शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का दूसरा दिन पाकिस्तान के इस्लामाबाद स्थित जिन्ना कन्वेंशन सेंटर में आयोजित हो रहा है, जहां प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ क्षेत्र के विभिन्न देशों के नेताओं का स्वागत करेंगे। इस शिखर सम्मेलन में एससीओ के सदस्य देशों की आर्थिक और व्यापारिक रणनीतियों पर व्यापक चर्चा होगी, जिसमें भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी शामिल होंगे। यह शिखर सम्मेलन क्षेत्रीय सहयोग, व्यापारिक संबंधों और पर्यावरणीय चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य
इस्लामाबाद में 15-16 अक्टूबर, 2024 को आयोजित इस शिखर सम्मेलन में भारत, चीन, रूस, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और किर्गिस्तान जैसे देशों के प्रमुख नेता एकत्रित हुए हैं। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य सदस्य देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही पर्यावरणीय समस्याओं पर भी गहन चर्चा की जाएगी।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शिखर सम्मेलन की शुरुआत समूह फोटो और उद्घाटन भाषण के साथ की। इस दौरान विभिन्न समझौतों पर हस्ताक्षर होने की भी संभावना है, जो एससीओ के सदस्य देशों के बीच आपसी सहयोग को और अधिक मजबूत करेंगे। साथ ही, पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार और एससीओ के महासचिव झांग मिंग मीडिया को संबोधित करेंगे।
जयशंकर की भागीदारी
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर इस शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। हालांकि, भारत और पाकिस्तान के बीच किसी द्विपक्षीय बैठक की योजना नहीं है, लेकिन जयशंकर की उपस्थिति ने दोनों देशों के बीच राजनयिक चर्चाओं को फिर से चर्चा में ला दिया है। पाकिस्तान में विपक्षी दलों ने भी उनकी यात्रा को लेकर टिप्पणियां की हैं, जिनमें खासतौर पर पूर्व प्रधानमंत्री अनवार-उल-हक काकर ने कहा कि भारत-पाकिस्तान संबंध इस सम्मेलन को प्रभावित नहीं कर रहे हैं, बल्कि यह बहुपक्षीय सहयोग की दिशा में योगदान कर रहे हैं।
व्यापार और पर्यावरण पर ध्यान
इस शिखर सम्मेलन में व्यापार और आर्थिक सहयोग के साथ-साथ पर्यावरणीय चुनौतियों पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। SCO के सदस्य देशों के बीच पर्यावरणीय समस्याओं से निपटने के लिए नई नीतियों पर विचार किया जाएगा। इसके साथ ही, सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भी कई नए प्रस्तावों पर चर्चा होगी।
सम्मेलन के दूसरे दिन व्यापारिक और आर्थिक सहयोग को और गहरा करने की उम्मीद की जा रही है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां SCO के सदस्य देश एक साथ काम कर सकते हैं। आर्थिक योजनाओं के अलावा, इस शिखर सम्मेलन में SCO के भविष्य के बजट पर भी महत्वपूर्ण फैसले लिए जाएंगे।
भारत-पाकिस्तान संबंधों की स्थिति
हालांकि इस शिखर सम्मेलन में भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय बातचीत की कोई योजना नहीं है, फिर भी यह सम्मेलन दोनों देशों के बीच संबंधों पर एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों ने भी जयशंकर की यात्रा पर तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं, लेकिन शिखर सम्मेलन का फोकस सदस्य देशों के बहुपक्षीय सहयोग पर है।
जयशंकर की इस यात्रा ने भारत-पाकिस्तान के बीच संबंधों के सुधार की संभावनाओं को भी चर्चा में ला दिया है, क्योंकि पाकिस्तान की ओर से यह कहा गया है कि उनके देश में भारत के साथ कूटनीतिक संबंधों में सुधार की गहरी इच्छा है।
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का यह शिखर सम्मेलन सदस्य देशों के बीच व्यापार, पर्यावरण और सामाजिक-सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। जयशंकर की उपस्थिति ने इस सम्मेलन को और अधिक महत्वपूर्ण बना दिया है, खासकर क्षेत्रीय राजनीति के संदर्भ में। हालांकि द्विपक्षीय वार्ताओं का कोई कार्यक्रम नहीं है, फिर भी यह देखना दिलचस्प होगा कि यह शिखर सम्मेलन क्षेत्रीय सहयोग को किस दिशा में ले जाता है।
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