समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरक्षण की सुरक्षा के लिए हो रहे भारत बंद का समर्थन किया है। उन्होंने इस आंदोलन को “जनता की शक्ति का प्रतीक” बताते हुए सरकार पर हमला बोला। अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी राय साझा करते हुए इस बंद को जनता की ओर से एक सकारात्मक प्रयास करार दिया।
अखिलेश यादव ने क्या कहा?
अखिलेश यादव ने अपने पोस्ट में लिखा, “आरक्षण की रक्षा के लिए हो रहे जन आंदोलन एक सकारात्मक प्रयास है। यह शोषित और वंचित वर्गों में नई चेतना जाग्रत करेगा और किसी भी प्रकार की आरक्षण से छेड़छाड़ के खिलाफ जनशक्ति का कवच साबित होगा। शांतिपूर्ण आंदोलन एक लोकतांत्रिक अधिकार है।”
उन्होंने आगे कहा, “बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने पहले ही आगाह किया था कि संविधान तब तक ही चलेगा जब तक उसे लागू करने वालों की नीयत सही होगी। जब सत्ता में बैठी सरकारें संविधान और उसके द्वारा दिए गए अधिकारों के साथ धोखाधड़ी, घोटालों और स्कैंडल्स के जरिए छेड़छाड़ करेंगी, तब जनता को सड़कों पर उतरना होगा। जन आंदोलन निरंकुश सरकार पर अंकुश लगाने का कार्य करता है।”
आरक्षण की रक्षा के लिए जन-आंदोलन एक सकारात्मक प्रयास है। ये शोषित-वंचित के बीच चेतना का नया संचार करेगा और आरक्षण से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ के ख़िलाफ़ जन शक्ति का एक कवच साबित होगा। शांतिपूर्ण आंदोलन लोकतांत्रिक अधिकार होता है।
बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी ने पहले ही आगाह…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 21, 2024
भारत बंद का कारण
देशभर में 21 संगठनों ने बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया था। यह बंद 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के एससी-एसटी आरक्षण के मामले में दिए गए फैसले के विरोध में बुलाया गया था। संगठनों का मानना है कि यह निर्णय आरक्षण के मूल सिद्धांतों को कमजोर करेगा और समाज के वंचित वर्गों के अधिकारों का हनन करेगा।
आरक्षण का महत्व और संघर्ष
आरक्षण भारतीय समाज में पिछड़े और वंचित वर्गों के लिए सामाजिक और आर्थिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण साधन रहा है। लेकिन समय-समय पर इसे चुनौती दी गई है, और कई बार इसे कमजोर करने के प्रयास हुए हैं। इस संदर्भ में भारत बंद और अखिलेश यादव का समर्थन यह दर्शाता है कि समाज में आरक्षण की सुरक्षा के लिए जनमत कितना महत्वपूर्ण है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष का यह बयान आरक्षण समर्थक वर्गों में नई ऊर्जा का संचार कर सकता है और साथ ही सरकारों को यह संदेश भी देता है कि कोई भी असंवैधानिक कदम जनता के भारी विरोध का सामना कर सकता है।
निष्कर्ष
अखिलेश यादव का यह बयान स्पष्ट करता है कि आरक्षण की सुरक्षा के लिए किए जा रहे प्रयास न केवल लोकतांत्रिक अधिकार हैं बल्कि समाज की जरूरत भी हैं। भारत बंद जैसे आंदोलनों से यह साफ है कि देश के शोषित और वंचित वर्ग अपने अधिकारों के प्रति सजग हैं और किसी भी प्रकार की आरक्षण से छेड़छाड़ को बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस जन आंदोलन का समर्थन करके, अखिलेश यादव ने एक बार फिर जनता के मुद्दों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है।
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