उस्ताद ज़ाकिर हुसैन ने भारतीय शास्त्रीय संगीत में क्रांति लाकर किया संगीत की दुनिया को प्रभावित: पीएम मोदी

उस्ताद ज़ाकिर हुसैन के निधन से भारतीय शास्त्रीय संगीत को गहरा नुकसान हुआ। पीएम मोदी ने उन्हें 'संगीत की दुनिया में क्रांति लाने वाला' बताया। उनकी संगीत यात्रा हमेशा प्रेरणा देने वाली रहेगी।

Tabla Samrat Zakir Hussain passes away- Know the highlights of his legacy and career
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 73 वर्षीय मशहूर तबला वादक उस्ताद ज़ाकिर हुसैन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उनका निधन सोमवार को सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने उस्ताद हुसैन को भारतीय शास्त्रीय संगीत की दुनिया में एक क्रांति लाने वाले के रूप में याद किया।

प्रधानमंत्री ने “X” (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “दिग्गज तबला उस्ताद ज़ाकिर हुसैन जी के निधन पर गहरी शोक संवेदनाएँ व्यक्त करता हूँ। वह भारतीय शास्त्रीय संगीत की दुनिया में एक सच्चे ग genius थे जिन्होंने संगीत की वैश्विक मंच पर जगह बनाई। उन्होंने भारतीय शास्त्रीय परंपराओं को वैश्विक संगीत से जोड़ा और सांस्कृतिक एकता के प्रतीक बन गए।”

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “उनकी ऐतिहासिक प्रस्तुतियाँ और दिल से बनाई गई रचनाएँ आने वाली पीढ़ियों के संगीतकारों और संगीत प्रेमियों को प्रेरित करती रहेंगी। मेरी संवेदनाएँ उनके परिवार, मित्रों और वैश्विक संगीत समुदाय के साथ हैं।”

उस्ताद ज़ाकिर हुसैन का निधन उन असाधारण धरोहरों में एक और दुखद घटना है जिन्हें संगीत प्रेमियों ने दुनिया भर में सराहा। उस्ताद हुसैन के परिवार के अनुसार, वह पुरानी फेफड़ों की बीमारी से जूझ रहे थे। उनके परिवार ने एक बयान में कहा, “उन्होंने जो अद्वितीय योगदान संगीत जगत को दिया है, वह पीढ़ियों तक गूंजता रहेगा।”

उस्ताद हुसैन ने अपनी कला से भारतीय शास्त्रीय संगीत को केवल भारत तक सीमित नहीं रखा बल्कि उसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी प्रस्तुत किया। उनकी संगीत यात्रा ने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया को उनकी कला से परिचित कराया।

रचनात्मकता और संगीत में योगदान:

उस्ताद हुसैन की संगीत यात्रा की शुरुआत बेहद छोटे उम्र में हुई थी। उनका तबला की ओर रुझान बचपन से ही था और वह अपने पिता उस्ताद अल्ला रक्खा के मार्गदर्शन में शास्त्रीय संगीत के दिग्गज बने। उन्होंने तबला वादन की कला को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। उनकी निपुणता और शैली ने उन्हें न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर एक अमूल्य धरोहर बना दिया।

उनकी बेमिसाल प्रस्तुतियाँ और संगीत के प्रति उनकी श्रद्धा और प्यार ने उन्हें भारतीय संगीत जगत में एक आदर्श बना दिया। उस्ताद हुसैन का योगदान संगीत क्षेत्र में युगों तक याद रखा जाएगा। उनके निधन के बाद, उनकी कृतियाँ और प्रस्तुतियाँ हमेशा संगीत प्रेमियों के दिलों में जीवित रहेंगी।

स्मरण और श्रद्धांजलि:

प्रधानमंत्री मोदी के शोक संदेश के अलावा, संगीत जगत के कई अन्य कलाकारों और प्रसिद्ध हस्तियों ने भी उस्ताद हुसैन को श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके संगीत के प्रति योगदान को लेकर विभिन्न संगीत दिग्गजों ने उनके योगदान को सराहा। उस्ताद हुसैन के परिवार ने भी उनकी मृत्यु के बाद एक बयान जारी कर बताया कि वह स्वास्थ्य समस्याओं के कारण अस्पताल में भर्ती थे और इलाज के दौरान उनका निधन हुआ।

उस्ताद ज़ाकिर हुसैन का निधन भारतीय शास्त्रीय संगीत की एक बड़ी क्षति है। उनकी धरोहर और संगीत का योगदान पीढ़ियों तक अमर रहेगा। प्रधानमंत्री मोदी और संगीत जगत की बड़ी हस्तियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।

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