा, जो 1961 के कानून के तहत कर मुक्त था। इसके अलावा, डिविडेंड आय पर कर, जो अब स्लैब दरों पर लगता है, को 15% की मानक दर पर लाया जाएगा। उच्च आय वर्ग के लिए भी कर की दर 35% पर मानकीकृत की जाएगी, जो अभी 30% के स्लैब के अतिरिक्त परिवर्तनीय अधिभार के रूप में लगती है।
कर ऑडिट में बदलाव
1961 के कानून के तहत कर ऑडिट केवल चार्टर्ड अकाउंटेंट्स द्वारा किए जा सकते थे, लेकिन नए बिल के तहत कंपनी सचिव और लागत प्रबंधन लेखाकारों को भी यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
नए बिल का उद्देश्य
निर्मला सीतारमण ने बताया कि इस नए बिल का मुख्य उद्देश्य कर कानूनों को सरल बनाना और करदाताओं के लिए कर अनुपालन को आसान बनाना है। इसके साथ ही, यह बिल करदाताओं को अधिक पारदर्शिता और सुविधा प्रदान करेगा।
बजट 2025 में पेश किया जाने वाला यह नया आयकर बिल करदाताओं के लिए एक बड़ा बदलाव लेकर आएगा। यह बिल न केवल करों की गणना और रिटर्न दाखिल करने को आसान बनाएगा, बल्कि करदाताओं को अधिक पारदर्शिता और सुविधा भी प्रदान करेगा। इस बिल के तहत किए जाने वाले बदलावों से करदाताओं को बड़ी राहत मिलेगी और कर अनुपालन की प्रक्रिया और भी सरल हो जाएगी।
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