Ludhiana में इस साल डेंगू के प्रकोप को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने 20 अक्टूबर तक 1,020 चालान जारी किए हैं। इन उपायों को सख्ती से लागू करने पर ज़ोर देते हुए, उपायुक्त जितेंद्र जोर्वाल ने बैठक में कहा कि डेंगू की रोकथाम के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं, जिसमें सार्वजनिक स्थानों और घरों में लार्वा पाए जाने पर जुर्माना भी शामिल है। अधिकारियों ने बताया कि नगर निगम ने स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर शहर भर में घर-घर जाकर लार्वा की जांच की, जिससे डेंगू के संभावित प्रकोप पर अंकुश लगाने का प्रयास किया जा सके।
डेंगू रोकथाम के प्रयास और जागरूकता अभियान
उपायुक्त जोर्वाल के अनुसार, इस साल लुधियाना में अब तक कुल 187 मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने बताया कि नगर निगम ने लगभग 29 लाख घरों का निरीक्षण किया और 53 लाख से अधिक पानी के कंटेनरों, जैसे कि एयर कूलर, पानी के टैंक, और पुराने टायरों का भी निरीक्षण किया गया है, जिनमें मच्छरों का लार्वा पनपने की संभावना रहती है। शहर के कई हिस्सों में फॉगिंग और कीटनाशक छिड़काव भी किया गया है ताकि मच्छरों के प्रजनन स्थलों को खत्म किया जा सके।
उपायुक्त ने लोगों से अपील की कि वे अपने घरों में पानी के सभी खुले कंटेनरों को ढक कर रखें और नियमित रूप से साफ करें। इसके अलावा, उन्होंने स्थानीय निवासियों को पूरी आस्तीन के कपड़े पहनने और मच्छरों से बचाव के अन्य उपाय अपनाने की सलाह दी।
डेंगू के लक्षण और बचाव के सुझाव
डेंगू के मुख्य लक्षणों में तेज़ सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, और मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द शामिल हैं। प्रशासन का कहना है कि यदि समय पर उपचार न किया जाए, तो यह बीमारी गंभीर रूप धारण कर सकती है। इसीलिए अधिकारियों ने विशेष रूप से आह्वान किया है कि डेंगू के किसी भी लक्षण की उपेक्षा न की जाए और शीघ्र चिकित्सा सलाह ली जाए।
डेंगू की रोकथाम के लिए जारी यह अभियान लगातार चलाया जा रहा है, जिसमें प्रत्येक क्षेत्र में फॉगिंग, सार्वजनिक जागरूकता अभियान और चालान जैसी सख्त रणनीतियाँ अपनाई गई हैं।
लुधियाना प्रशासन की ओर से जारी इन निर्देशों और डेंगू की रोकथाम के प्रयासों का उद्देश्य डेंगू के प्रकोप को नियंत्रित करना और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
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