मोदी, फडणवीस, आरएसएस और योगी का नारा: कैसे बीजेपी ने महाराष्ट्र में फिर से जमाई पकड़

जून 4 को लग रहे राजनीतिक संकट के बाद, बीजेपी ने आरएसएस के सहयोग, हिंदुत्व की रणनीति और फडणवीस के नेतृत्व में महाराष्ट्र में फिर से मजबूत पकड़ बनाई।

Slogans of Modi, Fadnavis, RSS and Yogi: How BJP regained its hold in Maharashtra
Slogans of Modi, Fadnavis, RSS and Yogi: How BJP regained its hold in Maharashtra
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जब 4 जून को लोकसभा चुनाव परिणाम घोषित हुए, तो महाराष्ट्र में बीजेपी-नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन की स्थिति एक ऐसे पैराशूट जम्पर जैसी लग रही थी, जिसका पैराशूट खुलने में समस्या हो रही थी। 2014 और 2019 में महाराष्ट्र से 41 और 43 सीटें जीतने के बाद, 2024 में NDA मात्र 17 सीटों पर सिमट गई।

यह स्थिति बीजेपी के लिए राजनीतिक संकट का संकेत थी। लेकिन, चुनाव से दो महीने पहले राजनीतिक विश्लेषकों की ‘डूम प्रोजेक्शन’ के बावजूद, बीजेपी ने नई रणनीतियां अपनाई और अपनी स्थिति को सुधारा।

महाराष्ट्र का राजनीतिक महत्व

महाराष्ट्र न केवल 48 सांसद और 288 विधायक भेजता है, बल्कि यह भारत का सबसे अमीर राज्य है। 2024-25 में अनुमानित 42.67 लाख करोड़ रुपये के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) के साथ, यह किसी भी राजनीतिक दल के लिए सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र बन जाता है।

बीजेपी ने इस महत्व को समझते हुए नई रणनीति तैयार की और RSS के साथ समन्वय को मजबूत किया।

RSS का सहयोग और नेतृत्व का संदेश

बीजेपी ने कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए देवेंद्र फडणवीस को फिर से स्पष्ट रूप से नेतृत्व के रूप में प्रोजेक्ट किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने सार्वजनिक रूप से फडणवीस की तारीफ की, जिससे पार्टी कैडर को एकजुट होने में मदद मिली।

इसके साथ ही, आरएसएस के शिव प्रकाश और अतुल लिमये ने जमीनी स्तर पर पार्टी की स्थिति को मजबूत किया। RSS की युवा टीम ने मंडल स्तर पर काम करते हुए बगावत के मुद्दों को सुलझाने का काम किया।

बागियों को साधने की कोशिश

बीजेपी ने बागी नेताओं को मनाने के लिए बैक-चैनल डिप्लोमेसी का सहारा लिया। वरिष्ठ नेता गोपाल शेट्टी और प्रकाश मेहता जैसे बागियों ने अंतिम समय में अपने नाम वापस ले लिए। इसके अलावा, मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल ने भी चुनावी दौड़ से नाम वापस ले लिया।

हिंदुत्व की अपील और योगी का नारा

बीजेपी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लोकप्रिय नारे “बटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो नेक रहेंगे” को अपनाया। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे “एक है तो सेफ है” के रूप में पेश किया। इस नारे ने हिंदुत्व के तहत जातीय विभाजन को समेटने में मदद की।

एमवीए पर हमले और चुनावी रणनीति

बीजेपी ने महाविकास अघाड़ी (MVA) की 25 महीने की सरकार को भ्रष्टाचार, हिंसा और कुशासन के मुद्दों पर घेरा। साथ ही, उद्धव ठाकरे पर उनके पिता बालासाहेब ठाकरे की हिंदुत्व विरासत से दूर जाने का आरोप लगाया।

क्या होगी बीजेपी की लैंडिंग?

महाराष्ट्र में चुनाव परिणाम अनिश्चित हो सकते हैं, लेकिन बीजेपी की स्थिति अब 4 जून की तुलना में काफी बेहतर है। चाहे सरकार बने या विपक्ष में बैठे, बीजेपी का महाराष्ट्र में सबसे बड़ा दल बनना तय माना जा रहा है।

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