31 जनवरी 2025 को संसद में पेश किए गए बजट 2025 इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक, भारत की अर्थव्यवस्था ने वैश्विक अनिश्चितता के बीच भी मजबूती दिखाई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में इस सर्वे को पेश किया, जिसमें FY25 और FY26 के लिए आर्थिक विकास, महंगाई, और निवेश से जुड़े अहम आंकड़े शामिल हैं।
बजट 2025 इकोनॉमिक सर्वे: मुख्य बिंदु
- GDP वृद्धि दर: FY25 में भारत की वास्तविक GDP वृद्धि दर 6.4% रहने का अनुमान है। FY26 के लिए यह दर 6.3-6.8% के बीच रह सकती है।
- FDI में उछाल: FY25 के पहले आठ महीनों में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) $55.6 बिलियन तक पहुंचा, जो पिछले साल की तुलना में 17.9% अधिक है।
- महंगाई पर नियंत्रण: खुदरा महंगाई दर FY24 के 5.4% से घटकर अप्रैल-दिसंबर 2024 में 4.9% पर आ गई है।
- कृषि क्षेत्र में मजबूती: कृषि और संबद्ध गतिविधियों का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में योगदान FY24 में 16% रहा।
- औद्योगिक और सेवा क्षेत्र: औद्योगिक क्षेत्र ने महामारी से पहले के स्तर को पार कर लिया है, जबकि सेवा क्षेत्र भी अपने ट्रेंड स्तर पर पहुंच गया है।
कृषि क्षेत्र: अर्थव्यवस्था की रीढ़
इकोनॉमिक सर्वे 2025 के मुताबिक, कृषि क्षेत्र ने FY24 में 16% का योगदान दिया है। यह क्षेत्र न केवल राष्ट्रीय आय में अहम भूमिका निभाता है, बल्कि रोजगार के अवसर भी प्रदान करता है। सर्वे में कहा गया है, “कृषि और संबद्ध गतिविधियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की है।”
FDI में बढ़ोतरी: भारत एक आकर्षक निवेश स्थल
FY25 के पहले आठ महीनों में भारत में FDI $55.6 बिलियन तक पहुंच गया, जो पिछले साल की तुलना में 17.9% अधिक है। यह वृद्धि ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ जैसी पहलों का परिणाम है। सर्वे में कहा गया है कि भारत अब वैश्विक निवेशकों के लिए एक प्रमुख गंतव्य बन गया है।
महंगाई पर नियंत्रण
सर्वे के अनुसार, खुदरा महंगाई दर FY24 के 5.4% से घटकर अप्रैल-दिसंबर 2024 में 4.9% पर आ गई है। यह सरकार की मौद्रिक नीतियों और आपूर्ति श्रृंखला में सुधार का परिणाम है।
विकसित भारत की ओर: डीरेगुलेशन पर जोर
सर्वे में ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए डीरेगुलेशन (नियंत्रण में ढील) को अहम बताया गया है। सर्वे के मुताबिक, “भारत को अपने आंतरिक विकास इंजन को मजबूत करने और आर्थिक स्वतंत्रता पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।”
बजट 2025 इकोनॉमिक सर्वे ने भारत की आर्थिक स्थिरता और विकास की राह को रेखांकित किया है। FDI में उछाल, महंगाई पर नियंत्रण, और कृषि क्षेत्र में मजबूती ने भारत को वैश्विक अनिश्चितता के बीच भी एक मजबूत अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित किया है।
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