बांग्लादेश प्रधानमंत्री शेख हसीना का इस्तीफा: हिंडन एयर बेस पर उतरीं, भारत की सुरक्षा एजेंसियां सतर्क
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारी विरोध प्रदर्शन के बीच अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गई हैं। उन्होंने सोमवार को ढाका छोड़कर भारतीय वायुसेना के हिंडन एयर बेस पर लैंड किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बांग्लादेश की स्थिति के बारे में जानकारी दी गई और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने पूर्व बांग्लादेश प्रधानमंत्री से मुलाकात की।
भारतीय सेना और बीएसएफ ने जारी किया हाई अलर्ट
बांग्लादेश में हिंसा के चलते भारतीय सेना और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर हाई अलर्ट जारी किया है। बीएसएफ ने 4,096 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा पर सभी अपने ठिकानों पर उच्च सतर्कता का आदेश दिया है। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में पेट्रापोल बॉर्डर पर भी हाई अलर्ट लागू किया गया है।
अंतरिम सरकार की घोषणा और प्रदर्शनकारियों से शांति की अपील
बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज़-ज़मान ने घोषणा की है कि एक अंतरिम सरकार का गठन किया जाएगा और प्रदर्शनकारियों से हिंसा समाप्त करने की अपील की है। सेना प्रमुख ने कहा, “आप मुझ पर विश्वास करें, हम सब मिलकर काम करेंगे। कृपया संघर्ष से बचें। हमने एक सुंदर देश का निर्माण किया है, उसे बर्बाद न करें।”
भारतीय वायुसेना और एयर इंडिया की तैयारियां
शेख हसीना के भारत आगमन के बाद भारतीय वायुसेना ने अपने पूर्वी सेक्टर के सभी कर्मियों को अलर्ट पर रखा है। इसके अलावा, एयर इंडिया और इंडिगो ने ढाका के लिए अपनी सभी उड़ानों को रद्द कर दिया है। एयर इंडिया ने यात्रियों के लिए एक बार के निःशुल्क रद्दीकरण और पुनर्निर्धारण का विकल्प भी प्रदान किया है।
मेघालय और अन्य राज्यों में सुरक्षा उपाय
मेघालय ने बांग्लादेश के साथ अपनी सीमा पर रात का कर्फ्यू लागू कर दिया है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने बांग्लादेश के मौजूदा हालात को देखते हुए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता
बांग्लादेश से आए सी-130 विमान के भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने के तुरंत बाद भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान हवा में उठे और उन्होंने विमान पर नजर रखी। भारतीय वायुसेना और सेना ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी की है।
इस पूरे घटनाक्रम के बीच बांग्लादेश में हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। सोमवार को हुए संघर्ष में कम से कम 56 लोगों की मौत हो गई है। यह घटनाएं बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिरता के लिए गंभीर चुनौती बन गई हैं और भविष्य में इसके व्यापक प्रभाव हो सकते हैं।
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