HDFC Bank Q2 Results Preview: मामूली वृद्धि के साथ शुद्ध लाभ में सुधार की उम्मीद

विश्लेषकों का अनुमान है कि बैंक का कर-पश्चात लाभ (PAT) ₹16,267.6 करोड़ तक पहुंच सकता है, जो पिछले वर्ष के ₹15,976.1 करोड़ के मुकाबले 1.9% की वृद्धि को दर्शाता है।

HDFC Bank Q2 Results Preview: Net profit expected to improve with marginal growth
HDFC Bank Q2 Results Preview: Net profit expected to improve with marginal growth
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भारत के सबसे बड़े निजी बैंक, एचडीएफसी बैंक, के दूसरी तिमाही (Q2FY25) के वित्तीय परिणामों का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है, जो 19 अक्टूबर 2024 को घोषित किए जाएंगे। इस अवधि में बैंक का प्रदर्शन, विशेष रूप से मुनाफा, ब्याज आय और परिसंपत्ति गुणवत्ता जैसे क्षेत्रों में, निवेशकों और बाजार विश्लेषकों के लिए महत्वपूर्ण रहेगा।

विश्लेषकों के अनुसार, इस तिमाही में बैंक का कर-पश्चात लाभ (PAT) ₹16,267.6 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है, जो साल दर साल 1.9% की मामूली वृद्धि को दर्शाता है। इसके साथ ही, बैंक की शुद्ध ब्याज आय (NII) भी 9.9% की वृद्धि के साथ ₹30,097.2 करोड़ हो सकती है, जो पिछले साल की ₹27,385.2 करोड़ की तुलना में है।

तिमाही की महत्वपूर्ण उम्मीदें

1. कर-पश्चात लाभ (PAT): मामूली वृद्धि की उम्मीद

एचडीएफसी बैंक के कर-पश्चात लाभ (PAT) में मामूली वृद्धि की संभावना जताई जा रही है। वित्तीय विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह ₹15,900 करोड़ से ₹16,450 करोड़ के बीच रह सकता है। पिछले साल की तुलना में यह 1.9% की वृद्धि को दर्शाता है, जो बैंक की स्थिर वित्तीय स्थिति को उजागर करता है।

2. शुद्ध ब्याज आय (NII): महत्वपूर्ण वृद्धि की उम्मीद

शुद्ध ब्याज आय (NII), जो बैंक के लिए एक प्रमुख प्रदर्शन संकेतक है, में इस तिमाही में 9-13% की वृद्धि की उम्मीद है। अनुमान है कि NII ₹29,810 करोड़ से ₹31,111.2 करोड़ के बीच रह सकती है। यह वृद्धि मुख्य रूप से उधार की मजबूत वृद्धि और ब्याज दरों में स्थिरता के कारण हो सकती है।

3. परिसंपत्ति गुणवत्ता में सुधार

बैंक की परिसंपत्ति गुणवत्ता में भी मामूली सुधार की उम्मीद की जा रही है। पिछले तिमाही में सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (GNPA) अनुपात 1.33% था, जिसमें Q2FY25 में गिरावट आने की संभावना है। हालांकि, बैंक को उम्र बढ़ने और विवेकपूर्ण लेखा प्रथाओं के कारण प्रावधानों में वृद्धि करनी पड़ सकती है।

पिछली तिमाही की समीक्षा (Q1FY25)

एचडीएफसी बैंक ने पहली तिमाही (Q1FY25) में मजबूत प्रदर्शन किया था। शुद्ध ब्याज आय (NII) ₹29,837.1 करोड़ थी, जो पिछले साल की तुलना में 26.4% की वृद्धि थी। इस वृद्धि का मुख्य कारण बैंक के उधार में हुई मजबूत वृद्धि थी। बैंक का शुद्ध लाभ ₹16,175 करोड़ था, जो साल दर साल 35% की वृद्धि दर्शाता है, हालांकि पिछली तिमाही की तुलना में इसमें 2% की गिरावट आई थी।

शुद्ध ब्याज मार्जिन (NIM) और ऋण-जमा अनुपात (LDR)

मार्केट विश्लेषकों का अनुमान है कि सितंबर तिमाही में बैंक का शुद्ध ब्याज मार्जिन (NIM) लगभग 3.71% के आसपास स्थिर रह सकता है। इसके अलावा, बैंक के ऋण-जमा अनुपात (LDR) में सुधार देखने को मिल सकता है, जो Q1FY25 के 103% से घटकर लगभग 100% तक आ सकता है। बैंक ने ऋण और जमा में संतुलन बनाए रखने पर जोर दिया है, जिससे भविष्य में बेहतर नकदी प्रवाह की उम्मीद है।

परिसंपत्ति वृद्धि और प्रावधान

एचडीएफसी बैंक के लिए Q2FY25 में परिसंपत्ति गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद है। हालांकि, बैंक को प्रावधानों में वृद्धि करनी पड़ सकती है, क्योंकि गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPAs) की उम्र बढ़ने के कारण जोखिम बढ़ता है। पिछली तिमाही में GNPA अनुपात 1.33% था, और इसमें सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।

4. ऋण और जमा वृद्धि

बैंक की ऋण वृद्धि Q2FY25 में 1.3% रही, जबकि जमा वृद्धि 5.1% रही। इसके चलते बैंक का LDR घटकर लगभग 100% तक आने की उम्मीद है। यह संतुलन बैंक की संपत्ति प्रबंधन रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिससे बैंक की वित्तीय स्थिति मजबूत बनी रहती है।

बाजार पर प्रभाव और निवेशकों की उम्मीदें

एचडीएफसी बैंक की वित्तीय स्थिति और प्रदर्शन पर निवेशकों की नजर है। पिछले कुछ वर्षों में बैंक ने मजबूत वित्तीय परिणाम दिए हैं, जिससे इसका स्टॉक भी बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। Q2FY25 के परिणामों के आधार पर बैंक का स्टॉक आगे भी स्थिरता दिखा सकता है, हालांकि प्रावधानों में वृद्धि और ब्याज दरों के दबाव के कारण कुछ अस्थिरता देखने को मिल सकती है।

एचडीएफसी बैंक की दूसरी तिमाही के वित्तीय परिणामों पर बाजार की नजरें टिकी हैं। बैंक के कर-पश्चात लाभ और शुद्ध ब्याज आय में वृद्धि की उम्मीद है, हालांकि परिसंपत्ति गुणवत्ता और प्रावधानों में वृद्धि जैसे कुछ चुनौतीपूर्ण पहलू भी हैं। निवेशकों के लिए यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि बैंक अपनी वित्तीय स्थिति को कैसे संतुलित रखता है और आगे की तिमाहियों में क्या रणनीतियां अपनाता है।

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Shubham
शुभम झोपे एक प्रतिष्ठित लेखक हैं जो "ख़बर हरतरफ़" के लिए नियमित रूप से लेख लिखते हैं। उनकी लेखनी में समकालीन मुद्दों पर गहन विश्लेषण और सूक्ष्म दृष्टिकोण देखने को मिलता है। शुभम की लेखन शैली सहज और आकर्षक है, जो पाठकों को उनके विचारों से जोड़ देती है। शेयर बाजार, उद्यमिता और व्यापार में और सांस्कृतिक विषयों पर उनकी लेखनी विशेष रूप से सराही जाती है।

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