26 अक्टूबर 2024 की सुबह इज़राइली रक्षा बलों ने ईरान के सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले शुरू किए, जो कि एक सटीक और योजनाबद्ध कार्रवाई थी। इज़राइली सेना ने कहा कि यह हमले तेहरान के उन सैन्य ठिकानों पर किए गए हैं जहाँ से ईरान ने हमले की योजना बनाई थी। यह हमला “कई महीनों से जारी ईरान की सैन्य आक्रामकता” के जवाब में किया गया है, जिसमें ईरान के सैनिक और उसके समर्थन से चलने वाले गुट शामिल हैं।
ईरान का बैलिस्टिक मिसाइल हमला
1 अक्टूबर को ईरान ने लगभग 200 बैलिस्टिक मिसाइलें इज़राइल पर दागीं, जो छह महीनों में दूसरी बार ईरान का सीधा हमला था। इस हमले में कई क्षेत्रों को निशाना बनाया गया, जिससे व्यापक स्तर पर जानमाल का नुकसान हुआ। इसे ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 2 का नाम दिया गया और यह कार्रवाई मुख्य रूप से उन ठिकानों पर की गई थी जिन्हें ईरान इज़राइल के खिलाफ हमलों में सामरिक मानता है।
ईरान की प्रतिक्रिया की तैयारी
इज़राइल के हमलों के जवाब में, ईरान की अर्ध-सरकारी समाचार एजेंसी तसनीम ने बताया कि ईरान ने “इज़राइल की आक्रामकता” का उचित जवाब देने की तैयारी कर ली है। ईरान का कहना है कि अगर इज़राइल उसके किसी भी हिस्से पर हमला करता है, तो वह अनुपातिक प्रतिक्रिया देगा।
क्षेत्रीय प्रभाव
इस संघर्ष का असर अन्य देशों पर भी पड़ा है। इराक ने अपनी सभी उड़ानों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है, जिससे क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच परिवहन व्यवस्था प्रभावित हुई है। सीरिया में भी इज़राइली हवाई हमलों के कारण विभिन्न सैन्य ठिकानों पर हमले हुए हैं, और वहाँ के रक्षा तंत्र ने कुछ मिसाइलों को रोकने का दावा किया है।
अमेरिकी भूमिका
संयुक्त राज्य अमेरिका के रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने इज़राइली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के साथ वार्ता की, जिसमें क्षेत्र की मौजूदा स्थिति पर चर्चा हुई। अमेरिका ने इज़राइल को सैन्य सहायता देने का आश्वासन दिया है और इस संघर्ष में किसी भी अमेरिकी हस्तक्षेप से पहले सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर विचार किया जा रहा है।
विस्फोटों की घटनाएँ
तेहरान और आसपास के क्षेत्रों में कई धमाके सुने गए हैं, जिनमें से कई का कारण एयर डिफेंस सिस्टम का सक्रिय होना बताया जा रहा है। स्थानीय मीडिया ने बताया कि राजधानी के पूर्वी हिस्से में कम से कम चार धमाके सुने गए, जिससे सुरक्षा को लेकर स्थिति और गंभीर हो गई है।
वर्तमान स्थिति और आगे की संभावनाएँ
पश्चिम एशिया में इस संघर्ष के कारण बढ़ते तनाव के साथ, इस क्षेत्र के सभी देशों की सुरक्षा और आर्थिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि यह संघर्ष नियंत्रण से बाहर होता है, तो यह एक व्यापक क्षेत्रीय युद्ध का रूप ले सकता है जिसमें प्रमुख वैश्विक शक्तियाँ भी शामिल हो सकती हैं।
पश्चिम एशिया की वर्तमान स्थिति गंभीर है, और इज़राइल तथा ईरान के बीच तनाव का असर पूरे क्षेत्र पर पड़ रहा है। दोनों देशों के बीच इस तरह की आक्रामकता की घटना ने एक बड़े संघर्ष की आशंका को जन्म दिया है, जिसमें कई और देशों की संलिप्तता संभावित है। यह स्थिति वैश्विक स्तर पर शांति और सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती प्रस्तुत करती है।
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