प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 सितंबर 2024 को डोडा, जम्मू-कश्मीर में अपने पहले चुनावी भाषण में महत्वपूर्ण बातें कहीं। आगामी विधानसभा चुनावों से पहले उनके भाषण का मुख्य संदेश यह था कि वह देशवासियों से मिले प्यार का कर्ज दोगुनी-तीन गुनी मेहनत से चुकाएंगे। पीएम मोदी ने कहा, “आपका प्यार और आशीर्वाद मुझे दोगुनी-तीन गुनी मेहनत करने की ताकत देता है। यह मोदी की गारंटी है कि हम मिलकर जम्मू-कश्मीर को सुरक्षित और समृद्ध बनाएंगे।”
जम्मू-कश्मीर के भविष्य की दिशा
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 2014 में केंद्र में आने के बाद से जम्मू-कश्मीर में युवा नेतृत्व को उभारने का काम किया है। इसके विपरीत, उन्होंने राजनीतिक वंशवादियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने नए नेताओं को आगे बढ़ने से रोका। उनका कहना था कि कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस (एनसी), और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के परिवारों ने जम्मू-कश्मीर की जनता के साथ अन्याय किया है।
आतंकवाद पर करारा प्रहार
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में जोर देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद अब अंतिम सांसें ले रहा है। उन्होंने कहा कि जिस दौर में अघोषित कर्फ्यू लगा करता था, अब वह समय खत्म हो चुका है। “आज, कांग्रेस के गृह मंत्री भी लाल चौक जाने से डरते थे, लेकिन अब हालात बदल गए हैं,” उन्होंने कहा।
युवा पीढ़ी का सशक्तिकरण और नई योजनाएं
मोदी ने जम्मू-कश्मीर के युवाओं के लिए ‘प्रेम नाथ डोगरा योजना’ का ऐलान किया, जिसका मकसद युवाओं को सशक्त करना और उन्हें आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करना है। उन्होंने यह भी कहा कि आगामी चुनावों में एक ओर जम्मू-कश्मीर की युवा पीढ़ी खड़ी है, और दूसरी ओर कांग्रेस, एनसी और पीडीपी के पुराने परिवार।
प्रधानमंत्री मोदी के इस भाषण से ठीक पहले, जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों के पहले चरण की तैयारी चल रही थी। 18 सितंबर को डोडा, किश्तवाड़, और रामबन जिलों में पहले चरण का मतदान होगा, जबकि 1 अक्टूबर को 90 सदस्यीय विधानसभा की 40 सीटों के लिए तीसरे चरण का मतदान होगा। पीएम मोदी ने अपने भाषण में इन चुनावों को जम्मू-कश्मीर के भविष्य के लिए एक निर्णायक मोड़ बताया और लोगों से भारतीय जनता पार्टी के समर्थन में वोट करने की अपील की।
सत्ता के वंशवादी खेल पर हमला
मोदी ने अपने भाषण में कांग्रेस, एनसी, और पीडीपी पर तीखा हमला बोला, इन पार्टियों को वंशवादी राजनीति का प्रतीक बताते हुए कहा, “इस चुनाव में तीन परिवार और जम्मू-कश्मीर के युवा आमने-सामने खड़े हैं। इन परिवारों ने जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ जो अन्याय किया है, वह किसी पाप से कम नहीं है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का डोडा में दिया गया भाषण एक महत्वपूर्ण राजनीतिक संदेश के साथ सामने आया, जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर में विकास, सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को अपना प्रमुख उद्देश्य बताया। आगामी चुनावों से पहले यह भाषण न केवल बीजेपी के दृष्टिकोण को प्रस्तुत करता है, बल्कि जनता से मिले समर्थन का कर्ज चुकाने का वादा भी करता है। मोदी ने जम्मू-कश्मीर के युवाओं के लिए कई योजनाओं की घोषणा की और उन्हें राजनीतिक वंशवाद के खिलाफ खड़ा होने के लिए प्रोत्साहित किया।
यह देखना दिलचस्प होगा कि इस चुनावी दौर में जम्मू-कश्मीर की जनता कैसे प्रतिक्रिया देती है और क्या यह भाषण चुनावी परिणामों को प्रभावित करता है।
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