पृथ्वी के लिए एक अद्वितीय खगोलीय घटना आ रही है। 21 दिसंबर 2024 को दो विशाल उल्कापिंड हमारे ग्रह के पास से गुजरने वाले हैं। इन उल्कापिंडों के नाम 2024 XQ4 और 2024 XN15 हैं, और ये दोनों आकाशीय पिंड हमारे ग्रह से अपेक्षाकृत करीब से गुजरेंगे। हालांकि, NASA ने पुष्टि की है कि इन उल्कापिंडों से पृथ्वी को कोई खतरा नहीं है।
उल्कापिंड 2024 XQ4: एक बड़ा घर जैसा आकार
2024 XQ4 उल्कापिंड का आकार 50 फीट व्यास का है, जो एक बड़े घर के आकार के बराबर है। यह उल्कापिंड अत्यधिक गति से पृथ्वी के पास से गुजरेगा। इसकी गति 47,634 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी। यह उल्कापिंड 1,060,000 किलोमीटर की दूरी से पृथ्वी के पास से गुजरने वाला है, जो खगोलीय दृष्टिकोण से एक “करीबी” दूरी मानी जाती है। इसका सबसे नजदीकी संपर्क 21 दिसंबर को 3:03 बजे IST के आसपास होगा।
उल्कापिंड 2024 XN15: थोड़ा बड़ा लेकिन कोई खतरा नहीं
2024 XN15 उल्कापिंड का आकार 60 फीट है, जो थोड़ी बड़ी आकार का है। यह उल्कापिंड 3,780,000 किलोमीटर की दूरी से पृथ्वी के पास से गुजरेगा। इसकी गति 35,051 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी। इस उल्कापिंड का नजदीकी संपर्क 21 दिसंबर को 2:38 बजे IST के आसपास होगा।
NASA क्यों कहता है कि इनसे कोई खतरा नहीं है?
हालांकि ये उल्कापिंड पृथ्वी के काफी करीब से गुजरेंगे, लेकिन NASA ने स्पष्ट किया है कि इनका पृथ्वी के लिए कोई खतरा नहीं है। NASA के अनुसार, इन उल्कापिंडों को “Potentially Hazardous Objects (PHOs)” की श्रेणी में नहीं डाला जाता है क्योंकि इनकी आकार 150 मीटर से कम है और ये पृथ्वी से 7.5 मिलियन किलोमीटर से ज्यादा दूर नहीं आते। दोनों उल्कापिंड इस सीमा से बहुत नीचे आते हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि पृथ्वी के लिए कोई खतरा नहीं है।
NASA कैसे ट्रैक करता है उल्कापिंडों को?
NASA ने इन उल्कापिंडों को ट्रैक करने के लिए कई उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल किया है। पृथ्वी के निकट स्थित इन आकाशीय पिंडों की निगरानी के लिए NASA द्वारा संचालित कैटालिना स्काई सर्वे जैसी धरती आधारित और NEOWISE जैसी अंतरिक्ष आधारित दूरबीनों का उपयोग किया जाता है। इन तकनीकों के माध्यम से, वैज्ञानिक इन उल्कापिंडों के मार्ग का अध्ययन करते हैं और संभावित खतरे की स्थिति में त्वरित कार्रवाई कर सकते हैं।
अभी के लिए, NASA ने यह स्पष्ट कर दिया है कि 21 दिसंबर को पृथ्वी के पास से गुजरने वाले इन उल्कापिंडों से कोई खतरा नहीं है। यह घटना खगोलीय दृष्टिकोण से दिलचस्प और रोमांचक है, लेकिन हमें इससे डरने की जरूरत नहीं है।
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