क्या दिल्ली को भारतीय राजधानी बने रहना चाहिए? शशि थरूर ने वायु संकट पर उठाए सवाल

बीते कुछ दिनों से दिल्ली घने धुंध की चपेट में है, वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 'गंभीर प्लस' श्रेणी में पहुंच गया है।

Should Delhi remain the Indian capital_ Shashi Tharoor raises questions on air crisis
Should Delhi remain the Indian capital_ Shashi Tharoor raises questions on air crisis
WhatsApp Group Join Now

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली इन दिनों वायु प्रदूषण के गंभीर संकट से जूझ रही है। घने धुंध की चादर ने शहर को अपनी गिरफ्त में ले लिया है, और वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) “गंभीर प्लस” श्रेणी में पहुंच चुका है। इसी बीच, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इस विकराल समस्या पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए एक बड़ा सवाल उठाया है: क्या दिल्ली को भारतीय राजधानी बने रहना चाहिए?

वायु संकट का बढ़ता खतरा

दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों में बढ़ता प्रदूषण लोगों के स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बन चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि उद्योगों, वाहनों, और पराली जलाने जैसे कारणों ने इस स्थिति को और विकट बना दिया है।

शशि थरूर का बयान

शशि थरूर ने कहा, “दिल्ली को हर साल इस वायु संकट का सामना करना पड़ता है। अगर हम अपनी राजधानी को भी स्वच्छ और सुरक्षित नहीं बना सकते, तो यह पूरे देश के लिए एक गंभीर चेतावनी है। हमें इस पर विचार करना होगा कि क्या दिल्ली सही मायनों में राजधानी के रूप में उपयुक्त है।”

वायु प्रदूषण का प्रभाव और समाधान की जरूरत

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से न केवल स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं, बल्कि यह शहर की छवि पर भी असर डाल रहा है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि इस समस्या का समाधान सख्त नियमों, हरित ऊर्जा के इस्तेमाल, और वाहनों के प्रदूषण पर नियंत्रण से ही संभव है।

यह भी पढ़े: ब्राजील में संस्कृत मंत्रों से हुआ पीएम मोदी का स्वागत, G20 शिखर सम्मेलन में करेंगे भागीदारी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here