नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने हाल ही में कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और उसके करीबी सहयोगी गोल्डी बराड़ समेत 16 गैंगस्टर्स के खिलाफ यूएपीए (Unlawful Activities Prevention Act) के तहत चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में लॉरेंस बिश्नोई के गैंग की तुलना आतंकवादी और माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम की डी-कंपनी से की गई है। यह गैंग पहले छोटे-मोटे अपराधों से शुरू हुआ, लेकिन आज यह उत्तरी भारत में आतंक का दूसरा नाम बन चुका है। बिश्नोई का साम्राज्य न केवल भारत के 11 राज्यों तक फैला हुआ है, बल्कि छह अंतर्राष्ट्रीय देशों तक भी इसका नेटवर्क पहुंच चुका है। इस लेख में, हम लॉरेंस बिश्नोई के बढ़ते आपराधिक साम्राज्य की विस्तार से चर्चा करेंगे और यह कैसे दाऊद इब्राहिम के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।
दाऊद इब्राहिम और लॉरेंस बिश्नोई के बीच समानता
दाऊद इब्राहिम ने 1990 के दशक में अपना साम्राज्य टारगेट किलिंग, ड्रग्स तस्करी, और एक्सटॉर्शन रैकेट के माध्यम से खड़ा किया था। धीरे-धीरे उसने डी-कंपनी नामक संगठित आपराधिक नेटवर्क बनाया, जिसका पाकिस्तान के आतंकवादियों से गठजोड़ हुआ। उसी तरह, लॉरेंस बिश्नोई ने अपने आपराधिक जीवन की शुरुआत छोटे अपराधों से की और धीरे-धीरे एक बड़े गैंग का निर्माण किया। आज उसका गैंग ड्रग्स, एक्सटॉर्शन और हत्याओं जैसे गंभीर अपराधों में शामिल है
700 शूटरों का नेटवर्क
NIA की चार्जशीट के अनुसार, लॉरेंस बिश्नोई का गैंग 700 से ज्यादा शूटरों के साथ ऑपरेट करता है, जिनमें से 300 शूटर पंजाब से हैं। यह गैंग सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को लुभाता है और उन्हें विदेश में सेटल होने का सपना दिखाकर अपने साथ जोड़ता है। बिश्नोई गैंग में शामिल होने वाले युवाओं को मुख्य रूप से कनाडा भेजने का लालच दिया जाता है। इस नेटवर्क को उसके करीबी सहयोगी गोल्डी बराड़ द्वारा संचालित किया जाता है, जो इस समय कनाडा में स्थित है और भारतीय और कनाडाई एजेंसियों द्वारा वांछित है।
लॉरेंस बिश्नोई का आपराधिक नेटवर्क केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका विस्तार अमेरिका, अजरबैजान, पुर्तगाल, यूएई और रूस जैसे देशों तक भी हो चुका है। बिश्नोई गैंग हवाला के जरिए विदेशों में करोड़ों रुपये भेजता है। इसके अलावा, पाकिस्तान में स्थित खालिस्तानी आतंकवादी हरविंदर सिंह रिंडा इस गैंग के शूटरों का इस्तेमाल पंजाब में टारगेट किलिंग और अन्य आपराधिक गतिविधियों के लिए करता है।
लॉरेंस बिश्नोई और उसके सहयोगियों ने सोशल मीडिया का व्यापक इस्तेमाल किया है। बिश्नोई के कोर्ट में पेश होने के वीडियो और तस्वीरें फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर साझा की जाती हैं, जिससे युवा पीढ़ी में उसकी लोकप्रियता और बढ़ती है। सोशल मीडिया का इस्तेमाल केवल प्रचार के लिए ही नहीं, बल्कि नए सदस्यों की भर्ती के लिए भी किया जाता है।
गैंग का उत्तरी भारत में वर्चस्व
लॉरेंस बिश्नोई का गैंग अब उत्तरी भारत के कई राज्यों में सक्रिय है, जिनमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड और महाराष्ट्र प्रमुख हैं। ये गैंग पहले केवल पंजाब तक सीमित था, लेकिन बिश्नोई और गोल्डी बराड़ ने अन्य राज्यों के गैंग्स से गठजोड़ करके इसे और विस्तार दिया है। NIA की चार्जशीट के अनुसार, बिश्नोई का गैंग अब उत्तरी भारत में सबसे प्रभावशाली आपराधिक नेटवर्कों में से एक बन चुका है।
बाबा सिद्दीकी की हत्या
हाल ही में, लॉरेंस बिश्नोई के गैंग ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी ली है। यह हत्या लॉरेंस बिश्नोई के बढ़ते आपराधिक वर्चस्व का प्रमाण है। इस हत्या से जुड़े दो शूटरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जबकि तीसरे की तलाश जारी है। NIA के अनुसार, बिश्नोई गैंग इस हत्या के पीछे है और यह घटना बिश्नोई के गैंग के उत्तरी भारत के बाहर भी बढ़ते प्रभाव का संकेत है।
लॉरेंस बिश्नोई का आपराधिक साम्राज्य दाऊद इब्राहिम की तरह तेजी से फैल रहा है। जहां दाऊद ने 1990 के दशक में मुंबई पर अपना वर्चस्व स्थापित किया था, वहीं बिश्नोई ने उत्तरी भारत और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने पैर पसार लिए हैं। NIA की कार्रवाई के बावजूद, बिश्नोई का गैंग आज भी अपनी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। सोशल मीडिया, अंतर्राष्ट्रीय गठजोड़, और युवाओं को लुभाने की उसकी रणनीति उसे और खतरनाक बनाती है। अगर इस पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो यह गैंग भविष्य में और भी बड़ा खतरा बन सकता है।
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