गौतम बुद्ध नगर जिले में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद, सभी स्कूलों में 23 नवंबर तक शारीरिक कक्षाओं को बंद कर दिया गया है। जिला मजिस्ट्रेट मनीष कुमार वर्मा ने सोमवार को यह आदेश जारी किया।
दिल्ली-NCR का प्रदूषण गंभीर प्लस श्रेणी में
दिल्ली और आस-पास के इलाकों में AQI ने 450 का स्तर पार कर लिया है, जो ‘गंभीर प्लस’ श्रेणी में आता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह स्थिति स्वस्थ व्यक्तियों और पहले से बीमार लोगों दोनों के लिए बेहद हानिकारक है।
GRAP-4 के तहत कार्रवाई
प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण-4 को लागू किया है। इसके तहत स्कूलों को 23 नवंबर तक शारीरिक कक्षाओं को स्थगित कर ऑनलाइन मोड में संचालन के निर्देश दिए गए हैं।
स्कूलों और विश्वविद्यालयों का ऑनलाइन शिफ्ट
नोएडा और ग्रेटर नोएडा के अलावा, दिल्ली विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने भी कक्षाओं को ऑनलाइन मोड में बदल दिया है। दिल्ली विश्वविद्यालय ने 23 नवंबर तक ऑनलाइन कक्षाओं का ऐलान किया है, जबकि जेएनयू ने 22 नवंबर तक यही व्यवस्था की है।
प्रदूषण के स्रोत और समाधान की आवश्यकता
जलवायु विशेषज्ञ आरती खोसला ने COP29 सम्मेलन में कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण कई स्रोतों से आता है, जिनमें काला कार्बन, ओजोन, जीवाश्म ईंधन का जलना और पराली जलाना शामिल हैं। उन्होंने इन सभी कारकों पर समग्र समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया।
शहर के नागरिकों से अपील
प्रशासन और पर्यावरणविदों ने लोगों से अपील की है कि वे ईंधन खपत कम करें, सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें और स्थानीय हरित पहलों का समर्थन करें।
दिल्ली-NCR में स्वास्थ्य पर असर
विशेषज्ञों का कहना है कि गंभीर वायु गुणवत्ता स्वस्थ व्यक्तियों और पहले से बीमार लोगों के लिए बड़ी स्वास्थ्य समस्या बन सकती है। ऐसी स्थिति में बच्चों और बुजुर्गों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
Readers’ Note:
यह कदम बच्चों और नागरिकों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए उठाया गया है। प्रदूषण के खतरों को कम करने के लिए हम सभी को जिम्मेदार कदम उठाने होंगे।
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