भारत में इज़राइल के राजदूत, रूवेन अजार ने NDTV को दिए गए एक विशेष साक्षात्कार में स्पष्ट किया कि इज़राइल क्षेत्र में शांति चाहता है, लेकिन ईरान के सीधे या अप्रत्यक्ष हमलों का प्रत्युत्तर देने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। उन्होंने बताया कि इज़राइल के हमलों का उद्देश्य ईरान की हवाई सुरक्षा और मिसाइल कार्यक्रम से संबंधित सैन्य ठिकानों को निशाना बनाना था, जोकि एक स्पष्ट संदेश है कि इज़राइल अपनी सुरक्षा पर समझौता नहीं करेगा। अजार ने यह भी संकेत दिया कि इज़राइल के पास अधिक शक्तिशाली हमलों की क्षमता है लेकिन उसने संयम दिखाते हुए सीमित प्रतिक्रिया ही दी।
ईरान ने हाल ही में इज़राइल पर लगभग 181 मिसाइलें दागी थीं, जिसके बाद इज़राइल ने इस जवाबी हमला किया। ईरान द्वारा प्रतिक्रिया में दी गई चेतावनी के संबंध में राजदूत ने कहा कि इज़राइल अमेरिका सहित अपने अन्य सहयोगियों के साथ पूरी तरह से समन्वय में है। उन्होंने यह भी बताया कि इज़राइल का उद्देश्य हमास की सैन्य क्षमताओं को समाप्त करना और देश की सीमा की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।
उन्होंने लेबनान की सीमा पर स्थित इस्राइली क्षेत्रों को सुरक्षित करने के बारे में भी चर्चा की, जहाँ हिजबुल्लाह के हमलों की आशंका बनी रहती है। इज़राइल ने हिजबुल्लाह की दशकों पुरानी सैन्य संरचना को नष्ट करने का कार्य किया है और भविष्य में भी ईरान या हिजबुल्लाह से किसी भी प्रकार के हमले का सख्ती से जवाब देगा।
अंत में, राजदूत ने यह भी कहा कि इज़राइल के साथ शांतिपूर्ण वार्ता के रास्ते हमेशा खुले हैं, लेकिन इसके लिए ईरान को क्षेत्र में नए हालात स्वीकार करने होंगे और ईरान को भविष्य में आक्रमण करने की सूरत में भारी कीमत चुकानी होगी।
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