केरल की पलक्कड़ जिले की रहने वाली नर्स निमिषा प्रिया, जो इस समय यमन की राजधानी सना की जेल में बंद हैं, को मौत की सजा सुनाई गई है। ईरान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि ईरान इस मामले में मानवीय आधार पर हर संभव मदद करेगा।
37 वर्षीय निमिषा प्रिया पर 2017 में एक यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या का आरोप है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, महदी को कथित रूप से प्रिया ने एक दवा का ओवरडोज़ दिया था ताकि वह अपना पासपोर्ट वापस पा सके।
ईरान का समर्थन
दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए ईरान के अधिकारी ने कहा, “हम इस मुद्दे को उठाएंगे। ऐसा लगता है कि उन्हें हत्या के आरोप में सजा सुनाई गई है। हम इस मामले में मानवीय आधार पर हर संभव सहायता करेंगे।”
भारत सरकार का हस्तक्षेप
भारत सरकार भी निमिषा प्रिया को न्याय दिलाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयसवाल ने मंगलवार को कहा, “हम निमिषा प्रिया के मामले से अवगत हैं। सरकार इस मामले में सभी संभावित विकल्प तलाश रही है और परिवार को पूरी मदद दे रही है।”
परिवार की अपील
निमिषा प्रिया की मां, प्रेमा कुमारी, जो इस समय सना में हैं, ने भारत सरकार से भावुक अपील की है। एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा, “यह मेरी आखिरी विनती है। मेरी बेटी के पास बहुत कम समय बचा है। कृपया केंद्र और अन्य अधिकारी इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करें।”
यमन की अदालत का फैसला
2020 में यमन की एक ट्रायल कोर्ट ने निमिषा को मौत की सजा सुनाई थी। हाल ही में, नवंबर 2023 में यमन की सुप्रीम जुडिशियल काउंसिल ने इस फैसले को बरकरार रखा। अब यमन के राष्ट्रपति रशाद अल-अलीमी ने भी इस सजा को मंजूरी दे दी है।
कार्यसमिति की कोशिशें
प्रिया के समर्थन में काम कर रही एक्शन काउंसिल ने फंड जुटाने और कानूनी मदद प्रदान करने के लिए काफी मेहनत की है। प्रिया की मां ने इस काउंसिल और भारत सरकार के प्रयासों की सराहना की, लेकिन समय पर कदम उठाने की गुहार लगाई।
निमिषा प्रिया के जीवन को बचाने के लिए यह एक निर्णायक समय है। भारत और ईरान दोनों इस मामले में प्रयास कर रहे हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले दिनों में कौन से कदम उठाए जाते हैं।
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