नागपुर, 12 नवंबर: पूर्व महाराष्ट्र गृह मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अनिल देशमुख पर सोमवार रात नागपुर जिले में पथराव हुआ। इस हमले में उनकी कार का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया और उन्हें चोटें आईं। घटना के तुरंत बाद उन्हें कटोल सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया।
यह हमला रात 8 बजे के करीब हुआ, जब अनिल देशमुख नरखेड़ गांव में एक बैठक में शामिल होने के बाद कटोल लौट रहे थे। यह घटना राज्य में राजनीतिक हिंसा के बढ़ते मामलों को उजागर करती है और कई नेताओं ने इसे गंभीरता से लिया है।
राजनीतिक नेताओं की प्रतिक्रिया
घटना के बाद कई राजनीतिक नेताओं ने इस हमले की कड़ी निंदा की।
सुप्रिया सुले, बारामती से लोकसभा सांसद और एनसीपी नेता, ने एक वीडियो साझा करते हुए लिखा,
“बेहद चिंतित और चिंताजनक! अनिल देशमुख जी के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करती हूं।”
आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा,
“मैं अनिल देशमुख जी पर हुए जानलेवा हमले की कड़ी निंदा करता हूं। लोकतांत्रिक समाज में हिंसा की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।”
आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा,
“यह हमला चौंकाने वाला है। राजनीति और समाज में हिंसा की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। मैं अधिकारियों से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध करता हूं।”
शिवसेना (यूबीटी) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा,
“अनिल देशमुख पर हमला मौजूदा महाझूठी सरकार के तहत कानून और व्यवस्था की स्थिति का एक और उदाहरण है। हमले में शामिल गुंडों पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए।”
विपक्ष ने उठाए सवाल
कांग्रेस नेता विकास ठाकरे ने इस घटना को गंभीर बताते हुए कहा कि अगर एक पूर्व मंत्री के साथ ऐसा हो सकता है, तो आम नागरिकों की सुरक्षा का क्या होगा?
ठाकरे ने बताया कि अनिल देशमुख वर्तमान में बोलने की स्थिति में नहीं हैं और उनका इलाज चल रहा है। विपक्ष ने इस घटना को राज्य में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति का प्रमाण बताया है।
क्या हुआ था?
अनिल देशमुख अपनी कार से कटोल लौट रहे थे, जब अज्ञात लोगों ने उनकी कार पर पत्थर फेंके। पथराव में कार का शीशा टूट गया और देशमुख घायल हो गए। घटना के कारणों की जांच चल रही है और दोषियों की पहचान के लिए पुलिस ने जांच तेज कर दी है।
आगे की कार्रवाई पर जोर
घटना ने राज्य में राजनीतिक हिंसा पर चर्चा को तेज कर दिया है। नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि दोषियों को जल्द से जल्द पकड़कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
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